पिथौरागढ़: चंडिका घाट (Chandika ghat) में बीते डेढ़ दशकों से एक अदद पुल नहीं बनने से चार विकासखंडों की हजारों की आबादी प्रभावित हो रही है. स्थानीय लोग लंबे समय से रामगंगा नदी पर मोटरपुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं. मगर शासन-प्रशासन आंखें मूंदे हुए है. अगर ये पुल बनकर तैयार होता है तो पिथौरागढ़ और गंगोलीहाट के बीच की दूरी तो कम होगी. साथ ही ये इलाका पर्यटन सर्किल के रूप में भी तैयार हो सकेगा.
रामगंगा नदी पर 2006 में 80 मीटर का मोटरपुल स्वीकृत हुआ था. लेकिन डेढ़ दशक गुजरने के बावजूद पुल नहीं बन पाया. हालांकि नदी के दोनों ओर रोड की कटिंग पूरी हो गई है. लेकिन पुल नहीं बनने से हजारों आबादी के लिए ये सड़क सफेद हाथी साबित हो रही है. पुल के बनने से गंगोलीहाट, बेरीनाग, कनालीछीना और मूनाकोट ब्लॉक की हजारों की आबादी को लाभ मिलेगा.
साथ ही चंडिका घाट से लेकर पाताल भुवनेश्वर और हाट कालिका तक पर्यटन सर्किल तैयार हो सकेगा और रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे. सैलानी सिर्फ एक दिन में इस सर्किल को पूरा कर सकते हैं. साथ ही पिथौरागढ़ और गंगोलीहाट के बीच दूरी भी 35 किलोमीटर कम हो जाएगी. मगर लंबा समय गुजरने के बावजूद सरकारी तंत्र ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
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अब चुनावी साल में पुल का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है. विपक्षी कांग्रेस ने जहां इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है. वहीं प्रशासन का कहना है कि पुल को बनाने के लिए जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.