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पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचा कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पांचवां दल

कैलाश मानसरोवर के दर्शन को गया यात्रियों का पांचवां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है. 56 सदस्यीय इस दल में 12 महिला तीर्थयात्री भी शामिल हैं.

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पांचवां दल.
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Published : Jul 17, 2019, 8:41 PM IST

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर के दर्शन को गया यात्रियों का पांचवां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है. 56 सदस्यीय इस दल में 12 महिला तीर्थयात्री भी शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित दिखे. वहीं, ये दल आज जागेश्वर धाम में रात्रि विश्राम कर कल दिल्ली रवाना होगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पांचवां दल.

कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर वापस लौटे यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किये. दिल्ली की रहने वाली युवा तीर्थयात्री आसिमा ने बताया कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करने के बाद उन्हें जो सुकून और मानसिक शांति मिली है, उसे शब्दों में बयान करना कठिन है.

पढ़ें: मिंत्रा कोरियर कंपनी में हुई लूट का खुलासा, पूर्व कर्मचारी ही निकला मास्टरमांइड

वहीं, मेरठ के रहने वाले तीर्थयात्री यतेंद्र कुमार ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई. लेकिन चीन में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि डेरापुक और झुनझुनपुई में उनके लिए बाथरूम की व्यवस्था नहीं थी, जिस कारण उन्हें खुले में शौच करना पड़ा.

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर के दर्शन को गया यात्रियों का पांचवां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है. 56 सदस्यीय इस दल में 12 महिला तीर्थयात्री भी शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित दिखे. वहीं, ये दल आज जागेश्वर धाम में रात्रि विश्राम कर कल दिल्ली रवाना होगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पांचवां दल.

कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर वापस लौटे यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किये. दिल्ली की रहने वाली युवा तीर्थयात्री आसिमा ने बताया कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करने के बाद उन्हें जो सुकून और मानसिक शांति मिली है, उसे शब्दों में बयान करना कठिन है.

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वहीं, मेरठ के रहने वाले तीर्थयात्री यतेंद्र कुमार ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई. लेकिन चीन में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि डेरापुक और झुनझुनपुई में उनके लिए बाथरूम की व्यवस्था नहीं थी, जिस कारण उन्हें खुले में शौच करना पड़ा.

Intro:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर के दर्शनों को गया यात्रियों का पांचवां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है। 56 सदस्यीय इस दल में 12 महिला तीर्थयात्री भी शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन करने पर खासे उत्साहित है। ये दल आज जागेश्वर धाम में रात्रि विश्राम कर कल दिल्ली को लौटेगा।

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा कर वापस लौटे यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव सांझा किये। दिल्ली की रहने वाली युवा तीर्थयात्री आसिमा ने बताया कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करने के बाद उन्हें जो सुकून और मानसिक शांति उन्हें मिली है उसे शब्दों में बयान करना कठिन है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिंदगी में जब भी कोई मुश्किल आएगी तो वो आंख बंद करके यात्रा के पलों की याद करेंगे ताकि उन्हें वो सुकून और शांति दोबारा मिल सके। वहीं मेरठ के रहने वाले तीर्थयात्री यतेंद्र कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें भारत मे कोई परेशानी नही हुई मगर चीन में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि डेरापुक और झुनझुनपुई में उनके लिए बाथरूम तक नही था जिस कारण उन्हें खुले में शौच के लिए जाना पड़ा। साथ ही चीन में खाने की व्यवस्था भी सही नही थी। चीन सरकार द्वारा एक कुक दिया गया था मगर खाने का सामान उन्हें खुद खरीदना पड़ा।

Byte: आसिमा, कैलाश मानसरोवर यात्री (दिल्ली)
Byte: यतेंद्र कुमार, कैलाश मानसरोवर यात्री (मेरठ)


Body:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर के दर्शनों को गया यात्रियों का पांचवां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है। 56 सदस्यीय इस दल में 12 महिला तीर्थयात्री भी शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन करने पर खासे उत्साहित है। ये दल आज जागेश्वर धाम में रात्रि विश्राम कर कल दिल्ली को लौटेगा।

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा कर वापस लौटे यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव सांझा किये। दिल्ली की रहने वाली युवा तीर्थयात्री आसिमा ने बताया कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करने के बाद उन्हें जो सुकून और मानसिक शांति उन्हें मिली है उसे शब्दों में बयान करना कठिन है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिंदगी में जब भी कोई मुश्किल आएगी तो वो आंख बंद करके यात्रा के पलों की याद करेंगे ताकि उन्हें वो सुकून और शांति दोबारा मिल सके। वहीं मेरठ के रहने वाले तीर्थयात्री यतेंद्र कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें भारत मे कोई परेशानी नही हुई मगर चीन में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि डेरापुक और झुनझुनपुई में उनके लिए बाथरूम तक नही था जिस कारण उन्हें खुले में शौच के लिए जाना पड़ा। साथ ही चीन में खाने की व्यवस्था भी सही नही थी। चीन सरकार द्वारा एक कुक दिया गया था मगर खाने का सामान उन्हें खुद खरीदना पड़ा।

Byte: आसिमा, कैलाश मानसरोवर यात्री (दिल्ली)
Byte: यतेंद्र कुमार, कैलाश मानसरोवर यात्री (मेरठ)


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