ETV Bharat / state

बेरीनाग हादसा: ग्रामीणों में गुलदार की दहशत, वन विभाग ने लगाया पिंजरा - leopard snatched child from mothers hand

पिथौरागढ़ के बेरीनाग के एक गांव में तेंदुए ने मां की गोद से बच्चा छीन लिया और लगभग 300 मीटर दूर ले जा कर छोड़ दिया. आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मां की गोद से बच्चा ले गया गुलदार.
author img

By

Published : Sep 28, 2019, 11:31 PM IST

बेरीनाग: उत्तराखंड में तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिथौरागढ़ के बेरीनाग के जाख गांव के मनेत तोक में एक मां की गोद से तेंदुआ बच्चे को छीन ले गया और बच्चे को 300 मीटर दूर छोड़कर भाग गया. आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, वन विभाग ने गांव में पिंजरा लगा दिया है.

मां की गोद से बच्चा ले गया गुलदार.

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात करीब 8 बजे कांडा किरोली के पास स्थित जाख गांव के मनेत तोक में हेमा कार्की पत्नी रमेश कार्की तीन वर्षीय बच्चे नैतिक को गोद में लिए नीचे कमरे में जा रही थी. उनके एक हाथ में बच्चे के लिए दूध का ग्लास था. हेमा जैसे ही आंगन की बिजली का स्विच बंद करके कमरे में जाने लगी, वैसे ही घात लगाए तेंदुए ने हमला कर दिया और उनकी गोद से बच्चा छीन कर ले गया.

पढ़ें: विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तराखंड ने जीता पहला मैच, असम को 7 विकेट से दी मात

हेमा के चीखने पर नैतिक के पिता रमेश सिंह, दादा, दादी और आस-पास के लोग तेंदुए के पीछे भागे. जिसपर घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर तेंदुआ ने बच्चे को छोड़ दिया. जिसके बाद करीब 10 बजे ग्रामीणों ने नैतिक को रस्क्यू कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों उसे मृत घोषित कर दिया.

पोस्टमार्टम के लिए हुआ घमासान
मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम बेरीनाग में करने की मांग पर विधायक मीना गंगोला ने डीएम और सीएमओ को फोन कर बेरीनाग में ही करने के आदेश दिए. जिसपर जिले से डाक्टरों की टीम भेजने की बात भी अधिकारियों द्वारा कही गई. लेकिन 10 बजे अचानक सीएमओ ने जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम के जिला मुख्यालय लाने को कहा. जिससे ग्रामीण भड़क गए और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी. ग्रामीणों की चेतावनी के बाद थानाध्यक्ष हेम पंत मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर अपने निजी खर्च से दोपहर 1 बजे पिथौरागढ़ के लिए रवाना किया.

घटना स्थल पर नहीं पहुंचा प्रशासन का कोई प्रतिनिधि
इस घटना में प्रशासन की संवेदनहीनता देखने को मिली. घटना की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम से जिला स्तरीय और तहसील स्तरीय अधिकारियों को देने के बाद दोपहर 12 बजे तक सीएचसी बेरीनाग में प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा. मृतक बालक के घर में प्रशासन की ओर से 20 घंटे के बाद भी कोई नहीं पहुंचने पर ब्लाक प्रमुख रेखा भंडारी और भाजपा नेता दीपक धानिक ने विरोध जताया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद संवदेनहीनता दिखाई जा रही है, जिसके खिलाफ सीएम से शिकायत की जाएगी.

उधर, क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक घंटो तक भी ये तय नहीं कर पाए की घटना स्थल किस राजस्व क्षेत्र में आता है. जिससे इनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

108 को नहीं लगा कॉल
ग्रामीणों को जब बच्चे का शव मिला तो उन्होंने 108 में कॉल किया. लेकिन आंधे घंटे तक भी कॉल न लगने के बाद ग्रामीण बच्चे को प्राईवेट वाहन से बेरीनाग लेकर आए.

वन विभाग ने लगाया पिंजरा
ग्रामीणों ने गुलदार को पकड़ने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर तीन दिन के अंदर गुलदार को नहीं पकड़ा गया वे आंदोलन करेंगे. जिसपर वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी वन विभाग की टीम के साथ घटना स्थल में पहुंचे और निवार सुबह 11 बजे गांव में पिंजरा लगाया.

सरकार से सहायता की मांग
गांव के पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह, लीला महरा, प्रदीप महरा, विनय रावत सहित अन्य ग्रामीणों ने सरकार से मृतक परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग की है. वहीं, विधायक मीना गंगोला ने कहा कि सीएम को घटना की जानकारी दे दी गई है.

बेरीनाग: उत्तराखंड में तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिथौरागढ़ के बेरीनाग के जाख गांव के मनेत तोक में एक मां की गोद से तेंदुआ बच्चे को छीन ले गया और बच्चे को 300 मीटर दूर छोड़कर भाग गया. आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, वन विभाग ने गांव में पिंजरा लगा दिया है.

मां की गोद से बच्चा ले गया गुलदार.

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात करीब 8 बजे कांडा किरोली के पास स्थित जाख गांव के मनेत तोक में हेमा कार्की पत्नी रमेश कार्की तीन वर्षीय बच्चे नैतिक को गोद में लिए नीचे कमरे में जा रही थी. उनके एक हाथ में बच्चे के लिए दूध का ग्लास था. हेमा जैसे ही आंगन की बिजली का स्विच बंद करके कमरे में जाने लगी, वैसे ही घात लगाए तेंदुए ने हमला कर दिया और उनकी गोद से बच्चा छीन कर ले गया.

पढ़ें: विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तराखंड ने जीता पहला मैच, असम को 7 विकेट से दी मात

हेमा के चीखने पर नैतिक के पिता रमेश सिंह, दादा, दादी और आस-पास के लोग तेंदुए के पीछे भागे. जिसपर घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर तेंदुआ ने बच्चे को छोड़ दिया. जिसके बाद करीब 10 बजे ग्रामीणों ने नैतिक को रस्क्यू कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों उसे मृत घोषित कर दिया.

पोस्टमार्टम के लिए हुआ घमासान
मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम बेरीनाग में करने की मांग पर विधायक मीना गंगोला ने डीएम और सीएमओ को फोन कर बेरीनाग में ही करने के आदेश दिए. जिसपर जिले से डाक्टरों की टीम भेजने की बात भी अधिकारियों द्वारा कही गई. लेकिन 10 बजे अचानक सीएमओ ने जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम के जिला मुख्यालय लाने को कहा. जिससे ग्रामीण भड़क गए और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी. ग्रामीणों की चेतावनी के बाद थानाध्यक्ष हेम पंत मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर अपने निजी खर्च से दोपहर 1 बजे पिथौरागढ़ के लिए रवाना किया.

घटना स्थल पर नहीं पहुंचा प्रशासन का कोई प्रतिनिधि
इस घटना में प्रशासन की संवेदनहीनता देखने को मिली. घटना की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम से जिला स्तरीय और तहसील स्तरीय अधिकारियों को देने के बाद दोपहर 12 बजे तक सीएचसी बेरीनाग में प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा. मृतक बालक के घर में प्रशासन की ओर से 20 घंटे के बाद भी कोई नहीं पहुंचने पर ब्लाक प्रमुख रेखा भंडारी और भाजपा नेता दीपक धानिक ने विरोध जताया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद संवदेनहीनता दिखाई जा रही है, जिसके खिलाफ सीएम से शिकायत की जाएगी.

उधर, क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक घंटो तक भी ये तय नहीं कर पाए की घटना स्थल किस राजस्व क्षेत्र में आता है. जिससे इनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

108 को नहीं लगा कॉल
ग्रामीणों को जब बच्चे का शव मिला तो उन्होंने 108 में कॉल किया. लेकिन आंधे घंटे तक भी कॉल न लगने के बाद ग्रामीण बच्चे को प्राईवेट वाहन से बेरीनाग लेकर आए.

वन विभाग ने लगाया पिंजरा
ग्रामीणों ने गुलदार को पकड़ने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर तीन दिन के अंदर गुलदार को नहीं पकड़ा गया वे आंदोलन करेंगे. जिसपर वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी वन विभाग की टीम के साथ घटना स्थल में पहुंचे और निवार सुबह 11 बजे गांव में पिंजरा लगाया.

सरकार से सहायता की मांग
गांव के पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह, लीला महरा, प्रदीप महरा, विनय रावत सहित अन्य ग्रामीणों ने सरकार से मृतक परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग की है. वहीं, विधायक मीना गंगोला ने कहा कि सीएम को घटना की जानकारी दे दी गई है.

Intro:गुलदार ने बनाया निवाला Body:बेरीनाग।
मां के हाथ से छीन कर बच्चे को बनाया गुलदार ने निवाला
जाखरावत गांव की घटना

बेरीनाग। तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित जाखरावत ग्राम पंचायत मनेत लग्गा गांव में शुक्रवार देर रात्रि को 8 बजे रमेश सिंह कार्की की पत्नी हेमा देवी परिवार के सभी सदस्यों को खाना खिलाने के बाद तीन वर्षीय बेटे नैतिक को एक साथ से गोद में पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ में दूध जो नैतिक को रात्रि में पिलाने के लिए ले जा रही थी। तभी अचानक पहले से घात लगाकर बैठे गुलदार मां के गोद से नैतिक पर झपटा मारकर ले गया। तभी हेमा देवी ने शोर मचाने के बाद परिवार के सदस्य और आसपास के ग्रामीणों ने शोर मचाया और गांव के चारों और से ग्रामीण बच्चे के खोज में निकल गये। घर से 300 मीटर की दूरी पर बच्चे के शव को छोड़कर गुलदार भाग गया। 10 बजे बच्चे का शव मिलने पर ग्रामीण उसे सीएचसी बेरीनाग लाये। जहां पर डाक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया। मृतक बालक के मां बाप को घायल होने की सूचना दी।रात्रि को सूचना मिलने पर वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी और एसआई सुनील सुतेड़ी के नेतृत्व में पुलिस बल सीएचसी बेरीनाग पहुंचे। जहां पर ग्रामीणों गुलदार को लेकर आक्रोश देखने को मिला। शनिवार सुबह आसपास के ग्रामीणों ने मासूम बेटे की मौत की सूचना मां बांप और दादी को दी तो उसके बाद बाद मां बाप बेसुध हो गये। वही वृद्ध दादी नन्दी देवी तो घटना के बाद बार बार अपने नाती को लेकर बेसुध हो जा रही है। से मृतक बच्चे अपने तीन भाई बहिनों में सबसे छोटा था। इसकी दो बड़ी बहिने 9 वर्ष 6 वर्ष की है। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया।ग्रामीणों ने गुलदार को पकडने की मांग की है और कहा शीघ्र गुलदार को नही पकडने जाने पर ग्रामीणों ने आन्दोलन की चेतावनी दी है।रमेश सिंह दिल्ली में किसी कम्पनी में कार्यरत था। जो पिछले एक सप्ताह पूर्व में घर आया हुआ था

पोस्टमार्टम को लेकर किया आठ घंटे इंतजार
बेरीनाग।मृतक बालक के पोस्टमार्टम बेरीनाग में करने की मांग पर विधायक मीना गंगोला ने डीएम और सीएमओ को फोन कर बेरीनाग मंें ही करने के आदेश दिये। जिस पर जिले से डाक्टरों की टीम भेजनेे की बात भी अधिकारियों के द्वारा बताई गयी। लेकिन 10 बजे अचानक सीएमओ ने जिला अस्पताल में डाक्टर नही होने के कारण पोस्टमार्टम के जिला मुख्यालय लाने को कहा। जिससे ग्रामीण भड़के और ग्रामीणों ने किसी भी हालत में पोस्टमार्टम के जिला मुख्यालय नही जाने की बात और सड़क में शव रखकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। मौके पर पहुचंे थानाध्यक्ष हेम पंत ने ग्रामीणों को समझाया और अपने निजी खर्च से वाहन बुकिंग कर पोस्टमार्टम करने की बात पर ग्रामीण राजी हुई। दोपहर 1 बजे पिथौरागढ़ के लिए शव ले जाया गया। पोस्मार्टम के लिए 8 घंटे इंतजार करना पड़ा।

प्रशासन का कोई प्रतिनिधि नही पहुंचा घटना स्थल पर
बेरीनाग। प्रशासन की संवेदनहीनता इस घटना में देखने को मिली। जब देर रात्रि 10 बजे सीएचसी बेरीनाग में और घटना की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम से जिला स्तरीय और तहसील स्तरीय अधिकारियों को देने के बाद दोपहर 12 बजे तक सीएचसी बेरीनाग में प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नही पहुंचने से ग्रामीणों आक्रोश रहा और मृतक बालक के घर में प्रशासन की और से 20 घंटे के बाद भी कोई नही पहुंचने पर ब्लाक प्रमुख रेखा भंडारी और भाजपा नेता दीपक धानिक ने विरोध जताया और कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी संवदेनहीनता दिखाई जिससे खिलाफ सीएम से शिकायत की जायेगी। इधर घटना स्थल को क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक घंटो तक तय नही कर पाये की घटना स्थल किस राजस्व क्षेत्र में आता है। जिससे इनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे है।
108 में नही लगा आधे घंटे तक काल
बेरीनाग। ग्रामीणों को जब बच्चे का शव मिला तो उन्होने 108 में काल किया और आंधे घंटे तक काल करने के बाद उसमें काल नही लगने पर प्राईवेट वाहन से ग्रामीण उसे बेरीनाग लेकर आये।

वन विभाग ने लगाया पिजरा
बेरीनाग।ग्रामीणों ने गुलदार को मारने और पकडने की मांग करते हुए कहा तीन दिन के भीतर गुलदार को नही पकड़ा गया तो ग्रामीणों के द्वारा आन्दोलन की चेतावनी दी। जिस पर वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी वन विभाग की टीम के साथ घटना स्थल में पहुंचे से शनिवार सुबह 11 बजे गांव में पिजरा लगा दिया और गांव में वन कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी और शाम से समय बच्चों को अकेले नही छोडने की अपील की।

सरकार से सहायता की मांग
बेरीनाग। मृतक बच्चे के परिवार को पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह,लीला महरा,प्रदीप महरा विनय रावत सहित आदि ग्रामीणों ने सरकार से मृतक परिवार को 10 लाख का मुआवजा और रमेश सिंह को रोजगार देने की मांग की है। इधर विधायक मीना गंगोला ने बताया कि सीएम को घटना की जानकारी कर दी है सरकार से शीघ्र राहत राशी दिलाने के साथ अन्य सुविधा भी दी जायेगी।

वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी ड्यूटी पर
बेरीनाग। एक क्षेत्र के कई गांवों में गुलदार का आंतक बना हुआ है वही दूसरी और पंचायत चुनावों में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई है यदि कही ग्रामीण क्षेत्रो में घटना होती है वहा पर वन विभाग के लिए परेशाानी खड़ी हो जायेगी।

बाइट विनय रावत ग्रामीण Conclusion:आक्रोश
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.