पिथौरागढ़: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने को लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के चलते हजारों दिहाड़ी मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं. पिथौरागढ़ जिले की बात करें तो यहां यूपी और बिहार के 2 हजार से ज्यादा मजदूर फंसे हुए हैं. जिनमें से कई मजदूर राहत कैम्पों में रह रहे हैं.
इन मजदूरों को अपनी फसलों की चिंता सता रही है. रबी की फसल तैयार होने पर मजदूर फसलों की कटाई के लिए अपने घरों की ओर रुख करते है, लेकिन कोरोना वायरस से फिलहाल कोई राहत न देख मजदूरों की चिंता और बढ़ गई है. साथ ही मजदूरों ने उत्तराखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
कोरोना वायरस (कोविड-19) के कहर से आज पूरा विश्व प्रभावित है. कारोना की दहशत ऐसी है कि लोग अपने-अपने घरों में बंद हो गए हैं. सरकार लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का निर्णय ले चुकी है. ऐसे में गांव में फसल की बुवाई कर रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में आए मजदूरों को फसलों की कटाई की चिंता सता रही है.
यूपी के मजदूर शरीफ का कहना है कि वो समय पर फसलों की कटाई के लिए घर नहीं पहुंचे तो उनकी फसलें बर्बाद हो जाएगी. ऐसे में उत्तराखंड सरकार को जिले में फंसे हजारों मजदूरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उनका काम धंधा चौपट हो गया है. ऐसे में वो समय पर घर नहीं पहुंचे तो उनका परिवार भुखमरी की चपेट में आ जाएगा.