पिथौरागढ़: कोरोना, लॉकडाउन और सीमा विवाद की वजह से भारत-नेपाल सीमा को बंद कर दिया गया था. इस दौरान दोनों सरहदों के पार कितने लोग फंसे रहे, कितने लोगों को स्वास्थ्य, व्यापार और शादी से महरूम रहना पड़ा. आज एक ऐसा ही अनोखा मामला भारत-नेपाल सीमा पर देखने को मिला, जहां धारचूला स्थित अंतरराष्ट्रीय पुल खुलने के बाद भारतीय दूल्हा अपनी दुल्हन को नेपाल से लेकर लौटा.
दरअसल, पिथौरागढ़ जनपद के थल निवासी कुंदन सिंह का विवाह नेपाल में रहने वाली हरिना से अप्रैल माह में तय हुई थी, लेकिन इसी बीच कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया, जिसके कारण सभी जगहों पर लॉकडाउन लग गया. वहीं, भारत-नेपाल सीमा को भी सील कर दिया गया. अचानक लगे लॉकडाउन की वजह से कुंदन की शादी तय समय पर नहीं हो सकी. जिसका वह बेसब्री से इंतजार कर रहा था.
आज जब महीनों बाद धारचूला में नेपाल को जोड़ने वाला इंटरनेशनल पुल खुला तो कुंदन नेपाल से अपनी दुल्हन लेकर लौटा. लंबे समय के बाद खुले इंटरनेशनल पुल की वजह से कुंदन केवल 8 बारातियों के साथ नेपाल गया और 6 घंटे में शादी करके वापस धारचूला लौट आया. कुंदन और उसकी पत्नी हरिना का पुल पर एसएसबी ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
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सीमा विवाद के चलते भारत और नेपाल के राजनीतिक रिश्तों में भले ही खटास आयी हो, मगर दोनों मुल्कों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता आज भी कायम है. नेपाल के दार्चुला में हुई कुंदन और हरिना की शादी इस बात की गवाह है. दरअसल, सोमवार को धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूलापुल खुलने पर थल के रहने वाले कुंदन ने नेपाल जाकर शादी की और दुल्हन को लेकर वापस भारत लौट आया. धारचुला पुल पहुंचने पर एसएसबी ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया.
बता दें कि कोरोना संकट के कारण भारत और नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय पुल बंद होने से दोनों मुल्कों के रोटी-बेटी के रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं. झूलापुल बंद होने से दोनों मुल्कों की महिलाएं अपने मायके और ससुराल नहीं जा पा रही हैं. बावजूद इसके रोटी बेटी का रिश्ता कमजोर होने के बजाए और मजबूत हो रहा है.