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गांव में विकास कार्य न होने से नाराज ग्राम प्रधान, जिलाधिकारी का किया घेराव

नौ सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को ग्राम प्रधान जिलाधिकारी से मिले. इस दौरान ग्राम प्रधानों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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ग्राम प्रधान
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Published : Feb 18, 2020, 10:45 PM IST

पिथौरागढ़: मार्च 2019 से राज्य वित्त और 14वें वित्त की धनराशि खर्च न होने से ग्राम प्रधानों में रोष है. आक्रोशित ग्राम प्रधानों ने मंगलवार को जिलाधिकारी का घेराव कर अपनी मांगे उनके सामने रखी. ग्राम प्रधानों का आरोप है कि वित्तीय साल समाप्त होने से अभी तक गांवों में एक भी निर्माण कार्य शुरू नही हो पाया है. जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हुए है.

ग्राम प्रधानों ने किया प्रदर्शन.

ये भी पढे़ं:NIT के अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ, हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हरकत में आई सरकार

जनपद में ग्राम प्रधानों ने नौ सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की. इस दौरान ग्राम प्रधानों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया. उन्होंने कहा कि वित्तीय साल समाप्त होने को एक महीना शेष रह गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए मिलने वाला राज्य वित्त और 14वें वित्त का बजट अभी तक खर्च नहीं हो पाया है. जिससे गांवों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

ग्राम प्रधानों ने मनरेगा योजना में टूल किट मुहैय्या कराने, SLWM की धनराशि खर्च करने, विकास कार्य करने के बाद नकद धनराशि की व्यवस्था करने, दैवीय आपदा के कार्यों को तत्काल शुरू करने, मनरेगा और SLWM का नया डीपीआर बनाने, मजदूरी दर बढ़ाये जाने और पंचायत के कार्य कुशल मजदूर से कराये जाने की मांग की है. ग्राम प्रधानों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही उनकी सभी मांगे पूरी नहीं होती है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

पिथौरागढ़: मार्च 2019 से राज्य वित्त और 14वें वित्त की धनराशि खर्च न होने से ग्राम प्रधानों में रोष है. आक्रोशित ग्राम प्रधानों ने मंगलवार को जिलाधिकारी का घेराव कर अपनी मांगे उनके सामने रखी. ग्राम प्रधानों का आरोप है कि वित्तीय साल समाप्त होने से अभी तक गांवों में एक भी निर्माण कार्य शुरू नही हो पाया है. जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हुए है.

ग्राम प्रधानों ने किया प्रदर्शन.

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जनपद में ग्राम प्रधानों ने नौ सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की. इस दौरान ग्राम प्रधानों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया. उन्होंने कहा कि वित्तीय साल समाप्त होने को एक महीना शेष रह गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए मिलने वाला राज्य वित्त और 14वें वित्त का बजट अभी तक खर्च नहीं हो पाया है. जिससे गांवों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

ग्राम प्रधानों ने मनरेगा योजना में टूल किट मुहैय्या कराने, SLWM की धनराशि खर्च करने, विकास कार्य करने के बाद नकद धनराशि की व्यवस्था करने, दैवीय आपदा के कार्यों को तत्काल शुरू करने, मनरेगा और SLWM का नया डीपीआर बनाने, मजदूरी दर बढ़ाये जाने और पंचायत के कार्य कुशल मजदूर से कराये जाने की मांग की है. ग्राम प्रधानों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही उनकी सभी मांगे पूरी नहीं होती है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

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