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श्रम कानून के विरोध में दवा प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन, 31 सूत्रीय मांगों को लेकर PM को भेजा ज्ञापन - दवा प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन

श्रमिक विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग जोर पकड़ने लगी है. दवा प्रतिनिधि संघ ने पिथौरागढ़ डीएम कार्यालय में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया.

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श्रम कानून के विरोध में प्रदर्शन
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Published : Nov 6, 2020, 10:00 PM IST

पिथौरागढ़: श्रम कानूनों के विरोध में दवा प्रतिनिधि संघ ने पिथौरागढ़ डीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया. इस मौके पर संघ ने मजदूर विरोधी कानून वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही 31 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री को प्रेषित किया.

श्रम कानून के विरोध में दवा प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन.

दवा प्रतिनिधियों का कहना है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हितों में ध्यान में रखते हुए श्रम कानूनों को लगातार कमजोर कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दवा प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार जनविरोधी नीतियों को लागू कर जनता का उत्पीड़न कर रही है.नए श्रम कानून लागू होने से उद्योगपति श्रमिकों से मनमाने तरीके से काम कराएंगे और कभी भी श्रमिकों को नौकरी से निकाल सकेंगे.

पढ़ें- IAS मनीषा की तरह ही रुद्रप्रयाग से 5 महीने में हटाई गईं वंदना, ये है वजह

दवा प्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले 3 महीने के भीतर विभिन्न कम्पनियों ने हजारों मजदूरों को काम से निकाल बाहर किया है,जिन्हें तत्काल नौकरी पर वापस रखा जाए और ऐसी कंपनियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए. दवा प्रतिनिधियों ने किसान विरोधी कानून, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण, सभी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया राने और स्वास्थ्य बजट बढ़ाये जाने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर भी प्रदर्शन किया.

पिथौरागढ़: श्रम कानूनों के विरोध में दवा प्रतिनिधि संघ ने पिथौरागढ़ डीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया. इस मौके पर संघ ने मजदूर विरोधी कानून वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही 31 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री को प्रेषित किया.

श्रम कानून के विरोध में दवा प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन.

दवा प्रतिनिधियों का कहना है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हितों में ध्यान में रखते हुए श्रम कानूनों को लगातार कमजोर कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दवा प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार जनविरोधी नीतियों को लागू कर जनता का उत्पीड़न कर रही है.नए श्रम कानून लागू होने से उद्योगपति श्रमिकों से मनमाने तरीके से काम कराएंगे और कभी भी श्रमिकों को नौकरी से निकाल सकेंगे.

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दवा प्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले 3 महीने के भीतर विभिन्न कम्पनियों ने हजारों मजदूरों को काम से निकाल बाहर किया है,जिन्हें तत्काल नौकरी पर वापस रखा जाए और ऐसी कंपनियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए. दवा प्रतिनिधियों ने किसान विरोधी कानून, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण, सभी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया राने और स्वास्थ्य बजट बढ़ाये जाने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर भी प्रदर्शन किया.

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