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मकालू पर्वत आरोहण के दौरान मृत जवान नारायण सिंह का शव पहुंचा धारचूला, दी गई श्रद्धांजलि

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Published : May 29, 2019, 5:51 PM IST

मकालू चोटी आरोहण कर लौटते समय शहीद हुए जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर 14 दिनों बाद पहुंचा पैतृक गांव.

जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर.

पिथौरागढ़: दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी मकालू फतह करके लौटते समय शहीद हुए जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव कनार के लिए रवाना हुआ. जवान के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से धारचूला कुमाऊं स्काउट पहुंचाया गया. यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान को श्रद्धांजलि दी गई और उनके गांव कतार के लिए रवाना कर दिया गया.

पर्वतारोही नारायण सिंह का पार्थिव शरीर पैतृक गांव के लिए रवाना.

दरअसल, बर्फ में दबने की वजह से पर्वतारोही जवान नारायण सिंह की मौत हो गई थी. 14 दिन बाद जवान का पार्थिव शरीर आज सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से धारचूला लाया गया. पैतृक आवास कनार ले जाने के बाद उनकी अंत्येष्टि होगी. 16 मई को जवान नारायण हादसे का शिकार हुए थे. बताया जा रहा है कि भारतीय सेना का एक दल पिछले महीने नेपाल और तिब्बत को जोड़ने वाली पर्वत श्रृंखला मकालु अभियान के लिए निकला था. इस दल में कनार निवासी कुमाऊं स्काउट के जवान नारायण सिंह परिहार भी शामिल थे.

पढ़ें- 30 मई को घोषित होंगे उत्तराखंड बोर्ड के परिणाम, यहां देखें रिजल्ट

ये दल 8485 मीटर ऊंची चोटी को फतह करने में कामयाब रहा. लेकिन, वापसी के दौरान हिमस्खलन में दबने से जवान नारायण सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए. हिमस्खलन की वजह से जवान का शव ढूंढने में देरी हुई, जिस वजह से बुधवार को 14 दिन बाद उनका पार्थिव शरीर लाया गया. नारायण सिंह की मौत से सीमांत क्षेत्र धारचूला में शोक की लहर है.

जवान बेटे की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है. जवान नारायण सिंह के पिता वीर सिंह, माता मोतिमा देवी और पत्नी दीपा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. 35 वर्षीय शहीद जवान नारायण सिंह परिहार अपने पीछे एक बेटा और 2 बेटियों को छोड़ गए हैं.

पिथौरागढ़: दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी मकालू फतह करके लौटते समय शहीद हुए जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव कनार के लिए रवाना हुआ. जवान के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से धारचूला कुमाऊं स्काउट पहुंचाया गया. यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान को श्रद्धांजलि दी गई और उनके गांव कतार के लिए रवाना कर दिया गया.

पर्वतारोही नारायण सिंह का पार्थिव शरीर पैतृक गांव के लिए रवाना.

दरअसल, बर्फ में दबने की वजह से पर्वतारोही जवान नारायण सिंह की मौत हो गई थी. 14 दिन बाद जवान का पार्थिव शरीर आज सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से धारचूला लाया गया. पैतृक आवास कनार ले जाने के बाद उनकी अंत्येष्टि होगी. 16 मई को जवान नारायण हादसे का शिकार हुए थे. बताया जा रहा है कि भारतीय सेना का एक दल पिछले महीने नेपाल और तिब्बत को जोड़ने वाली पर्वत श्रृंखला मकालु अभियान के लिए निकला था. इस दल में कनार निवासी कुमाऊं स्काउट के जवान नारायण सिंह परिहार भी शामिल थे.

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ये दल 8485 मीटर ऊंची चोटी को फतह करने में कामयाब रहा. लेकिन, वापसी के दौरान हिमस्खलन में दबने से जवान नारायण सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए. हिमस्खलन की वजह से जवान का शव ढूंढने में देरी हुई, जिस वजह से बुधवार को 14 दिन बाद उनका पार्थिव शरीर लाया गया. नारायण सिंह की मौत से सीमांत क्षेत्र धारचूला में शोक की लहर है.

जवान बेटे की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है. जवान नारायण सिंह के पिता वीर सिंह, माता मोतिमा देवी और पत्नी दीपा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. 35 वर्षीय शहीद जवान नारायण सिंह परिहार अपने पीछे एक बेटा और 2 बेटियों को छोड़ गए हैं.

Intro:नोट- सर इस खबर के विसुअल्स मेल से भेजे है।

पिथौरागढ़: दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी मकालू को फतह कर वापस लौटते समय बर्फ में दबने से शहीद हुए जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर आज 14 दिन बाद उनके पैतृक गांव कनार पहुंचा। जवान का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से धारचूला कुमाऊं स्काउट पहुंचाया गया। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गयी। 35 वर्षीय शहीद जवान नारायण सिंह परिहार अपने पीछे एक पुत्र और 2 पुत्रियों को छोड़ गए है।

भारतीय सेना का एक दल पिछले महीने नेपाल और तिब्बत को जोड़ने वाली पर्वत श्रृंखला मकालु अभियान के लिए निकला था। इस दल में कनार निवासी कुमाऊं स्काउट के जवान नारायण सिंह परिहार भी शामिल थे। 8485 मीटर ऊंची चोटी को फतह करने में ये दल कामियाब रहा। मगर वापसी के दौरान हिमस्खलन में दबने से जवान नारायण सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। हिमस्खलन में जवान का शव ढूंढने में हुई देरी की वजह से आज 14 दिन बाद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक पहुंचाया गया। जवान नारायण सिंह की मौत से सीमांत क्षेत्र धारचूला में शोक की लहर है।







Body:नोट- सर इस खबर के विसुअल्स मेल से भेजे है।

पिथौरागढ़: दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी मकालू को फतह कर वापस लौटते समय बर्फ में दबने से शहीद हुए जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर आज 14 दिन बाद उनके पैतृक गांव कनार पहुंचा। जवान का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से धारचूला कुमाऊं स्काउट पहुंचाया गया। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गयी। 35 वर्षीय शहीद जवान नारायण सिंह परिहार अपने पीछे एक पुत्र और 2 पुत्रियों को छोड़ गए है।

भारतीय सेना का एक दल पिछले महीने नेपाल और तिब्बत को जोड़ने वाली पर्वत श्रृंखला मकालु अभियान के लिए निकला था। इस दल में कनार निवासी कुमाऊं स्काउट के जवान नारायण सिंह परिहार भी शामिल थे। 8485 मीटर ऊंची चोटी को फतह करने में ये दल कामियाब रहा। मगर वापसी के दौरान हिमस्खलन में दबने से जवान नारायण सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। हिमस्खलन में जवान का शव ढूंढने में हुई देरी की वजह से आज 14 दिन बाद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक पहुंचाया गया। जवान नारायण सिंह की मौत से सीमांत क्षेत्र धारचूला में शोक की लहर है।







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