पिथौरागढ़: मॉनसून सीजन शुरू होने को है, लेकिन पिथौरागढ़ का आपदा प्रबंधन विभाग बिना मुखिया के ही चल रहा है. साल भर से आपदा प्रबंधन विभाग में डीडीएमओ नहीं है, जबकि पिथौरागढ़ सूबे के सबसे संवेदनशील जिलों में शामिल हैं. फिलहाल काम चलाने के लिए युवा कल्याण अधिकारी को डीडीएमओ का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. सच्चाई ये भी है कि कार्यवाहक के भरोसे आपदाओं से निपटा नहीं जा सकता है.
आपदा की दृष्टि से पिथौरागढ़ जिला उत्तराखंड के सबसे संवेदनशील जनपदों में शुमार है, मगर हैरानी इस बात की है कि आपदाग्रस्त जिले में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला जिला आपदा प्रबंधन विभाग ही यहां राम भरोसे चल रहा है. हालात ये हैं कि विभाग में एक भी नियमित कर्मचारी मौजूद नहीं है और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का पद साल भर से खाली है. प्रशासन ने काम चलाऊ व्यवस्था के तहत युवा कल्याण अधिकारी को डीडीएमओ (जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी) की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी हुई है.
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इस मामले में जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे का कहना है कि डीडीएमओ के पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. हफ्ते भर के भीतर इस पद पर तैनाती कर दी जाएगी. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि बिना आपदा प्रबंधन अधिकारी मॉनसून की तैयारियां कैसे होंगी.