पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क में बूंदी नाले के ऊपर बैली ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. सीमा सड़क संगठन ने बूंदी नाले पर 100 फीट लंबे बैली ब्रिज का निर्माण कर दिया है. इस पुल के बनने से अब बरसात के सीजन में भी वाहनों के संचालन में कोई परेशानी नहीं होगी. बॉर्डर पर तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के वाहनों को भी आवाजाही में सहूलियत मिलेगी.
गौरतलब है कि चीन को जोड़ने वाली इस सड़क पर मालपा नाले में भी बैली ब्रिज अभी तैयार होना है. चीन सीमा तक जाने के लिए बन रही घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क के लिंक होने के बाद 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सड़क का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. इस सड़क पर मालपा और बूंदी दो स्थानों पर पुल का निर्माण और सड़क चौड़ीकरण कार्य शेष था. उद्घाटन के एक महीने बाद ही बीआरओ ने बूंदी नाले पर बैली ब्रिज तैयार कर दिया है. मालपा में बैली ब्रिज तैयार हो रहा है.
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ग्लेशियर से निकलने वाले मालपा और बूंदी नाले पर बर्फ पिघलने पर पानी बढ़ जाता है. इस कारण वाहनों की आवाजाही में दिक्कत होती थी. बैली ब्रिज तैयार होने के बाद वाहनों की आवाजाही सुगम हो गयी है. पुल बनने से बॉर्डर पर तैनात सैनिकों तक रसद और अन्य सामग्री पहुंचाने में आसानी होगी. कैलाश मानसरोवर यात्रा भी सुगम होगी.
बैली ब्रिज से ये होगा फायदा
- सेना, आईटीबीपी, एसएसबी सहित स्थानीय लोगों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी
- कैलाश यात्रा, छोटा कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा भी सुगम होगी