पिथौरागढ़: विधानसभा चुनाव करीब आने के साथ ही डीडीहाट को जिला बनाने की मांग तेज होने लगी है. इसको लेकर एक बार फिर प्रदेश की सियासत गर्माने लगी है. विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. डीडीहाट विधानसभा से 5 बार विधायक रहे कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल के लिए ये मुद्दा गले की फांस से कम नहीं है.
गौर हो कि साल 1962 से ही पिथौरागढ़ से अलग डीडीहाट जिला बनाने की मांग उठती रही है. लगातार उठती मांग को देखते हुए यूपी में मुलायम सरकार ने जिले को लेकर दीक्षित आयोग बनाया था. निशंक सरकार में 15 अगस्त 2011 को डीडीहाट समेत रानीखेत, यमुनोत्री और कोटद्वार को जिला बनाने की घोषणा की थी. चुनावी साल में हुई इस घोषणा का शासनादेश भी जारी कर दिया गया था, लेकिन गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ.
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नतीजा ये रहा कि जीओ जारी होने के 10 साल बाद भी चारों जिले अस्तित्व में नहीं आ पाए. डीडीहाट जिले के सवाल पर बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के दामन पर भी दाग है. साल 2005 में 36 दिनों तक चले अनशन के बाद तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी ने डीडीहाट को जिला बनाने का ऐलान किया था, लेकिन ये ऐलान भी हवा-हवाई रहा.
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डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल लगातार पांचवीं बार विधायक हैं. ऐसे में विपक्षी जिला नहीं बनने पर उन्हें ही कठघरे में खड़ा करने की जुगत में रहते हैं. वहीं, डीडीहाट जिले की मांग उठने पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल का कहना है कि चारों जिलों के गठन को लेकर सरकार गंभीर है, लेकिन जिला पुर्नगठन आयोग की रिपोर्ट आने का इंतजार है.