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पिथौरागढ़ की 'मुस्कान': 19 साल की उम्र में बनी पहली कॉमर्शियल पायलट, सेना ज्वॉइन करना है सपना

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Published : May 14, 2019, 2:50 PM IST

पिथौरागढ़ की पहली महिला कॉमर्शियल पायलट बनकर मुस्कान ने सीमांत जिले का मान बढ़ाया है. 19 साल की उम्र में ये सफलता हासिल करने वाली मुस्कान का दूसरा लक्ष्य भारतीय सेना ज्वॉइन करना है.

मुस्कान के कंधे पर बैच लगाती उनकी मां.

पिथौरागढ़: टूटने लगे हौसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख्तों-ताज नहीं होते, ढूंढ लेते हैं अंधेरों में भी मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते...इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है सीमांत जिले की दारमा घाटी के सोन गांव निवासी मुस्कान सिंह ने. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर 19 वर्षीय मुस्कान सीमांत जिले की पहली महिला कॉमर्शियल पायलट बन गई हैं. अब उनका दूसरा लक्ष्य भारतीय सेना ज्वॉइन करना है.

muskan of darma vallery becomes the first commercial pilot of pithoragarh
अपनी मां के साथ पायलट मुस्कान.

चीन और नेपाल सीमा से लगी दारमा घाटी के सोन गांव निवासी भूप सिंह सोनाल की बेटी मुस्कान सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली में कॉमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण लिया है. एकेडमी में ढाई साल के प्रशिक्षण के बाद मुस्कान ने कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस का प्रशिक्षण पूरा कर ये उपलब्धि हासिल की.

muskan of darma becomes the first commercial pilot of pithoragarh
मुस्कान बनी पिथौरागढ़ की कॉमर्शियल पायलट.

पढ़ें- बरसात से पहले सहमे नदी किनारे बसे लोग, अभी तक नहीं हुआ आपदा से निपटने का इंतजाम

200 घंटे तक विमान उड़ाने के अनुभव के बाद मुस्कान को ये कॉमर्शियल फ्लाइट का लाइसेंस मिला है. एकेडमी की चीफ इंस्ट्रक्टर कुंजल भट्ट और मुस्कान की मां बसंती सोनाल ने रविवार को उनके कंधे पर बैच लगाया. अब जल्द दारमा घाटी के सोन गांव की मुस्कान सिंह कॉमर्शियल विमान उड़ाएंगी. मुस्कान का कहना है कि वो हमेशा से ही आकाश में उड़ान भरना चाहती थीं.

भारतीय सेना ज्वॉइन करना है लक्ष्य

मुस्कान सिंह सोनाल ने लखनऊ से वर्ष 2015 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. मुस्कान के पिता भूप सिंह सोनाल एसबीआई झारखंड में चीफ मैनेजर पद पर कार्यरत हैं जबकि माता बसंती सोनाल गृहिणी हैं. मुस्कान की इस सफलता पर परिवार समेत सीमांत क्षेत्र दारमा में खुशी की लहर है. भविष्य में मुस्कान भारतीय सेना ज्वॉइन करना चाहती हैं.

पिथौरागढ़: टूटने लगे हौसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख्तों-ताज नहीं होते, ढूंढ लेते हैं अंधेरों में भी मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते...इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है सीमांत जिले की दारमा घाटी के सोन गांव निवासी मुस्कान सिंह ने. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर 19 वर्षीय मुस्कान सीमांत जिले की पहली महिला कॉमर्शियल पायलट बन गई हैं. अब उनका दूसरा लक्ष्य भारतीय सेना ज्वॉइन करना है.

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अपनी मां के साथ पायलट मुस्कान.

चीन और नेपाल सीमा से लगी दारमा घाटी के सोन गांव निवासी भूप सिंह सोनाल की बेटी मुस्कान सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली में कॉमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण लिया है. एकेडमी में ढाई साल के प्रशिक्षण के बाद मुस्कान ने कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस का प्रशिक्षण पूरा कर ये उपलब्धि हासिल की.

muskan of darma becomes the first commercial pilot of pithoragarh
मुस्कान बनी पिथौरागढ़ की कॉमर्शियल पायलट.

पढ़ें- बरसात से पहले सहमे नदी किनारे बसे लोग, अभी तक नहीं हुआ आपदा से निपटने का इंतजाम

200 घंटे तक विमान उड़ाने के अनुभव के बाद मुस्कान को ये कॉमर्शियल फ्लाइट का लाइसेंस मिला है. एकेडमी की चीफ इंस्ट्रक्टर कुंजल भट्ट और मुस्कान की मां बसंती सोनाल ने रविवार को उनके कंधे पर बैच लगाया. अब जल्द दारमा घाटी के सोन गांव की मुस्कान सिंह कॉमर्शियल विमान उड़ाएंगी. मुस्कान का कहना है कि वो हमेशा से ही आकाश में उड़ान भरना चाहती थीं.

भारतीय सेना ज्वॉइन करना है लक्ष्य

मुस्कान सिंह सोनाल ने लखनऊ से वर्ष 2015 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. मुस्कान के पिता भूप सिंह सोनाल एसबीआई झारखंड में चीफ मैनेजर पद पर कार्यरत हैं जबकि माता बसंती सोनाल गृहिणी हैं. मुस्कान की इस सफलता पर परिवार समेत सीमांत क्षेत्र दारमा में खुशी की लहर है. भविष्य में मुस्कान भारतीय सेना ज्वॉइन करना चाहती हैं.

Intro:पिथौरागढ़: टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हांसिल तख्तो ताज नही होते, ढूंढ लेते है अंधेरो में भी मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नही होते। इस पंक्तियों को सच कर दिखाया है दारमा घाटी के सोन गाँव निवासी मुस्कान सिंह ने। मुस्कान ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर सीमांत जिले की पहली महिला पायलट होने का गौरव प्राप्त किया है। मुस्कान वायुसेना में पायलट बनकर देश की सेवा करना चाहती है। चीन और नेपाल सीमा से लगी दारमा घाटी के सोन गाँव निवासी भूप सिंह सोनाल की बेटी मुस्कान सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली से कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। एकेडमी में ढाई साल के प्रशिक्षण के बाद मुस्कान ने सीपीएल का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। 200 घंटे तक विमान उड़ाने के अनुभव के बाद मुस्कान को व्यावसायिक फ्लाइट का लाइसेंस मिल गया है। मुस्कान का कहना है कि वो सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहती है। आपको बता दे कि मुस्कान के पिता भूप सिंह सोनाल एसबीआई झारखंड में चीफ मैनेजर पद पर कार्यरत है। जबकि माता बसंती सोनाल गृहिणी है। मुस्कान की इस सफलता पर परिवार समेत सीमांत क्षेत्र दारमा में खुसी की लहर है।


Body:पिथौरागढ़: टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हांसिल तख्तो ताज नही होते, ढूंढ लेते है अंधेरो में भी मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नही होते। इस पंक्तियों को सच कर दिखाया है दारमा घाटी के सोन गाँव निवासी मुस्कान सिंह ने। मुस्कान ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर सीमांत जिले की पहली महिला पायलट होने का गौरव प्राप्त किया है। मुस्कान वायुसेना में पायलट बनकर देश की सेवा करना चाहती है। चीन और नेपाल सीमा से लगी दारमा घाटी के सोन गाँव निवासी भूप सिंह सोनाल की बेटी मुस्कान सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली से कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। एकेडमी में ढाई साल के प्रशिक्षण के बाद मुस्कान ने सीपीएल का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। 200 घंटे तक विमान उड़ाने के अनुभव के बाद मुस्कान को व्यावसायिक फ्लाइट का लाइसेंस मिल गया है। मुस्कान का कहना है कि वो सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहती है। आपको बता दे कि मुस्कान के पिता भूप सिंह सोनाल एसबीआई झारखंड में चीफ मैनेजर पद पर कार्यरत है। जबकि माता बसंती सोनाल गृहिणी है। मुस्कान की इस सफलता पर परिवार समेत सीमांत क्षेत्र दारमा में खुसी की लहर है।


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