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बॉक्सिंग के लिए गोल्डन गर्ल ने छोड़ दी थी 10वीं की पढ़ाई, अब स्वीडन में रचा कीर्तिमान - उत्तराखंड की खबर

निवेदिता कार्की ने अन्तरराष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता है. बॉक्सिंग प्रशिक्षण के लिए निवेदिता ने 10वीं की पढ़ाई छोड़ दी थी.

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गोल्डन गर्ल निवेदिता
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Published : Feb 5, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 11:18 PM IST

पिथौरागढ़: जिले के सीमांत गांव रणुवा की गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर स्वीडन के बोरास में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता है. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए निवेदिता ने अपनी बोर्ड की पढ़ाई तक छोड़ दी थी. निवेदिता का जुनून ही है कि उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा के बजाए बॉक्सिंग प्रशिक्षण को तवज्जो दी. बेटी की तरक्की के लिए परिवार ने भी पूरा सहयोग किया. आज निवेदिता की उपलब्धि पर उनका पूरा परिवार खुश है.

गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने मात्र 15 वर्ष 10 महीने की उम्र में अंतरराष्ट्रीय खिताब अपनी झोली में डाला है. 2 फरवरी को हुए मुकाबले में निवेदिता ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में आयरलैंड की कैरलैग मारिया को 5-0 से पराजित किया. बॉक्सिंग के प्रति निवेदिता का जुनून कक्षा 8 से शुरू हुआ. उन्होंने पिथौरागढ़ के देवसिंह मैदान में कोच प्रकाश जंग थापा से बॉक्सिंग की बारीकियों को सीखा, बाद में वे आवासीय बालिका बॉक्सिंग क्रीड़ा छात्रावास पिथौरागढ़ की छात्रा रहीं, जहां प्रशिक्षक सुनीता मेहता से प्रशिक्षण प्राप्त किया.

गोल्डन गर्ल निवेदिता

ये भी पढ़े: देहरादून: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक, वन मंत्री ने अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

छात्रावास में प्रशिक्षण के दौरान ही मार्च 2019 में निवेदिता का चयन खेलो इंडिया योजना के तहत नेशनल एकेडमी रोहतक (हरियाणा) के लिए हुआ. तब निवेदिता 10वीं में पढ़ती थीं और उसी दौरान बोर्ड की परीक्षा होनी थी, लेकिन बॉक्सिंग की बेहतरीन खिलाड़ी निवेदिता के परिवार ने 10वीं की परीक्षा के बजाय उसके खेल प्रशिक्षण को अहमियत दी.

यह निवेदिता का त्याग ही जो बेहतरीन परिणाम लेकर आया है. निवेदिता इस वर्ष रोहतक से ही 10वीं की पढ़ाई कर रही हैं. वर्तमान में निवेदिता नेशनल एकेडमी रोहतक में भारतीय यूथ महिला बॉक्सिंग टीम के मुख्य प्रशिक्षक भाष्कर चंद्र भट्ट से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं.

पिथौरागढ़: जिले के सीमांत गांव रणुवा की गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर स्वीडन के बोरास में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता है. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए निवेदिता ने अपनी बोर्ड की पढ़ाई तक छोड़ दी थी. निवेदिता का जुनून ही है कि उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा के बजाए बॉक्सिंग प्रशिक्षण को तवज्जो दी. बेटी की तरक्की के लिए परिवार ने भी पूरा सहयोग किया. आज निवेदिता की उपलब्धि पर उनका पूरा परिवार खुश है.

गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने मात्र 15 वर्ष 10 महीने की उम्र में अंतरराष्ट्रीय खिताब अपनी झोली में डाला है. 2 फरवरी को हुए मुकाबले में निवेदिता ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में आयरलैंड की कैरलैग मारिया को 5-0 से पराजित किया. बॉक्सिंग के प्रति निवेदिता का जुनून कक्षा 8 से शुरू हुआ. उन्होंने पिथौरागढ़ के देवसिंह मैदान में कोच प्रकाश जंग थापा से बॉक्सिंग की बारीकियों को सीखा, बाद में वे आवासीय बालिका बॉक्सिंग क्रीड़ा छात्रावास पिथौरागढ़ की छात्रा रहीं, जहां प्रशिक्षक सुनीता मेहता से प्रशिक्षण प्राप्त किया.

गोल्डन गर्ल निवेदिता

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छात्रावास में प्रशिक्षण के दौरान ही मार्च 2019 में निवेदिता का चयन खेलो इंडिया योजना के तहत नेशनल एकेडमी रोहतक (हरियाणा) के लिए हुआ. तब निवेदिता 10वीं में पढ़ती थीं और उसी दौरान बोर्ड की परीक्षा होनी थी, लेकिन बॉक्सिंग की बेहतरीन खिलाड़ी निवेदिता के परिवार ने 10वीं की परीक्षा के बजाय उसके खेल प्रशिक्षण को अहमियत दी.

यह निवेदिता का त्याग ही जो बेहतरीन परिणाम लेकर आया है. निवेदिता इस वर्ष रोहतक से ही 10वीं की पढ़ाई कर रही हैं. वर्तमान में निवेदिता नेशनल एकेडमी रोहतक में भारतीय यूथ महिला बॉक्सिंग टीम के मुख्य प्रशिक्षक भाष्कर चंद्र भट्ट से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं.

Intro:जब टूटने लगे हौसला तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो-ताज नहीं होते,
ढूंढ़ लेते है अंधेरों में भी मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।

इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है, पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गांव रणुवा की गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने। निवेदिता ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर स्वीडन के बोरास में आयोजित अंतराष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग में भारत की झोली में स्वर्ण पदक डाला है। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए निवेदिता ने अपनी बोर्ड की पढ़ाई तक छोड़ दी। निवेदिता का जुनून ही है कि उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा के बजाए बॉक्सिंग प्रशिक्षण को तवज्जो दी। बेटी की तरक्की के लिए परिवार ने भी पूरा सहयोग किया। आज निवेदिता की स्वर्णिम उपलब्धि पर उनका पूरा परिवार गदगद है।

Body:गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने मात्र 15 वर्ष 10 महीने की उम्र में अंतरराष्ट्रीय खिताब अपनी झोली में डाला है। दो फरवरी को हुए खिताबी मुकाबले में निवेदिता ने 48 किलो भारवर्ग में आयरलैंड की कैरलैग मारिया को 5-0 से पराजित किया। बॉक्सिंग के प्रति निवेदिता का जुनून कक्षा 8 से शुरू हुआ। उन्होंने पिथौरागढ़ के देवसिंह मैदान में कोच प्रकाश जंग थापा से बॉक्सिंग की बारीकियां सीखीं। बाद में वह आवासीय बालिका बॉक्सिंग क्रीड़ा छात्रावास पिथौरागढ़ की छात्रा रहीं, जहां प्रशिक्षक सुनीता मेहता से प्रशिक्षण प्राप्त करतीं थीं। छात्रावास में प्रशिक्षण के दौरान ही मार्च 2019 में निवेदिता का चयन खेलो इंडिया योजना के तहत नेशनल एकेडमी रोहतक (हरियाणा) के लिए हुआ। तब निवेदिता 10वीं में पढ़ती थी और उसी दौरान बोर्ड की परीक्षा होनी थी लेकिन बॉक्सिंग की बेहतरीन खिलाड़ी निवेदिता के परिवार ने 10वीं की परीक्षा के बजाय उसके खेल प्रशिक्षण को अहमियत दी। आज निवेदिता का ये त्याग बेहतरीन परिणाम लेकर आया है। निवेदिता इस वर्ष रोहतक से ही 10वीं की पढ़ाई कर रही हैं। वर्तमान में निवेदिता नेशनल एकेडमी रोहतक में भारतीय यूथ महिला बॉक्सिंग टीम के मुख्य प्रशिक्षक भाष्कर चंद्र भट्ट से प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। अभी उनका परिवार देहरादून में रहता है।

Byte: पुष्पा कार्की, निवेदिता की मां (सर ये बाइट देहरादून से मंगाई थी, परिवार देहरादून में ही है। )Conclusion:
Last Updated : Feb 5, 2020, 11:18 PM IST
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