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कैलाश मानसरोवर यात्रा: KMVN के 25 कर्मचारी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए हुए रवाना

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Published : Jun 10, 2019, 9:11 PM IST

यात्रा के संचालन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के 25 कर्मचारी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए रवाना हो चुके हैं. बूंदी में तैनात कर्मी अपने पड़ावों पर पहुंच चुके हैं. जबकि गुंजी में तैनात कर्मी मंगलवार को, कालापानी में तैनात कर्मी बुधवार को, नाभीढांग में तैनात कर्मी गुरुवार तक अपने अपने पड़ावों पर पहुचेंगे. साथ ही प्रत्येक पड़ाव पर एक प्रबंधक, कुक और मशालची तैनात रहेगा.

कैलाश मानसरोवर

पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा 12 जून से शुरू होने जा रही है. यात्रा के मद्देनजर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. भारत और चीन दोनों देशों के आपसी सहयोग से होने वाली इस यात्रा के सफल संचालन का पूरा जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है. केएमवीएन की मानें तो इस बार यात्रियों के रहने- खाने समेत सभी सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया जाएगा. साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए KMVN ने पूरी की तैयारियां.


गौर हो कि कुमाऊं मंडल के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 1981 में की गई थी. इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल 12 जून को दिल्ली से अल्मोड़ा के लिए रवाना होगा. जो 13 जून को आधार शिविर धारचूला पहुंचेगा. जिसके बाद 14 जून को ये दल धारचूला से 50 किलोमीटर दूर नजंग तक गाड़ी से प्रस्थान करेगा और नजंग से पैदल यात्रा शुरू कर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुंचेगा. यहां से दल पैदल यात्रा कर गुंजी, कालापानी, नाभीढांग होते हुए चीन बॉर्डर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेगा. जिसके बाद यात्री भगवान शिव के तपोस्थली मानसरोवर पहुंचेंगे. जहां पर झील में डूबकी लगाने के बाद मानसरोवर पर्वत का दर्शन कर वापस लौटेंगे.

ये भी पढ़ेंः भुखमरी के कगार पर 108 सेवा के कर्मचारी, सरकार को जगाने के लिए कराया मुंडन


बता दें कि इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा में 18 दल शामिल होंगे. प्रत्येक दल में अधिकतम 60 यात्री रहेंगे. यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसके लिए यात्रा ड्यूटी पर करीब 100 कर्मचारियों को तैनात किया गया है. हर दल में दो लाइजनिंग अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इस बार की यात्रा अवधि का दिन 25 दिन रखा गया है.

ये भी पढ़ेंः चमोली में यात्रा मार्ग पर 24 घंटे खुले रहेंगे पेट्रोल पंप, अब नहीं होगी दिक्कत​​​​​​​


उधर, यात्रा के संचालन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के 25 कर्मचारी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए रवाना हो चुके हैं. बूंदी में तैनात कर्मी अपने पड़ावों पर पहुंच चुके हैं. जबकि गुंजी में तैनात कर्मी मंगलवार को, कालापानी में तैनात कर्मी बुधवार को, नाभीढांग में तैनात कर्मी गुरुवार तक अपने अपने पड़ावों पर पहुचेंगे. साथ ही प्रत्येक पड़ाव पर एक प्रबंधक, कुक और मशालची तैनात रहेगा.


केएमवीएन अध्यक्ष केदार जोशी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा पड़ावों में तैनात कर्मियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के खास निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए हर पड़ाव में कूड़ेदान रखे जाएंगे. साथ ही कहा कि यात्रियों द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े को एकत्रित कर चार महीने के बाद वापसी में अपने साथ धारचूला लाएंगे.

पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा 12 जून से शुरू होने जा रही है. यात्रा के मद्देनजर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. भारत और चीन दोनों देशों के आपसी सहयोग से होने वाली इस यात्रा के सफल संचालन का पूरा जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है. केएमवीएन की मानें तो इस बार यात्रियों के रहने- खाने समेत सभी सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया जाएगा. साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए KMVN ने पूरी की तैयारियां.


गौर हो कि कुमाऊं मंडल के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 1981 में की गई थी. इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल 12 जून को दिल्ली से अल्मोड़ा के लिए रवाना होगा. जो 13 जून को आधार शिविर धारचूला पहुंचेगा. जिसके बाद 14 जून को ये दल धारचूला से 50 किलोमीटर दूर नजंग तक गाड़ी से प्रस्थान करेगा और नजंग से पैदल यात्रा शुरू कर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुंचेगा. यहां से दल पैदल यात्रा कर गुंजी, कालापानी, नाभीढांग होते हुए चीन बॉर्डर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेगा. जिसके बाद यात्री भगवान शिव के तपोस्थली मानसरोवर पहुंचेंगे. जहां पर झील में डूबकी लगाने के बाद मानसरोवर पर्वत का दर्शन कर वापस लौटेंगे.

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बता दें कि इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा में 18 दल शामिल होंगे. प्रत्येक दल में अधिकतम 60 यात्री रहेंगे. यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसके लिए यात्रा ड्यूटी पर करीब 100 कर्मचारियों को तैनात किया गया है. हर दल में दो लाइजनिंग अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इस बार की यात्रा अवधि का दिन 25 दिन रखा गया है.

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उधर, यात्रा के संचालन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के 25 कर्मचारी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए रवाना हो चुके हैं. बूंदी में तैनात कर्मी अपने पड़ावों पर पहुंच चुके हैं. जबकि गुंजी में तैनात कर्मी मंगलवार को, कालापानी में तैनात कर्मी बुधवार को, नाभीढांग में तैनात कर्मी गुरुवार तक अपने अपने पड़ावों पर पहुचेंगे. साथ ही प्रत्येक पड़ाव पर एक प्रबंधक, कुक और मशालची तैनात रहेगा.


केएमवीएन अध्यक्ष केदार जोशी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा पड़ावों में तैनात कर्मियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के खास निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए हर पड़ाव में कूड़ेदान रखे जाएंगे. साथ ही कहा कि यात्रियों द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े को एकत्रित कर चार महीने के बाद वापसी में अपने साथ धारचूला लाएंगे.

Intro:पिथौरागढ़: 12 जून से शुरू होने जा रही कैलाश मानसरोवर यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। भारत और चीन दो देशों के आपसी सहयोग से होने वाली इस यात्रा के सफल संचालन का पूरा जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है। केएमवीएन अध्यक्ष केदार जोशी ने बताया कि इस बार यात्रियों के रहने- खाने समेत सभी सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया जाएगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी यात्रियों को दिया जाएगा।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के संचालन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के 25 कर्मचारी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए रवाना हो चुके हैं। बूंदी में तैनात कर्मी अपने पड़ावों में पहुंच चुके है। जबकि गुंजी में तैनात कर्मी मंगलवार को, कालापानी में तैनात कर्मी बुधवार को, नाभीढांग में तैनात कर्मी गुरुवार तक अपने अपने पड़ावों में पहुचेंगे। प्रत्येक पड़ाव में एक प्रबंधक, कुक और मशालची तैनात रहेंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा पड़ावों में तैनात कर्मियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के खास निर्देश दिए गए है। प्रत्येक पड़ाव में कूड़ेदान रखे जाएंगे साथ ही यात्रियों द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े को एकत्रित कर चार माह बाद वापसी में अपने साथ धारचूला लाएंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल 12 जून को दिल्ली से अल्मोड़ा के लिए रवाना होगा। इसके बाद 13 जून को आधार शिविर धारचूला पहुंचेगा। 14 जून को ये दल धारचूला से 50 किलोमीटर दूर नजंग तक गाड़ी से प्रस्थान करेगा और नजंग से पैदल यात्रा शुरू कर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुंचेगा। इसके बाद पैदल यात्रा कर गुंजी, कालापानी, नाभीढांग होते हुए चीन बॉर्डर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेगा।





Body:पिथौरागढ़: 12 जून से शुरू होने जा रही कैलाश मानसरोवर यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। भारत और चीन दो देशों के आपसी सहयोग से होने वाली इस यात्रा के सफल संचालन का पूरा जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है। केएमवीएन अध्यक्ष केदार जोशी ने बताया कि इस बार यात्रियों के रहने- खाने समेत सभी सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया जाएगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी यात्रियों को दिया जाएगा।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के संचालन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के 25 कर्मचारी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए रवाना हो चुके हैं। बूंदी में तैनात कर्मी अपने पड़ावों में पहुंच चुके है। जबकि गुंजी में तैनात कर्मी मंगलवार को, कालापानी में तैनात कर्मी बुधवार को, नाभीढांग में तैनात कर्मी गुरुवार तक अपने अपने पड़ावों में पहुचेंगे। प्रत्येक पड़ाव में एक प्रबंधक, कुक और मशालची तैनात रहेंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा पड़ावों में तैनात कर्मियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के खास निर्देश दिए गए है। प्रत्येक पड़ाव में कूड़ेदान रखे जाएंगे साथ ही यात्रियों द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े को एकत्रित कर चार माह बाद वापसी में अपने साथ धारचूला लाएंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल 12 जून को दिल्ली से अल्मोड़ा के लिए रवाना होगा। इसके बाद 13 जून को आधार शिविर धारचूला पहुंचेगा। 14 जून को ये दल धारचूला से 50 किलोमीटर दूर नजंग तक गाड़ी से प्रस्थान करेगा और नजंग से पैदल यात्रा शुरू कर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुंचेगा। इसके बाद पैदल यात्रा कर गुंजी, कालापानी, नाभीढांग होते हुए चीन बॉर्डर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेगा।


byte: केदार जोशी, अध्यक्ष , केएमवीएन


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