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पिथौरागढ़ के करण ने फतह की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, एवरेस्ट पर लहराया तिरंगा - dharchoola

धारचूला की दारमा घाटी के करन ग्वाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह कर ली है.

एवरेस्ट
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Published : May 25, 2019, 2:22 PM IST

पिथौरागढ़: धारचूला की दारमा घाटी के एक और लाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह कर ली है. धारचूला के करन ग्वाल एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाले धारचूली के छठे पर्वतारोही बन गए हैं. करन 17 मई को एवरेस्ट विजेता शीतल राज के साथ ही बेस कैम्प तक गए थे और 22 मई को उन्होंने एवरेस्ट फतह कर लिया.

बता दें कि करन ग्वाल सेना में कार्यरत हैं. इससे पहले करन साल 2012 में बेस कैम्प तक अभ्यास के तौर पर गए थे. साल 2017 में करन बेस कैम्प 4 तक पहुंच गए थे. लेकिन उनकी टीम के अन्य सदस्यों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था.

karan
करन ग्वाल ने एवरेस्ट किया फतह.

पढ़ें: पहाड़ की जनता को मोदी सरकार से हैं खास उम्मीदें, क्या अब रुकेगा पलायन?

इससे पहले धारचूला तहसील के मोहन सिंह गुंज्याल, योगेश गर्ब्याल, सुमन कुटियाल, रतन सिंह सोनाल और कविता बूढ़ाथोकी एवरेस्ट फतह कर चुके हैं. वहीं, करन ग्वाल के एवरेस्ट फतह करने पर धारचूला क्षेत्र में खुशी की लहर है.

पिथौरागढ़: धारचूला की दारमा घाटी के एक और लाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह कर ली है. धारचूला के करन ग्वाल एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाले धारचूली के छठे पर्वतारोही बन गए हैं. करन 17 मई को एवरेस्ट विजेता शीतल राज के साथ ही बेस कैम्प तक गए थे और 22 मई को उन्होंने एवरेस्ट फतह कर लिया.

बता दें कि करन ग्वाल सेना में कार्यरत हैं. इससे पहले करन साल 2012 में बेस कैम्प तक अभ्यास के तौर पर गए थे. साल 2017 में करन बेस कैम्प 4 तक पहुंच गए थे. लेकिन उनकी टीम के अन्य सदस्यों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था.

karan
करन ग्वाल ने एवरेस्ट किया फतह.

पढ़ें: पहाड़ की जनता को मोदी सरकार से हैं खास उम्मीदें, क्या अब रुकेगा पलायन?

इससे पहले धारचूला तहसील के मोहन सिंह गुंज्याल, योगेश गर्ब्याल, सुमन कुटियाल, रतन सिंह सोनाल और कविता बूढ़ाथोकी एवरेस्ट फतह कर चुके हैं. वहीं, करन ग्वाल के एवरेस्ट फतह करने पर धारचूला क्षेत्र में खुशी की लहर है.

Intro:नोट: सर इस खबर से संबंधित फोटो wtsapp ग्रुप में भेजी है।

पिथौरागढ़: धारचूला की दारमा घाटी के एक और लाल करन ग्वाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया है। करन एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाले धारचूला के छठे पर्वतारोही बन गए है। इससे पूर्व धारचूला तहसील के मोहन सिंह गुंज्याल, योगेश गर्ब्याल, सुमन कुटियाल, रतन सिंह सोनाल और कविता बूढ़ाथोकी एवरेस्ट फतह कर चुके है।

सेना में कार्यरत करन ग्वाल 17 मई को एवरेस्ट विजेता शीतल राज के साथ ही बेस कैम्प तक गए थे। 22 मई को उन्होंने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर देश और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। करन ग्वाल 2012 में बेस कैम्प तक अभ्यास के तौर पर गए थे। 2017 में वो बेस कैम्प 4 तक पहुंच गए थे लेकिन उनकी टीम के अन्य सदस्यों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। करन ग्वाल के एवरेस्ट फतह करने पर धारचूला क्षेत्र में खुसी की लहर है।


Body:नोट: सर इस खबर से संबंधित फोटो wtsapp ग्रुप में भेजी है।

पिथौरागढ़: धारचूला की दारमा घाटी के एक और लाल करन ग्वाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया है। करन एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाले धारचूला के छठे पर्वतारोही बन गए है। इससे पूर्व धारचूला तहसील के मोहन सिंह गुंज्याल, योगेश गर्ब्याल, सुमन कुटियाल, रतन सिंह सोनाल और कविता बूढ़ाथोकी एवरेस्ट फतह कर चुके है।

सेना में कार्यरत करन ग्वाल 17 मई को एवरेस्ट विजेता शीतल राज के साथ ही बेस कैम्प तक गए थे। 22 मई को उन्होंने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर देश और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। करन ग्वाल 2012 में बेस कैम्प तक अभ्यास के तौर पर गए थे। 2017 में वो बेस कैम्प 4 तक पहुंच गए थे लेकिन उनकी टीम के अन्य सदस्यों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। करन ग्वाल के एवरेस्ट फतह करने पर धारचूला क्षेत्र में खुसी की लहर है।


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