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अच्छी खबरः कैलाश मानसरोवर यात्रा में पैदल दूरी हुई कम, नजंग तक सड़क बनकर हुई तैयार

मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव कम हो गया है. अब तीर्थयात्री नजंग तक वाहन से और इसके बाद पैदल सफर शुरू करेंगे. नजंग तक कच्चा मार्ग बनाकर तैयार कर लिया गया है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा
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Published : Jun 13, 2019, 5:32 PM IST

पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक बनने से इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा की पैदल दूरी 25 किलोमीटर कम हो गई है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा नजंग तक कच्चा मार्ग बनाकर तैयार कर लिया गया है. ऐसे में मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव भी कम हो गया है. अब तीर्थयात्री नजंग तक वाहन से और इसके बाद पैदल सफर शुरू करेंगे.

मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव कम हो गया है.

लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के पैदल पड़ाव साल दर साल कम होते जा रहे हैं. 2017 से अब तक यात्रा के 2 पैदल पड़ाव सिर्खा और गाला कम हो चुके हैं. चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक तैयार होने से अब यात्रियों का पहला पैदल पड़ाव बूंदी बनाया गया है.

यह भी पढ़ेंः कैलाश मानसरोवर यात्राः दल में 68 साल के मुरलीधर तो 21 वर्षीय अजय में दिखा जोश

यात्री इस बार नजंग से 15 किलोमीटर पैदल चलकर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुंचेंगे. इसके बात दूसरा पैदल पड़ाव गुंजी होगा. गुंजी से आगे भी सड़क बनकर तैयार हो गयी है. जहां आईटीबीपी के वाहन से तीर्थयात्रियों को अगले पड़ाव की ओर रवाना किया जाएगा.

सीमांत क्षेत्र में सड़क बनने से यात्रा की पैदल दूरी और 2 पड़ाव भले ही कम हुए हों मगर पैदल यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दुर्गम पहाड़ और बर्फीले रास्तों को पार कर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचना पड़ेगा

पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक बनने से इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा की पैदल दूरी 25 किलोमीटर कम हो गई है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा नजंग तक कच्चा मार्ग बनाकर तैयार कर लिया गया है. ऐसे में मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव भी कम हो गया है. अब तीर्थयात्री नजंग तक वाहन से और इसके बाद पैदल सफर शुरू करेंगे.

मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव कम हो गया है.

लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के पैदल पड़ाव साल दर साल कम होते जा रहे हैं. 2017 से अब तक यात्रा के 2 पैदल पड़ाव सिर्खा और गाला कम हो चुके हैं. चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक तैयार होने से अब यात्रियों का पहला पैदल पड़ाव बूंदी बनाया गया है.

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यात्री इस बार नजंग से 15 किलोमीटर पैदल चलकर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुंचेंगे. इसके बात दूसरा पैदल पड़ाव गुंजी होगा. गुंजी से आगे भी सड़क बनकर तैयार हो गयी है. जहां आईटीबीपी के वाहन से तीर्थयात्रियों को अगले पड़ाव की ओर रवाना किया जाएगा.

सीमांत क्षेत्र में सड़क बनने से यात्रा की पैदल दूरी और 2 पड़ाव भले ही कम हुए हों मगर पैदल यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दुर्गम पहाड़ और बर्फीले रास्तों को पार कर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचना पड़ेगा

Intro:पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक बनने से इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा की पैदल दूरी 25 किलोमीटर कम हो गयी है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा नजंग तक कच्चा मार्ग बनाकर तैयार कर लिया गया है। ऐसे में मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव भी कम हो गया है। अब तीर्थयात्री नजंग तक वाहन से और इसके बाद पैदल सफर शुरू करेंगे।

लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के पैदल पड़ाव साल दर साल कम होते जा रहे हैं। 2017 से अब तक यात्रा के 2 पैदल पड़ाव सिर्खा और गाला कम हो चुके। चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक तैयार होने से अब यात्रियों का पहला पैदल पड़ाव बूंदी बनाया गया है। यात्री इस बार नजंग से 15 किलोमीटर पैदल चलकर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुचेंगे। इसके बात दूसरा पैदल पड़ाव गुंजी होगा। गुंजी से आगे भी सड़क बनकर तैयार हो गयी है। जहां आईटीबीपी के वाहन से तीर्थयात्रियों को अगले पड़ाव की ओर रवाना किया जाएगा। सीमांत क्षेत्र में सड़क बनने से यात्रा की पैदल दूरी और 2 पड़ाव भले ही कम हुए हो मगर पैदल यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दुर्गम पहाड़ और बर्फीले रास्तों को पार कर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचना पड़ेगा।

Byte: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़




Body:पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक बनने से इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा की पैदल दूरी 25 किलोमीटर कम हो गयी है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा नजंग तक कच्चा मार्ग बनाकर तैयार कर लिया गया है। ऐसे में मानसरोवर यात्रियों का एक पैदल पड़ाव भी कम हो गया है। अब तीर्थयात्री नजंग तक वाहन से और इसके बाद पैदल सफर शुरू करेंगे।

लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के पैदल पड़ाव साल दर साल कम होते जा रहे हैं। 2017 से अब तक यात्रा के 2 पैदल पड़ाव सिर्खा और गाला कम हो चुके। चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क नजंग तक तैयार होने से अब यात्रियों का पहला पैदल पड़ाव बूंदी बनाया गया है। यात्री इस बार नजंग से 15 किलोमीटर पैदल चलकर पहले पैदल पड़ाव बूंदी पहुचेंगे। इसके बात दूसरा पैदल पड़ाव गुंजी होगा। गुंजी से आगे भी सड़क बनकर तैयार हो गयी है। जहां आईटीबीपी के वाहन से तीर्थयात्रियों को अगले पड़ाव की ओर रवाना किया जाएगा। सीमांत क्षेत्र में सड़क बनने से यात्रा की पैदल दूरी और 2 पड़ाव भले ही कम हुए हो मगर पैदल यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दुर्गम पहाड़ और बर्फीले रास्तों को पार कर लिपुलेख दर्रे तक पहुंचना पड़ेगा।

Byte: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़




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