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गुंजी में तीन दिवसीय शिवोत्सव का आयोजन, बदइंतजामी को लेकर लोकगायक ने उठाये सवाल

पिथौरागढ़ के गुंजी में आयोजित 'शिवोत्सव' में प्रशासनिक बदइंतजामी को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. लोकगायक बीके सामंत ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्हें 29 तारीख से शिवोत्सव में परफॉर्म करना था, मगर प्रशासनिक बदइंतजामी के चलते वो फरफॉर्मेन्स नहीं दे पाए.

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Published : Oct 31, 2021, 6:51 AM IST

लोकगायक ने उठाये सवाल
लोकगायक ने उठाये सवाल

पिथौरागढ़: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गुंजी में आयोजित 'शिवोत्सव' में प्रशासनिक बदइंतजामी को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. उत्तराखंड के चर्चित लोकगायक बीके सामंत ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. सामंत का कहना है कि वे 3 दिवसीय शिवोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए गुंजी पहुंचे थे, लेकिन प्रशासनिक इंतजाम पूरे नहीं होने के कारण उन्हें काफी फजीहत का सामना करना पड़ा है.

बता दें कि, "तू ऐजा ओ पहाड़' और "थल की बजार" जैसे सुपरहिट पहाड़ी गीत देने वाले उत्तराखंड के कलाकार बीके सामंत ने भगवान शिव की नगरी गुंजी में आयोजित "शिवोत्सव" को जिला प्रशासन की सराहनीय पहल करार दिया है. लेकिन प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने सवाल उठाए हैं.

लोकगायक बीके सामंत का कहना है प्रशासन की तरफ से तीन दिवसीय शिवोत्सव को लेकर जरूरी इंतजाम नहीं किए गए. उन्हें 29 तारीख से शिवोत्सव में परफॉर्म करना था, मगर प्रशासनिक बदइंतजामी के चलते वो परफॉर्मेन्स नहीं दे पाए. जिसके बाद बीके सामंत ने नाबी गांव में आयोजित कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देकर समा बांधा. यही नहीं अन्य प्रशासनिक इंतजामों को लेकर भी लोकगायक बीके सामंत नाराज नजर आए.

पढ़ें: VIDEO: इस तरह मंच से उतार दिए गए चैंपियन, धन सिंह की पैरवी भी नहीं आई काम

दरअसल, 11 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में पिथौरागढ़ प्रशासन की पहल पर शिवोत्सव का आयोजन किया गया था. मगर, महोत्सव में साउंड सिस्टम दूसरे दिन पहुंच पाया. जिस कारण महोत्सव में बुलाये गए स्टार लोक-कलाकार दूसरे दिन ही अपनी प्रस्तुति नहीं दे पाए.

पिथौरागढ़: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गुंजी में आयोजित 'शिवोत्सव' में प्रशासनिक बदइंतजामी को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. उत्तराखंड के चर्चित लोकगायक बीके सामंत ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. सामंत का कहना है कि वे 3 दिवसीय शिवोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए गुंजी पहुंचे थे, लेकिन प्रशासनिक इंतजाम पूरे नहीं होने के कारण उन्हें काफी फजीहत का सामना करना पड़ा है.

बता दें कि, "तू ऐजा ओ पहाड़' और "थल की बजार" जैसे सुपरहिट पहाड़ी गीत देने वाले उत्तराखंड के कलाकार बीके सामंत ने भगवान शिव की नगरी गुंजी में आयोजित "शिवोत्सव" को जिला प्रशासन की सराहनीय पहल करार दिया है. लेकिन प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने सवाल उठाए हैं.

लोकगायक बीके सामंत का कहना है प्रशासन की तरफ से तीन दिवसीय शिवोत्सव को लेकर जरूरी इंतजाम नहीं किए गए. उन्हें 29 तारीख से शिवोत्सव में परफॉर्म करना था, मगर प्रशासनिक बदइंतजामी के चलते वो परफॉर्मेन्स नहीं दे पाए. जिसके बाद बीके सामंत ने नाबी गांव में आयोजित कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देकर समा बांधा. यही नहीं अन्य प्रशासनिक इंतजामों को लेकर भी लोकगायक बीके सामंत नाराज नजर आए.

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दरअसल, 11 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में पिथौरागढ़ प्रशासन की पहल पर शिवोत्सव का आयोजन किया गया था. मगर, महोत्सव में साउंड सिस्टम दूसरे दिन पहुंच पाया. जिस कारण महोत्सव में बुलाये गए स्टार लोक-कलाकार दूसरे दिन ही अपनी प्रस्तुति नहीं दे पाए.

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