बेरीनाग: पिथौरागढ़ जिले में जहां सरकार एक ओर पंचेश्वर सहित कई अन्य बांध बनाने की तैयारी कर रही है. वहीं, जिले में पहले चल रही छोटी जल विद्युत परियोजनाएं सरकारी उपेक्षा का शिकार हो रही हैं. जिसका ताजा उदाहरण बेरीनाग के थल और गराऊ की जल विद्युत परियोजनाएं हैं. जो पिछले दो वर्ष से बंद पड़ी हुई है. बिजली का उत्पादन तो ठप होने से करोड़ों की लागत से बनी ये जल विद्युत परियोजनाएं धूल फांक रही है.
बता दें कि थल स्थित 750 किलोवाट की बरार जल विद्युत परियोजना पिछले दो वर्ष से बंद पड़ी है. इस परियोजना से थल क्षेत्र के कई गांवों को बिजली मिलती थी. लेकिन रखरखाव और सही से संचालन न होने के चलते तीन वर्ष पूर्व सरकार ने तीन मेगावाट से कम क्षमता वाले सभी बिजली के परियोजनाओं को जल विद्युत निगम से हटाकर उरेडा को सौंप दिया है. लेकिन उरेडा ने इन परियोजना का संचालन ठेकेदारी में दे दिया. जिसके चलते ये परियोजना खस्ताहाल हो गई. हांलाकि, स्थानीय जनप्रतिनिधि कई बार योजना को शुरू करने की मांग कर चुके हैं. बावजूद इसके हालात जस के तस बने हुए है.
वहीं, गराऊ में स्थित जल विद्युत परियोजना में पिछले तीन वर्षों से ताला लटका हुआ है. जिसके चलते करोड़ों की लागत से बने भवन और मशीनें खराब हो रही हैं. वहीं, ठेकेदार ने कर्मचारियों को भी पिछले तीन वर्षों से भुगतान नहीं किया है.
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स्थानीय विधायक मीना गंगोला और सांसद अजय टम्टा ने बताया कि विभाग के अधिकारी द्वारा योजना बंद होने के कारणों की जांच और परियोजना को दोबारा शुरू करने के लिए शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी.