पिथौरागढ़/चंपावत/अल्मोड़ा/काशीपुरः देशभर में राष्ट्रीय बालिका दिवस धूमधाम से मनाया गया. इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी बालिका दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. कई जगहों पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या और महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरुकता रैली निकाली गई. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली बालिकाओं और महिलाओं को सम्मानित किया गया.
बता दें कि हर साल भारत में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने की थी. इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरुक करना है.
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पिथौरागढ़
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत रैली का आयोजन किया गया. साथ ही लंदन फोर्ट में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में पोषण प्रदर्शनी और स्वास्थ्य कैंप भी लगाया गया. साथ ही करियर काउंसिलिंग भी की गई.
बेरीनाग
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर नेहरू युवा केंद्र की ओर से बेरीनाग में जागरुकता रैली निकाली. रैली को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता प्रदीप माहरा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बेटियों को अपने अधिकार के लिए आगे आना चाहिए. बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाना चाहिए. बेटियों पर गर्व करने के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा का विरोध करना चाहिए. उन्होंने बेटियों पर हो रहे हमले पर भी चिंता जताई.
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चंपावत
गौरलचौड़ मैदान में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. जिसमें ऐपण और पतंग उड़ाने की प्रतियागिता कराई गई. जबकि कराटे, रीवर राफ्टिंग, महिला सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं व बालिकाओं को सम्मानित किया गया.
वहीं, इस महीने पैदा हुई नवजात कन्याओं के परिजनों को गर्म कंबल भी वितरित किए गए. जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय ने कहा कि योजना में ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं को प्रोत्साहन, लोगों की बेटियों के प्रति मानसिकता में बदलाव, महिला सुरक्षा और नारी सशक्तिकरण योजनाओं को प्राथमिकता देना है.
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अल्मोड़ा
बालिका दिवस के अवसर पर हवालबाग इंटर कालेज में स्कूली बच्चों ने पौधारोपण भी किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि समाज में व्याप्त कुरुतियों और रूढ़िवाद सोच को मिटाने के लिए काम करने की जरूरत है. समाज में आज भी बेटी और बेटों की बीच असमानता व्याप्त है. जिसे जन जागरुकता के माध्यम से दूर किया जाना जरूरी है.
काशीपुर
काशीपुर में भी बाल विकास विभाग की ओर से कई स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसी के तहत नींझडा गांव में स्थित ब्लूमिंग स्कूल में नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक किया गया. जहां पर छात्र-छात्राओं ने बेटा और बेटी में भेदभाव नहीं करने और बेटा-बेटी के साथ एक जैसा व्यवहार करने का संदेश दिया. साथ ही गिरते लिंगानुपात पर चिंता जाहिर की.