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डेढ़ महीने से नहीं बन पा रहे जन्म प्रमाण पत्र, जानिए वजह

बेरीनाग में पोर्टल में तकनीकी खराबी के चलते जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम ठप है. ऐसे में अभिभावक अपने बच्चे का आधार कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं. साथ ही बैंक में खाता भी नहीं खुलवा पा रहे हैं.

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Published : Aug 26, 2021, 9:56 PM IST

birth certificate
जन्म प्रमाण पत्र

बेरीनागः बीते डेढ़ महीने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनने का काम ठप पड़ा है. जिससे सरकारी अस्पतालों में बच्चे पैदा हुए बच्चों के परिजन काफी परेशान हैं. परिजन जन्म प्रमाण पत्र के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा-लगा कर थक चुके हैं. जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से स्वास्थ्य और बाल विकास विभाग से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है. वहीं, अधिकारी पोर्टल में तकनीकी खराबी के चलते जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने की बात कर रहे हैं.

स्थानीय निवासी दीपक बाफिला ने बताया कि उनकी बेटी को पैदा हुए डेढ़ माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक बेटी का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है. उन्हें प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इसकी शिकायत मुख्य चिकित्साधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

ये भी पढ़ेंः प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए दून निगम ने बनाए 4 जोनल कार्यालय

उनका कहना है कि जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से आधार कार्ड भी नहीं बना पा रहे हैं. न ही बैंक में खाता खुलवा पा रहे हैं. यदि जल्द जन्म प्रमाण नहीं बनता है, बच्ची को सरकार से मिलने वाली सुविधा से वंचित हो सकती है. यही हाल सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों के अभिभावकों के भी हैं. जबकि, मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे है.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योजना का लाभ नहींः प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना और नंदा गौरा योजना के लाभ के लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक होता है, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं, मामले पर सीएमओ एचसी पंत का कहना है कि पिथौरागढ़ महिला अस्पताल में प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. अन्य अस्पतालों की जानकारी जुटाई जा रही है.

बेरीनागः बीते डेढ़ महीने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनने का काम ठप पड़ा है. जिससे सरकारी अस्पतालों में बच्चे पैदा हुए बच्चों के परिजन काफी परेशान हैं. परिजन जन्म प्रमाण पत्र के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा-लगा कर थक चुके हैं. जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से स्वास्थ्य और बाल विकास विभाग से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है. वहीं, अधिकारी पोर्टल में तकनीकी खराबी के चलते जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने की बात कर रहे हैं.

स्थानीय निवासी दीपक बाफिला ने बताया कि उनकी बेटी को पैदा हुए डेढ़ माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक बेटी का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है. उन्हें प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इसकी शिकायत मुख्य चिकित्साधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

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उनका कहना है कि जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से आधार कार्ड भी नहीं बना पा रहे हैं. न ही बैंक में खाता खुलवा पा रहे हैं. यदि जल्द जन्म प्रमाण नहीं बनता है, बच्ची को सरकार से मिलने वाली सुविधा से वंचित हो सकती है. यही हाल सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों के अभिभावकों के भी हैं. जबकि, मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे है.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योजना का लाभ नहींः प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना और नंदा गौरा योजना के लाभ के लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक होता है, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं, मामले पर सीएमओ एचसी पंत का कहना है कि पिथौरागढ़ महिला अस्पताल में प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. अन्य अस्पतालों की जानकारी जुटाई जा रही है.

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