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मालिकाना हक को लेकर लोगों में फिर जगी आस, CM ने शासन स्तर पर बुलाई बैठक

चौकोड़ी की भूमि दो दशक पूर्व टी स्टेट के अन्तर्गत आती थी, लेकिन अब चाय का बागन इतिहास बन गया है. भू अभिलेखों के अनुसार बेरीनाग में 13,300 नाली भूमि है.

चौकोड़ी.
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Published : Jul 20, 2019, 9:39 AM IST

बेरीनाग: चौकोड़ी के लोग पिछले दो दशक से भूमि के मालिकाना हक की मांग करते आ रहे हैं. मालिकान हक नहीं मिलने से 15 हजार लोग आज भी परेशान हैं. इस भूमि पर मकान और निर्माण कार्य पर आये दिन प्रशासन की कार्रवाई का डर लगा रहता है. एक बार फिर शासन स्तर पर बैठक बुलाए जाने से लोगों को उम्मीदें बंधी है कि उनकी समस्या का निराकरण होगा.

चौकोड़ी की भूमि दो दशक पूर्व टी स्टेट के अन्तर्गत आती थी, लेकिन अब चाय का बागन इतिहास बन गया है. भू अभिलेखों के अनुसार बेरीनाग में 13,300 नाली और चौकोड़ी 843 हेक्टेयर भूमि है. बेरीनाग और चौकोड़ी में अभी भी तीन हजार नाली भूमि खाली पड़ी है. हाई कोर्ट ने वर्ष 2013 से बेरीनाग और चौकोड़ी में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मालिकाना हक को लेकर लोगों में फिर जगी आस.

पढ़ें-कैबिनेट में लिए गए फैसलों की होगी मॉनिटरिंग: सीएम त्रिवेंद्र

जहां एक ओर बेरीनाग को नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है, तो वहीं अभी तक नगर का विकास नहीं हो पा रहा है. अप्रैल 2015 में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरीनाग के लोगों को मालिकाना हक दिये जाने पर विचार- विमर्श कर नीति बनाये जाने की घोषणा की थी. जिस पर शासन द्वारा कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई है.

जिसमें मुख्य सचिव शासन, संयुक्त सचिव, सचिव न्याय विभाग, कुमाऊं आयुक्त, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ शामिल होंगे. इस बैठक में बेरीनाग और चौकोड़ी की भूमि की समस्या का सामाधान निकलने की उम्मीद जगी है. वहीं बैठक पर स्थानीय लोग टकटकी लगाए बैठे हैं. गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला पिछले दिनों बेरीनाग चौकोड़ी की भूमि की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिल चुकी हैं. वहीं सीएम इस पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दे चुके हैं.

बेरीनाग: चौकोड़ी के लोग पिछले दो दशक से भूमि के मालिकाना हक की मांग करते आ रहे हैं. मालिकान हक नहीं मिलने से 15 हजार लोग आज भी परेशान हैं. इस भूमि पर मकान और निर्माण कार्य पर आये दिन प्रशासन की कार्रवाई का डर लगा रहता है. एक बार फिर शासन स्तर पर बैठक बुलाए जाने से लोगों को उम्मीदें बंधी है कि उनकी समस्या का निराकरण होगा.

चौकोड़ी की भूमि दो दशक पूर्व टी स्टेट के अन्तर्गत आती थी, लेकिन अब चाय का बागन इतिहास बन गया है. भू अभिलेखों के अनुसार बेरीनाग में 13,300 नाली और चौकोड़ी 843 हेक्टेयर भूमि है. बेरीनाग और चौकोड़ी में अभी भी तीन हजार नाली भूमि खाली पड़ी है. हाई कोर्ट ने वर्ष 2013 से बेरीनाग और चौकोड़ी में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मालिकाना हक को लेकर लोगों में फिर जगी आस.

पढ़ें-कैबिनेट में लिए गए फैसलों की होगी मॉनिटरिंग: सीएम त्रिवेंद्र

जहां एक ओर बेरीनाग को नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है, तो वहीं अभी तक नगर का विकास नहीं हो पा रहा है. अप्रैल 2015 में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरीनाग के लोगों को मालिकाना हक दिये जाने पर विचार- विमर्श कर नीति बनाये जाने की घोषणा की थी. जिस पर शासन द्वारा कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई है.

जिसमें मुख्य सचिव शासन, संयुक्त सचिव, सचिव न्याय विभाग, कुमाऊं आयुक्त, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ शामिल होंगे. इस बैठक में बेरीनाग और चौकोड़ी की भूमि की समस्या का सामाधान निकलने की उम्मीद जगी है. वहीं बैठक पर स्थानीय लोग टकटकी लगाए बैठे हैं. गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला पिछले दिनों बेरीनाग चौकोड़ी की भूमि की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिल चुकी हैं. वहीं सीएम इस पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दे चुके हैं.

Intro:22 सीएम की बैठक भूमि परBody:बेरीनाग।
बेरीनाग चैकोड़ी के लोगों की एक बार फिर भूमि को लेकर जगी आश
मुख्यमंत्री ने 22 जुलाई को बुलाई बैठक
2015 हुई थी धोषणा
पिछले दो दशक से परेशान है लोग

प्रदीप महरा
बेरीनाग चैकोड़ी के लोग पिछले दो दशक से भूमि के मालिकाना हक की मांग लगातार कर रहे है लेकिन भूमि का मालिकान हक नही मिलने के कारण 15 हजार लोग आज भी परेशान है। इस भूमि पर मकान और निर्माण कार्य करना आये दिन प्रशासन के डंडे का डर बना रहता है। यहां की भूमि दो दशक पूर्व टी स्टेट के अन्तर्गत आती थी। लेकिन अब चाय का बागन इतिहास बन गया है। भू अभिलेखों के अनुसार बेरीनाग में 13,300 नाली और चैकोड़ी 843 हेक्टेयर भूमि है। बेरीनाग और चैकोड़ी भी अभी तीन हजार नाली भूमि खाली पड़ी है।हाईकोट ने वर्ष 2013 से बेरीनाग और चैकोड़ी में सभी प्रकार के निर्माण कार्य में रोक लगा दी है। जिससे लोग परेशान है भले ही बेरीनाग नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है लेकिन अभी तक नगर का विकास भी नही हो पा रहा है।
अप्रैल 2015 कांग्रेस के सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरीनाग के लोगों को मालिकाना हक दिये जाने को पर विचार विमर्श कर नीति बनाये जाने की धोषणा की थी। जिस पर शासन के द्वारा कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई को देहरादून में मुख्यंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई है। जिसें संयुक्त सचिव कृष्ण सिंह ने बैठक में मुख्य सचिव शासन,सचिव न्याय विभाग,कुमाऊ आयुक्त,आयुक्त एवं सचिव राजस्प परिषद और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को बैठक में पूरी जानकारी के साथ आने आदेश दिये है। इस बैठक में बेरीनाग और चैकोड़ी की भूमि की समस्या का सामाधान निकल सकता है। इधर एक बार फिर से भूमि का सामाधान निकलने की लोगों जिज्ञासा जगी है।
मीना गंगोला विधायक गंगोलीहाट-पिछले दिनों बेरीनाग चैकोड़ी की भूमि की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिली थी। उन्होने शीघ्र भूमि का मालिकाना हक पर कार्रवाई करने की बात कही थी। सरकार भूमि का मालिकाना हक देने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।Conclusion:लोगों की परेशानी
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