पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में चुनाव संपन्न कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. यहां दर्जनों पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना होता हैं. वहीं, ऐसे मतदान स्थल भी हैं, जहां तापमान माइनस डिग्री से भी नीचे रहता है.
पिथौरागढ़ जिले की चारों विधानसभाओं में 76 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं. जहां पहुंचने में पोलिंग पार्टियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. सबसे ज्यादा दुर्गम पोलिंग स्टेशन धारचूला विधानसभा में हैं. यहां के नामिक बूथ तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को 22 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना होता है. जबकि क्वीरीजिमिया और बौना पहुंचने के लिए भी पोलिंग पार्टियों को 9 किलोमीटर से अधिक दूरी पैदल नापनी पड़ती है.
ये भी पढ़ें: उत्तरा पंत यूकेडी में हुई शामिल, सीएम त्रिवेंद्र के जनता दरबार में हुए बवाल से चर्चाओं में आई थी शिक्षिका
वहीं, बुई और पातो के लिए 6 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना होता है. इसके अलावा कई पोलिंग स्टेशन ऐसे भी हैं, जहां पहुंचना मतदाताओं के लिए भी टेढ़ी खीर है. गैला पत्थरकोट के मतदाताओं को 4 किलोमीटर दूर बने राप्ति बूथ पहुंचना होगा. इसी तरह मनकोट के मतदाताओं को भी मतदान के लिए 4 किलोमीटर का सफर तय करना होगा.
आजादी के साढ़े 7 दशक बाद भी इन दुर्गम इलाकों के हालात नहीं बदले हैं. दुर्गम मतदान केंद्रों के अलावा सर्दियों के सीजन में मौसम भी रोड़ा अटका सकता है. जिले में तीन दर्जन से अधिक ऐसे मतदान केन्द्र हैं, जहां मार्च तक भारी बर्फ रहती है. ऐसे में मतदाताओं के साथ ही पोलिंग पार्टियों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती है.
ऐसे में जिला प्रशासन ने पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए खास प्लान तैयार किया है. वहीं, पुलिस ने ऐसे मतदान केंद्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने का फैसला लिया है.