पिथौरागढ़: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जिले में आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान वह आपदा प्रभावित क्षेत्र धारचूला पहुंचे. यहां उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. इसके बाद सीएम जिला मुख्यालय पहुंचे और नैनी-सैनी एयरपोर्ट पर ही जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने जिले में पिछले दिनों हुई बारिश से नुकसान का ब्यौरा लिया.
आपदा प्रभावितों को राहत राशि: पिथौरागढ़ से पहले मुख्यमंत्री धारचूला गए. यहां आपदा प्रभावितों से मुलाकात की और 11 आपदा प्रभावितों को मुआवजे के चेक दिए. धारचूला में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को कुल 23 लाख रुपये की धनराशि के चेक बांटे. वहीं, तहसील पिथौरागढ़ के ग्राम सटगल निवासी भगवान राम को 48 हजार और छाना पांडेय को 39 हजार 900 रुपये के चेक वितरित किये. इस दौरान कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल और धन सिंह रावत भी मौजूद रहे.
आपदा से हुए नुकसान की विभागवार समीक्षा: धारचूला के बाद सीएम धामी ने जिला मुख्यालय पहुंचकर नैनी-सैनी एयरपोर्ट के विश्राम गृह पहुंचे. यहां बैठक से पहले मुख्यमंत्री एवं सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों ने सभी दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. इसके बाद सीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से हुए नुकसान की विभागवार समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राहत, बचाव व पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए रिस्टोरेशन कार्य कराए जाए.
सड़कों को खोलने पर सबसे अधिक जोर: इस दौरान सीएम ने अधिकारियों से सड़कों को खोलने पर सबसे अधिक जोर दिया. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बंद सड़कों को खोले जाने का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए. इसके लिए अतिरिक्त मशीनरी को लगाया जाए. उन्होंने निर्देश दिये कि जिले में आगामी 7 नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, इसको लेकर जल्द ही कार्य शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि जनपद में सड़क, संचार, बिजली और पेयजल समेत सभी मूलभूत सुविधाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करते हुए स्वास्थ्य व शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाए. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न समेत आवश्यक सामग्री की आपूर्ति नियमित रूप से की जाए. उन्होंने कहा कि कृषि, औद्यानिकी को भी जितनी क्षति हुई है, उसका भी तुरंत आंकलन किया जाए.
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जिलाधिकारी ने नुकसान और कार्यों की दी जानकारी: जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जनपद में बारिश से हुए नुकसान और प्रशासन द्वारा किए गए राहत, बचाव एवं पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी दी. डीएम ने बताया कि भारी वर्षा से जनपद में कुल 105 सड़कें बंद हो गई थीं, जिसमें से 66 सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है. जल्द ही सभी सड़कों को खोला जाएगा.
उन्होंने बताया कि जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे लगभग 120 पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाल लिया गया है. इसके अतिरिक्त 108 क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों में से 87 लाइनों को अस्थायी रूप से सुचारू कर दिया गया है. भारी वर्षा से जिले के कुल 580 गांवों में बिजली की व्यवस्था बाधित हो गई थी, जिसमें से 559 गांवों में विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है.
मुख्यमंत्री ने सुनी जनता की समस्याएं: बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याएं भी सुनी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर प्रदेश में अलर्ट जारी करते हुए सभी तैयारियां पहले ही कर ली गई थीं, जिस कारण प्रदेश में हुई इस भीषण वर्षा में जनहानि को कम किया जा सका. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में उन्हें केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. सरकार इस आपदा से निपटने के लिए हर स्तर पर कार्य कर रही है.