पिथौरागढ़: टूटने लगे हौसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख्तों-ताज नहीं होते, ढूंढ लेते हैं अंधेरों में भी मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते...इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है सीमांत जिले की दारमा घाटी के सोन गांव निवासी मुस्कान सिंह ने. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर 19 वर्षीय मुस्कान सीमांत जिले की पहली महिला कॉमर्शियल पायलट बन गई हैं. अब उनका दूसरा लक्ष्य भारतीय सेना ज्वॉइन करना है.
चीन और नेपाल सीमा से लगी दारमा घाटी के सोन गांव निवासी भूप सिंह सोनाल की बेटी मुस्कान सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली में कॉमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण लिया है. एकेडमी में ढाई साल के प्रशिक्षण के बाद मुस्कान ने कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस का प्रशिक्षण पूरा कर ये उपलब्धि हासिल की.
पढ़ें- बरसात से पहले सहमे नदी किनारे बसे लोग, अभी तक नहीं हुआ आपदा से निपटने का इंतजाम
200 घंटे तक विमान उड़ाने के अनुभव के बाद मुस्कान को ये कॉमर्शियल फ्लाइट का लाइसेंस मिला है. एकेडमी की चीफ इंस्ट्रक्टर कुंजल भट्ट और मुस्कान की मां बसंती सोनाल ने रविवार को उनके कंधे पर बैच लगाया. अब जल्द दारमा घाटी के सोन गांव की मुस्कान सिंह कॉमर्शियल विमान उड़ाएंगी. मुस्कान का कहना है कि वो हमेशा से ही आकाश में उड़ान भरना चाहती थीं.
भारतीय सेना ज्वॉइन करना है लक्ष्य
मुस्कान सिंह सोनाल ने लखनऊ से वर्ष 2015 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. मुस्कान के पिता भूप सिंह सोनाल एसबीआई झारखंड में चीफ मैनेजर पद पर कार्यरत हैं जबकि माता बसंती सोनाल गृहिणी हैं. मुस्कान की इस सफलता पर परिवार समेत सीमांत क्षेत्र दारमा में खुशी की लहर है. भविष्य में मुस्कान भारतीय सेना ज्वॉइन करना चाहती हैं.