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पूर्व सैनिकों को जल्द मिलेगा कैंटीन का लाभ, कैंटीन स्थल का किया निरीक्षण - कर्नल बालवीर सिंह

बेरीनाग और गंगोलीहाट के पूर्व सैनिकों की मांग पर अब जल्द ही राईआगर में मिलिट्री कैंटीन खुलेगी. इसके लिए मंगलवार को कर्नल बलवीर सिंह ने राईआगर पहुंचे और चयनित स्थल का निरीक्षण किया.

Berinag Military Canteen
राईआगर मिलिट्री कैंटीन
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Published : Oct 28, 2020, 9:05 AM IST

बेरीनाग: गंगोलीहाट और बेरीनाग के पूर्व सैनिकों की कैंटीन की मांग लंबे समय बाद पूरी होने जा रही है. पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को कैंटीन की सुविधा देने के लिए सेना ने राईआगर में स्थान का चयन कर लिया है. मंगलवार को कर्नल बलवीर सिंह राईआगर पहुंचे और चयनित स्थल और भवन का निरीक्षण किया.

पूर्व सैनिकों को जल्द मिलेगा कैंटीन का लाभ.

कर्नल बलवीर सिंह ने राईआगर पहुंचकर पूर्व सैनिक संगठन और पूर्व सैनिकों राय ली. इस मौके पर उन्होंने बताया कि शीघ्र यहां पर कैंटीन का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा. कैंटीन खोलने की कार्रवाई अंतिम चरण में है. कैंटीन के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति भी की जा रही है.

पढ़ें- बुग्यालों से गांव की ओर लौट रहे हैं भेड़ पालक, खत्म होने की कगार पर ये परंपरा

पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन एलएस डांगी ने बताया कि लंबे समय से क्षेत्र में कैंटीन खोलने की मांग की जा रही थी, जिससे यहां के पूर्व सैनिकों का लाभ मिल सके. यहां के पूर्व सैनिकों को सामान के लिए पिथौरागढ़ और बागेश्वर नहीं जाना पड़ेगा.

बेरीनाग: गंगोलीहाट और बेरीनाग के पूर्व सैनिकों की कैंटीन की मांग लंबे समय बाद पूरी होने जा रही है. पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को कैंटीन की सुविधा देने के लिए सेना ने राईआगर में स्थान का चयन कर लिया है. मंगलवार को कर्नल बलवीर सिंह राईआगर पहुंचे और चयनित स्थल और भवन का निरीक्षण किया.

पूर्व सैनिकों को जल्द मिलेगा कैंटीन का लाभ.

कर्नल बलवीर सिंह ने राईआगर पहुंचकर पूर्व सैनिक संगठन और पूर्व सैनिकों राय ली. इस मौके पर उन्होंने बताया कि शीघ्र यहां पर कैंटीन का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा. कैंटीन खोलने की कार्रवाई अंतिम चरण में है. कैंटीन के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति भी की जा रही है.

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पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन एलएस डांगी ने बताया कि लंबे समय से क्षेत्र में कैंटीन खोलने की मांग की जा रही थी, जिससे यहां के पूर्व सैनिकों का लाभ मिल सके. यहां के पूर्व सैनिकों को सामान के लिए पिथौरागढ़ और बागेश्वर नहीं जाना पड़ेगा.

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