बेरीनाग: उत्तराखंड में तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिथौरागढ़ के बेरीनाग के जाख गांव के मनेत तोक में एक मां की गोद से तेंदुआ बच्चे को छीन ले गया और बच्चे को 300 मीटर दूर छोड़कर भाग गया. आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, वन विभाग ने गांव में पिंजरा लगा दिया है.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात करीब 8 बजे कांडा किरोली के पास स्थित जाख गांव के मनेत तोक में हेमा कार्की पत्नी रमेश कार्की तीन वर्षीय बच्चे नैतिक को गोद में लिए नीचे कमरे में जा रही थी. उनके एक हाथ में बच्चे के लिए दूध का ग्लास था. हेमा जैसे ही आंगन की बिजली का स्विच बंद करके कमरे में जाने लगी, वैसे ही घात लगाए तेंदुए ने हमला कर दिया और उनकी गोद से बच्चा छीन कर ले गया.
पढ़ें: विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तराखंड ने जीता पहला मैच, असम को 7 विकेट से दी मात
हेमा के चीखने पर नैतिक के पिता रमेश सिंह, दादा, दादी और आस-पास के लोग तेंदुए के पीछे भागे. जिसपर घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर तेंदुआ ने बच्चे को छोड़ दिया. जिसके बाद करीब 10 बजे ग्रामीणों ने नैतिक को रस्क्यू कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों उसे मृत घोषित कर दिया.
पोस्टमार्टम के लिए हुआ घमासान
मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम बेरीनाग में करने की मांग पर विधायक मीना गंगोला ने डीएम और सीएमओ को फोन कर बेरीनाग में ही करने के आदेश दिए. जिसपर जिले से डाक्टरों की टीम भेजने की बात भी अधिकारियों द्वारा कही गई. लेकिन 10 बजे अचानक सीएमओ ने जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम के जिला मुख्यालय लाने को कहा. जिससे ग्रामीण भड़क गए और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी. ग्रामीणों की चेतावनी के बाद थानाध्यक्ष हेम पंत मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर अपने निजी खर्च से दोपहर 1 बजे पिथौरागढ़ के लिए रवाना किया.
घटना स्थल पर नहीं पहुंचा प्रशासन का कोई प्रतिनिधि
इस घटना में प्रशासन की संवेदनहीनता देखने को मिली. घटना की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम से जिला स्तरीय और तहसील स्तरीय अधिकारियों को देने के बाद दोपहर 12 बजे तक सीएचसी बेरीनाग में प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा. मृतक बालक के घर में प्रशासन की ओर से 20 घंटे के बाद भी कोई नहीं पहुंचने पर ब्लाक प्रमुख रेखा भंडारी और भाजपा नेता दीपक धानिक ने विरोध जताया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद संवदेनहीनता दिखाई जा रही है, जिसके खिलाफ सीएम से शिकायत की जाएगी.
उधर, क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक घंटो तक भी ये तय नहीं कर पाए की घटना स्थल किस राजस्व क्षेत्र में आता है. जिससे इनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
108 को नहीं लगा कॉल
ग्रामीणों को जब बच्चे का शव मिला तो उन्होंने 108 में कॉल किया. लेकिन आंधे घंटे तक भी कॉल न लगने के बाद ग्रामीण बच्चे को प्राईवेट वाहन से बेरीनाग लेकर आए.
वन विभाग ने लगाया पिंजरा
ग्रामीणों ने गुलदार को पकड़ने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर तीन दिन के अंदर गुलदार को नहीं पकड़ा गया वे आंदोलन करेंगे. जिसपर वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी वन विभाग की टीम के साथ घटना स्थल में पहुंचे और निवार सुबह 11 बजे गांव में पिंजरा लगाया.
सरकार से सहायता की मांग
गांव के पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह, लीला महरा, प्रदीप महरा, विनय रावत सहित अन्य ग्रामीणों ने सरकार से मृतक परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग की है. वहीं, विधायक मीना गंगोला ने कहा कि सीएम को घटना की जानकारी दे दी गई है.