बेरीनाग: चौकोड़ी के लोग पिछले दो दशक से भूमि के मालिकाना हक की मांग करते आ रहे हैं. मालिकान हक नहीं मिलने से 15 हजार लोग आज भी परेशान हैं. इस भूमि पर मकान और निर्माण कार्य पर आये दिन प्रशासन की कार्रवाई का डर लगा रहता है. एक बार फिर शासन स्तर पर बैठक बुलाए जाने से लोगों को उम्मीदें बंधी है कि उनकी समस्या का निराकरण होगा.
चौकोड़ी की भूमि दो दशक पूर्व टी स्टेट के अन्तर्गत आती थी, लेकिन अब चाय का बागन इतिहास बन गया है. भू अभिलेखों के अनुसार बेरीनाग में 13,300 नाली और चौकोड़ी 843 हेक्टेयर भूमि है. बेरीनाग और चौकोड़ी में अभी भी तीन हजार नाली भूमि खाली पड़ी है. हाई कोर्ट ने वर्ष 2013 से बेरीनाग और चौकोड़ी में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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जहां एक ओर बेरीनाग को नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है, तो वहीं अभी तक नगर का विकास नहीं हो पा रहा है. अप्रैल 2015 में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरीनाग के लोगों को मालिकाना हक दिये जाने पर विचार- विमर्श कर नीति बनाये जाने की घोषणा की थी. जिस पर शासन द्वारा कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई है.
जिसमें मुख्य सचिव शासन, संयुक्त सचिव, सचिव न्याय विभाग, कुमाऊं आयुक्त, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ शामिल होंगे. इस बैठक में बेरीनाग और चौकोड़ी की भूमि की समस्या का सामाधान निकलने की उम्मीद जगी है. वहीं बैठक पर स्थानीय लोग टकटकी लगाए बैठे हैं. गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला पिछले दिनों बेरीनाग चौकोड़ी की भूमि की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिल चुकी हैं. वहीं सीएम इस पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दे चुके हैं.