पिथौरागढ़: कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने आपदा प्रभावित क्षेत्र धारचूला का दौरा किया. उन्होंने आपदा पीड़ितों से मिलकर उनका हालचाल जाना. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को जुम्मा समेत सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावितों तक राहत और सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को सड़कों को जल्द खोलने को कहा.
पिथौरागढ़ जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्र धारचूला के दौरे पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और उन्हें सरकार की तरफ से हर संभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया. मंत्री ने जिलाधिकारी को आपदा प्रभावित क्षेत्र जुम्मा में बिजली, पानी की जल्द व्यवस्था करने के साथ ही पर्याप्त खाद्यान्न सामग्री और दवाइयां पहुंचाने के निर्देश दिए. चुफाल ने आपदा प्रभावितों को आश्वासन दिलाते हुए कहा कि भूवैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद आपदा प्रभावितों के पुर्नवास की व्यवस्था की जाएगी.
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आपदाग्रस्त क्षेत्र जुम्मा में जारी रेस्क्यू ऑपेरशनः आपदाग्रस्त क्षेत्र जुम्मा में दो लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. फिलहाल सर्च टीम को लापता लोगों की तलाश में अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. बता दें कि बीते 30 अगस्त की सुबह जुम्मा में बादल फटने से आए मलबे में 7 लोग दब गए थे, जिनमें से 5 शवों को बरामद कर लिया गया है. जबकि 2 लापता लोगों की तलाश जारी है.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री का आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा स्थगितः केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का धारचूला में आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा स्थगित हो गया है. अजय भट्ट बुधवार यानी आज आपदाग्रस्त इलाकों का निरीक्षण करने के लिए जाने वाले थे, लेकिन धारचूला में खराब मौसम के कारण उनका दौरा स्थगित कर दिया गया है.
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पिथौरागढ़ को हर साल जख्म दे रही आपदाः बीते साल 19 जुलाई 2020 की रात को बादल फटने से बंगापानी के टांगा गांव में 3 मकान और गैला गांव में 2 मकान जमींदोज हो गए थे. इस दोनों घटनाओं में कुल 14 लोग अपने आशियाने के साथ जिंदा दफन हो गए. टांगा गांव में 11 लोग आपदा का शिकार हुए. जिसमें एक ही परिवार के 6 लोग भी शामिल थे. जबकि, इस गांव में मरने वालों में छह महिलाएं, पांच पुरुष शामिल थे.
उधर, गैला गांव में भी एक ही परिवार के 3 लोग काल के गाल में समा गए थे. जबकि, धामी गांव में एक मकान मलबे में जमींदोज हो गया. जिसमें मां-बेटे जिंदा मलबे में दब गए. इसके अलावा गूटी गांव में भी भारी बोल्डर की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई थी. ऐसे में इन आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल आपदा गहरा जख्म दे रहा है.