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ITBP के जवानों ने 12 घंटे तक कंधों पर ढोया शव, 26 किमी दूर तहसील पहुंचाया

पिथौरागढ़ में बोल्डर की चपेट में आ कर एक मजदूर की मौत हो गई. शव को कंधे पर लाद कर ITBP जवानों ने 12 घंटे में 26 किमी का रास्ता पैदल तय किया और शव को मुनस्यारी तहसील मुख्यालय पहुंचाया.

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आईटीबीपी के जवानों ने मजदूर के शव को कंधे पर ढोया
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Published : Sep 1, 2020, 1:35 PM IST

Updated : Sep 1, 2020, 4:29 PM IST

पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा के पास बुगड़ियार में एक मजदूर की भारी बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई. पैदल मार्ग दुर्गम होने के कारण ग्रामीण शव को मुनस्यारी नहीं ला पा रहे थे. आखिरकार एक बार फिर आईटीबीपी के जवानों ने मोर्चा संभाला और मजदूर के शव को 26 किलोमीटर का दुर्गम पैदल रास्ता तय कर मुनस्यारी तहसील मुख्यालय पहुंचाया.

शव कंधे पर लादकर तहसील लेकर पहुंचे ITBP जवान.

मल्ला जोहार स्थित आईटीबीपी की बुगड़ियार चौकी के पास पत्थरों की चपेट में आने से मवानी-दवानी निवासी भूपेंद्र राणा की मौत हो गयी थी. रास्ता बंद होने के कारण शव को मुनस्यारी लाने में लोगों को खासी परेशानी हो रही थी. जिस कारण परिजनों ने आईटीबीपी से मदद मांगी. आईटीबीपी के जवानों ने शव को कंधे पर लादकर 26 किलोमीटर का दुर्गम पैदल सफर तय किया.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के प्रत्येक ब्लॉक में खुलेगा एक केंद्रीय विद्यालय, बदलेगी प्रदेश की तस्वीर

जवानों को कठिन रास्ता तय करने में पूरा दिन लग गया लेकिन सीमा प्रहरियों ने हिम्मत नहीं हारी और बुगड़ियार से शव को तय लक्ष्य तक पहुंचाया. देर रात को शव मुनस्यारी मुख्यालय में परिजनों के सुपुर्द किया गया. यहां से शव को वाहन से बंगापानी ले जाने के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया.

पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा के पास बुगड़ियार में एक मजदूर की भारी बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई. पैदल मार्ग दुर्गम होने के कारण ग्रामीण शव को मुनस्यारी नहीं ला पा रहे थे. आखिरकार एक बार फिर आईटीबीपी के जवानों ने मोर्चा संभाला और मजदूर के शव को 26 किलोमीटर का दुर्गम पैदल रास्ता तय कर मुनस्यारी तहसील मुख्यालय पहुंचाया.

शव कंधे पर लादकर तहसील लेकर पहुंचे ITBP जवान.

मल्ला जोहार स्थित आईटीबीपी की बुगड़ियार चौकी के पास पत्थरों की चपेट में आने से मवानी-दवानी निवासी भूपेंद्र राणा की मौत हो गयी थी. रास्ता बंद होने के कारण शव को मुनस्यारी लाने में लोगों को खासी परेशानी हो रही थी. जिस कारण परिजनों ने आईटीबीपी से मदद मांगी. आईटीबीपी के जवानों ने शव को कंधे पर लादकर 26 किलोमीटर का दुर्गम पैदल सफर तय किया.

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जवानों को कठिन रास्ता तय करने में पूरा दिन लग गया लेकिन सीमा प्रहरियों ने हिम्मत नहीं हारी और बुगड़ियार से शव को तय लक्ष्य तक पहुंचाया. देर रात को शव मुनस्यारी मुख्यालय में परिजनों के सुपुर्द किया गया. यहां से शव को वाहन से बंगापानी ले जाने के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : Sep 1, 2020, 4:29 PM IST
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