पिथौरागढ़: पड़ोसी देश नेपाल के लिए सौहार्द दिखाते हुए बार फिर जिला प्रशासन ने नेपाल के दो घायल व्यक्तियों के उपचार के लिए धारचुला में अंतराष्ट्रीय झूलापुल खोला. पुल खुलने पर कुल 162 लोगों ने आवाजाही की. जिनमें से 71 लोग भारत आए जबकि 91 लोग नेपाल गए. एसएसबी की निगरानी में पुल को करीब डेढ़ घण्टे के लिए खोला गया.
इस दौरान धारचुला के व्यापारियों ने पुल को लगातार ख़ोले जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. व्यापारियों का कहना है कि भारत-नेपाल पुल बंद होने से सीमांत क्षेत्र के व्यापारी रोजी-रोटी को मोहताज हो गए हैं, क्योंकि दोनों देशों का व्यापार पूरी तरह एक दूसरे पर निर्भर करता है.
पिथौरागढ़ के धारचुला में अंतरराष्ट्रीय झूलापुल बुधवार को डेढ़ घण्टे के लिए खोला गया. नेपाल प्रशासन ने दो घायल व्यक्तियों के उपचार के लिए भारतीय प्रशासन से अनुमति मांगी थी. जिस पर भारतीय प्रशासन ने दरियादिली दिखाते हुए पुल को खोलने की अनुमति दी. नेपाल के गोगले निवासी जोगी ओढ़ घर में काम करते वक्त घायल हो गए थे. जबकि दंतु निवासी देवकी देवी घास काटते समय पहाड़ी से गिरकर घायल हो गयी थी. पुल खुलने पर दोनों को संयुक्त अस्पताल धारचुला में प्राथमिक उपचार दिया गया. जिसके बाद जोगी ओढ़ को जिला चिकित्सालय और देवकी देवी को देहरादून रेफर किया गया.
पढ़ेंः चार साल बाद तिनवालगांव मोटर मार्ग का कार्य शुरू, ग्रामीणों में खुशी की लहर
वहीं, पुल खुलने पर भारतीय व्यापारियों ने जमकर हंगामा काटा. व्यापारियों का कहना है कि लोगों के आवेदन पर ही पुल ख़ोला जा रहा है. जबकि पिछले 7 महीने से झूलापुल बंद है. जिस कारण सीमांत क्षेत्र का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. प्रशासन से कई बार पुल को लगातार खोलने की मांग उठा चुके है, पर कोई सुनवाई नहीं हुई. साथ ही उन्होंने सीमांत के व्यापारियों को आर्थिक पैकेज देने और बिजली पानी का बिल माफ करने की गुहार भी लगाई.