पिथौरागढ़: केंद्र सरकार की सरहद योजना के तहत डीआरडीओ किसानों को सब्जियों की उन्नत तकनीक के बीज उपलब्ध करा रहा है. इस योजना के तहत सीमाओं पर तैनात जवानों को ऑर्गेनिक उत्पाद मिल रहे हैं. साथ ही किसानों की आजीविका को बढ़ाने में भी ये कारगर साबित हो रहा है. डीआरडीओ की प्रयोगशाला रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (Defence Institute of Bio-Energy Research) में सब्जी उत्पादन पर कार्य किया जा रहा है.
डीआईबीआईआर ने सब्जी की उन्नत तकनीक विकसित की है. इसके तहत संकर प्रजातियों को विकसित करने के साथ ही बीज उत्पादन का कार्य किया जाता है. साथ ही विदेशी सब्जियों के भी बीज उत्पादित किये जा रहे हैं. पहाड़ के विषम पारिस्थितिकी तंत्र, अत्यधिक वर्षा और ओलावृष्टि के मद्देनजर प्रोटेक्टेड एग्रीकल्चर पर भी कार्य किया जा रहा है.
इसके अलावा ऑर्गेनिक फार्मिंग को भी विकसित किया जा रहा है. केंद्र सरकार की सरहद परियोजना के तहत इस तकनीक का लाभ बॉर्डर के किसानों को दिया जा रहा है, ताकि किसान अधिक से अधिक उत्पादन कर सकें और उनकी आमदनी में सुधार हो सके. साथ ही बॉर्डर इलाकों में पलायन पर रोकथाम लगाई जा सके.
पढ़ें- कालाढूंगी: सब्जी मंडी बनी जुआरियों-शराबियों का अड्डा, काश्तकार लाचार
इसके अलावा बॉर्डर पर तैनात आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्सेज को भी सब्जियों की पौध और बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि सरहद की सुरक्षा में डटे जवानों को ताजे ऑर्गेनिक उत्पाद मिल सकें. डीआरडीओ की वैज्ञानिक वंदना पांडे ने बताया कि सरहद योजना का मकसद सेना और सिविल सोसायटी के बीच सामंजस्य स्थापित करना है. इस परियोजना से सेना के जवानों के साथ ही किसान भी खूब लाभान्वित हो रहे हैं.