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ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में राज्यपाल ने की शिरकत, सीमांत लोगों की जमकर की तारीफ

पिथौरागढ़ में काली और गोरी नदी के संगम पर जौलजीबी में होने वाले 200 साल पुराने अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शिरकत किया. साथ ही मेले में लोगों से जुड़ी समस्याओं को भी सुना.

ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में राज्यपाल ने की शिरकत
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Published : Nov 19, 2019, 11:30 PM IST

पिथौरागढ़: सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार को पिथौरागढ़ जिले के ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने दीप प्रज्वलित कर मेले में कार्यक्रमों की शुरुआत की. इस मौके पर राज्यपाल ने सीमांत क्षेत्र के लोगों के कार्यों की सराहना की.

उन्होंने कहा की विषम भौगोलिक परिस्थियों के बाद भी यहां के लोग 200 साल पुराने इस मेले को आज तक सहेजकर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत, तिब्बत और नेपाल का यह व्यापारिक मेला ऐतिहासिक होने के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है.

ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में राज्यपाल ने की शिरकत

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काली और गोरी नदी के संगम पर जौलजीबी में आयोजित होने वाले अन्तराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्यपाल ने कहा कि इस ऐतिहासिक मेले को हाईटेक करने की आवश्यकता है. पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से और अधिक प्रचार-प्रसार कर इस मेले को एक विशाल स्वरूप दिया जा सकता हैं.

राज्यपाल ने कहा कि इस मेले में जहां एक ओर सांस्कृतिक परम्परा की झलक देखने को मिलती है, तो वहीं उचित दरों पर स्थानीय जड़ी-बूटी व उत्पाद भी मिल जाते हैं. आज भी मेले में वस्तु विनिमय को जिंदा रखा गया है.

पिथौरागढ़: सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार को पिथौरागढ़ जिले के ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने दीप प्रज्वलित कर मेले में कार्यक्रमों की शुरुआत की. इस मौके पर राज्यपाल ने सीमांत क्षेत्र के लोगों के कार्यों की सराहना की.

उन्होंने कहा की विषम भौगोलिक परिस्थियों के बाद भी यहां के लोग 200 साल पुराने इस मेले को आज तक सहेजकर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत, तिब्बत और नेपाल का यह व्यापारिक मेला ऐतिहासिक होने के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है.

ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में राज्यपाल ने की शिरकत

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काली और गोरी नदी के संगम पर जौलजीबी में आयोजित होने वाले अन्तराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्यपाल ने कहा कि इस ऐतिहासिक मेले को हाईटेक करने की आवश्यकता है. पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से और अधिक प्रचार-प्रसार कर इस मेले को एक विशाल स्वरूप दिया जा सकता हैं.

राज्यपाल ने कहा कि इस मेले में जहां एक ओर सांस्कृतिक परम्परा की झलक देखने को मिलती है, तो वहीं उचित दरों पर स्थानीय जड़ी-बूटी व उत्पाद भी मिल जाते हैं. आज भी मेले में वस्तु विनिमय को जिंदा रखा गया है.

Intro:पिथौरागढ़: सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज पिथौरागढ़ ज़िले के ऐतिहासिक जौलजीबी मेले में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने दीप प्रज्वलित कर मेले में कार्यक्रमो की शुरुआत की। इस मौके पर राज्यपाल ने सीमांत क्षेत्र के लोगो की तारीफ करते हुए कहा कि विषम भौगोलिक स्थितियों के बाद भी यहाँ के लोग 200 साल पुराने इस मेले को आज तक सहेजकर रखे हुए है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत, तिब्बत और नेपाल का यह व्यापारिक मेला ऐतिहासिक होने के साथ साथ सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

Body:काली और गोरी नदी के संगम पर जौलजीबी में आयोजित होने वाले अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में आज (मंगलवार) सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शिरकत की। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि इस ऐतिहासिक मेले को हाइटैक करने की आवश्यकता है। पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से और अधिक प्रचार प्रसार कर इस मेले को एक विशाल स्वरूप दिया जा सकता हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस मेले में जहां एक ओर सास्कृतिक परम्परा की झलक दिखने को मिलती है वहीं उचित दरों पर स्थानीय जड़ी बूटी व उत्पाद भी उचित दाम पर मिल रहे हैं। साथ ही आज भी मेले में वस्तु विनिमय को जिंदा रखा गया है। मेले में विभिन्न क्षेत्रों से आई महिला समूह की सदस्यों से रूबरू होते हुए उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी लेने के राज्यपाल ने उनकी समस्याएं भी सुनी साथ ही समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार को निर्देश दिए।

Byte: बेबी रानी मौर्य, राज्यपाल उत्तराखंड।

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