बेरीनागः तहसील के जाखरावत गांव में गुलदार के आतंक से लोग दहशत में हैं. बीते दिन मनेत गांव में गुलदार ने रमेश सिंह के तीन वर्षीय बेटे नैतिक को अपना निवाला बना लिया था. यहां गुलदार मां की गोद से मासूम को छीन ले गया. बाद में उसका शव जंगल में बरामद हुआ. इस घटना के बाद परिवार में मातम छाया है. दूसरी ओर घटना के 20 घंटे के बाद भी प्रशासन का कोई प्रतिनिधि पीड़ित परिवार के घर नहीं पहुंचा.
बाद में मामला बढ़ने पर प्रशासन की नींद खुली और थल के नायब तहसीलदार जीएन गोस्वामी, राजस्व उपनिरीक्षक कंचन प्रिया मनेत गांव में पीड़ित के घर पहुंची और परिवार को सरकार का ओर से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया.
इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से रमेश सिंह को संविदा में रोजगार देने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन भी भेजा. इस दौरान राजस्व टीम ने गांव का भ्रमण कर लोगों से शाम के समय बच्चों को अकेला न छोड़ने की अपील की.
घटना के तीसरे दिन भी पूरे गांव में मातम का माहौल बना हुआ है. वृद्ध दादी नन्दी देवी और मां हेमा देवी बार-बार बेसुध हो रही हैं. ग्रामीणों द्वारा ढांढस बंधाया जा रहा है. शनिवार को देर रात्रि पिथौरागढ़ में मासूम का पोस्टमार्टम किया गया.
दूसरे दिन भी पकड़ में नहीं आया गुलदार
मनेत गांव में गुलदार द्वारा मासूम बच्चे को मारने के बाद वन विभाग द्वारा शनिवार को पिंजरा लगाकर वन विभाग के कर्मचारी ड्यूटी लगा दी थी, लेकिन गुलदार दूसरे दिन भी पकड़ में न आने से ग्रामीणों में भय और रोष बना हुआ है. वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी ने बताया कि गुलदार को पकड़ने तक एक टीम गांव में ही रहेगी.
अधिकारी पंचायत ड्यूटी पर कौन पकड़ेगा बाघ
क्षेत्र में पंचायत चुनाव भी होने हैं. क्षेत्र के उपप्रभागीय वनक्षेत्राधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी, डिप्टी रेंजर सहित एक दर्जन वन विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गयी है. अब गांव में गुलदार कौन पकड़ेगा? यह समझ से परे है.
पापा भैया कब आयेगा
इस घटना का असर मृतक नैतिक की 8 वर्षीय बहिन ज्योति और 6 वर्षीय बबीना पर भी पड़ा है. पिछले दो दिनों से लगातार दोनों बहनें अपने मम्मी पापा और अंकल और आसपास के लोगों से एक ही सवाल बार पूछ रहीं हैं भैया कहां है. हमारा घर में इतने लोग क्यों आ रहे हैं. बहिनों की ये बात सुनकर सब भावुक हो जा रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः मसूरी: क्याकुली भट्टा ग्राम सभा की मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा
10 लाख मुआवजा देने की मांग
घटना के बाद मृतक नैतिक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा और मृतक के पिता रमेश सिंह को रोजगार देने की मांग ग्रामीणों ने की है. पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह रावत और सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप महरा ने सीएम को इस संबंध में पत्र भी भेजा है. परिवार की माली हालत को देखकर पिता को संविदा में रोजगार देने की मांग की है.
दूसरी ओर विधायक मीना गंगोला ने कहा कि घटना के बाद पीड़ित परिवार के पास प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि का न जाना बहुत गंभीर है. इसकी शिकायत सीएम से की गयी है. लापरवाह अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को सरकार से मुआवजा अन्य सुविधा के लिए सीएम से वार्ता हो गयी है.