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पिथौरागढ़: खंडहर में तब्दील जेल के बहुरेंगे दिन, कैदियों को नहीं पहुंचाना पड़ेगा अल्मोड़ा - Pithoragarh jail updates

पिथौरागढ़ के कैदियों को 120 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा जाना पड़ता है क्योंकि, बीते एक दशक से यह जेल खंडहर में तब्दील हो चुका है. लेकिन अब जेल निर्माण के लिए संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है.

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पिथौरागढ़ के कैदियों को नहीं जाना पड़ेगा अल्मोड़ा.
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Published : Sep 19, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 5:35 PM IST

पिथौरागढ़: जिले के कैदियों के लिए राहत भरी खबर है. अब यहां के कैदियों को अल्मोड़ा के धक्के नहीं खाने पडेंगे. बीते एक दशक से खंडहर में तब्दील हुई जेल को बनाने के लिए धनराशि जारी कर दी गयी है. शासन ने जेल निर्माण के लिए संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. साथ ही शासन ने जेल निर्माण के लिए 27 करोड़ 49 लाख रुपये की स्वीकृति दी है.

खंडहर में तब्दील जेल के बहुरेंगे दिन.

यही नहीं पहली किस्त के बतौर 9 करोड़ 36 लाख की धनराशि जारी भी कर दी गई है. कार्यदायी संस्था ने बकायदा इसके लिए टेंडर भी लगा दिए हैं. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि महीने दो महीने में जेल बनाने का काम रफ्तार पकड़ेगा और कैदियों का दशकों का इंतजार भी खत्म होगा. बीते एक दशक से निर्माणधीन पिथौरागढ़ जेल खंडहर में तब्दील हो गयी थी. मगर, अब इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले 2009 में कार्यदायी संस्था जल संस्थान निर्माण निगम ने 4 करोड़ 7 लाख की धनराशि खर्च कर जेल का ढांचा तैयार किया था.

यह भी पढ़ें-जानिए देश और प्रदेश में आज क्या कुछ रहेगा खास

एक दशक पहले कार्यदायी संस्था ने जेल की भीतरी और बाहरी दिवारों को बना दिया था. यही नही कनेक्टिंग रोड से साथ स्टाफ क्वार्टर भी तैयार कर लिए थे, लेकिन उसके बाद न तो जेल बनाने के लिए एक पाई मिली और न ही इस ढांचे की किसी ने सुध ली. आलम ये है कि आधी-अधूरी जेल आज पूरी तरह बर्बाद हो गई है. दरअसल, पिथौरागढ़ के अपराधियों को अल्मोड़ा जेल पहुंचाया जाता है.120 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा आने-जाने में कैदियों की तो हालत खराब होती ही है, साथ ही सरकार का खजाना भी खाली होता है.

पिथौरागढ़: जिले के कैदियों के लिए राहत भरी खबर है. अब यहां के कैदियों को अल्मोड़ा के धक्के नहीं खाने पडेंगे. बीते एक दशक से खंडहर में तब्दील हुई जेल को बनाने के लिए धनराशि जारी कर दी गयी है. शासन ने जेल निर्माण के लिए संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. साथ ही शासन ने जेल निर्माण के लिए 27 करोड़ 49 लाख रुपये की स्वीकृति दी है.

खंडहर में तब्दील जेल के बहुरेंगे दिन.

यही नहीं पहली किस्त के बतौर 9 करोड़ 36 लाख की धनराशि जारी भी कर दी गई है. कार्यदायी संस्था ने बकायदा इसके लिए टेंडर भी लगा दिए हैं. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि महीने दो महीने में जेल बनाने का काम रफ्तार पकड़ेगा और कैदियों का दशकों का इंतजार भी खत्म होगा. बीते एक दशक से निर्माणधीन पिथौरागढ़ जेल खंडहर में तब्दील हो गयी थी. मगर, अब इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले 2009 में कार्यदायी संस्था जल संस्थान निर्माण निगम ने 4 करोड़ 7 लाख की धनराशि खर्च कर जेल का ढांचा तैयार किया था.

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एक दशक पहले कार्यदायी संस्था ने जेल की भीतरी और बाहरी दिवारों को बना दिया था. यही नही कनेक्टिंग रोड से साथ स्टाफ क्वार्टर भी तैयार कर लिए थे, लेकिन उसके बाद न तो जेल बनाने के लिए एक पाई मिली और न ही इस ढांचे की किसी ने सुध ली. आलम ये है कि आधी-अधूरी जेल आज पूरी तरह बर्बाद हो गई है. दरअसल, पिथौरागढ़ के अपराधियों को अल्मोड़ा जेल पहुंचाया जाता है.120 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा आने-जाने में कैदियों की तो हालत खराब होती ही है, साथ ही सरकार का खजाना भी खाली होता है.

Last Updated : Sep 19, 2020, 5:35 PM IST
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