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नेपाली FM में भारत विरोधी 'सुर', लोगों में आक्रोश

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Published : Jun 26, 2020, 8:02 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 9:32 PM IST

पिथौरागढ़ जिले से लगा नेपाल के दार्चुला और बैतड़ी जिले में नेपाल के कुल 8 रेडियो स्टेशन हैं. जिन्हें उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी सुना जा सकता है. भारत विरोधी गानों के कारण पिथौरागढ़ के लोगों ने नेपाली एफएम चैनलों का विरोध किया है.

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भारत विरोधी 'सुर' पर सीमांत के लोगों में आक्रोश

पिथौरागढ़: चीन के बाद अब नेपाल भी भारत को आंख दिखाने लगा है. कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद अब नेपाल ने अपने नागरिकों को भारत के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एफएम रेडियो स्टेशन से नेपाल, भारत विरोधी गाने चला रहा है. जिसके कारण सीमांत के लोगों में आक्रोश है.

पिथौरागढ़ जिले से लगा नेपाल के दार्चुला और बैतड़ी जिले में नेपाल के कुल 8 रेडियो स्टेशन हैं. जिन्हें उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी सुना जा सकता है. सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के लोगों ने जहां इसका विरोध जताया है, वहीं नेपाली मामलों के जानकार प्रेम पुनेठा का कहना है कि दोनों देशों के आपसी रिश्तों को देखते हुए इस प्रकार के गीतों के प्रसारण पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा अगर नेपाल ऐसा नहीं करता है तो भारत को भी सांस्कृतिक गीतों के प्रसारण के जरिए नेपाल को जवाब देना चाहिए.

भारत विरोधी 'सुर' पर सीमांत के लोगों में आक्रोश

पढ़ें- एक जुलाई से श्रद्धालु कर सकेंगे जागेश्वर धाम के दर्शन, सोशल-डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन
वहीं, भारत-नेपाल सीमा विवाद के बाद नेपाली एफएम में भारत विरोधी गानों के प्रसारण से सीमांत क्षेत्र के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. इन गानों में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना बताते हुए इसे भारत से छुड़ाने की बात कही जा रही है. यही नहीं सोशल मीडिया के जरिये भी नेपाल लोगों को भारत के खिलाफ भड़का रहा है.

पिथौरागढ़: चीन के बाद अब नेपाल भी भारत को आंख दिखाने लगा है. कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद अब नेपाल ने अपने नागरिकों को भारत के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एफएम रेडियो स्टेशन से नेपाल, भारत विरोधी गाने चला रहा है. जिसके कारण सीमांत के लोगों में आक्रोश है.

पिथौरागढ़ जिले से लगा नेपाल के दार्चुला और बैतड़ी जिले में नेपाल के कुल 8 रेडियो स्टेशन हैं. जिन्हें उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी सुना जा सकता है. सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के लोगों ने जहां इसका विरोध जताया है, वहीं नेपाली मामलों के जानकार प्रेम पुनेठा का कहना है कि दोनों देशों के आपसी रिश्तों को देखते हुए इस प्रकार के गीतों के प्रसारण पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा अगर नेपाल ऐसा नहीं करता है तो भारत को भी सांस्कृतिक गीतों के प्रसारण के जरिए नेपाल को जवाब देना चाहिए.

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वहीं, भारत-नेपाल सीमा विवाद के बाद नेपाली एफएम में भारत विरोधी गानों के प्रसारण से सीमांत क्षेत्र के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. इन गानों में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना बताते हुए इसे भारत से छुड़ाने की बात कही जा रही है. यही नहीं सोशल मीडिया के जरिये भी नेपाल लोगों को भारत के खिलाफ भड़का रहा है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 9:32 PM IST
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