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उत्तराखंड लॉकडाउन: भारत-नेपाल सीमा धारचूला में फंसे 500 नेपाली मजदूर

कोरोना वायरस को लेकर देशभर में हुए लॉकडाउन की वजह से हजारों की तदाद में मजदूर विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. वहीं पिथौरागढ़ जिले के भारत नेपाल सीमा पर भी अफरा तफरी का माहौल है. दोनों देश की सीमा धारचूला में लॉकडाउन में 500 नेपाली मजदूर फंसे हुए हैं. वहीं आक्रोशित मजदूरों ने नेपाल सरकार के खिलाफ नारे लगाए.

pithoragarh
सीमा पर फंसे नेपाली मजदूर
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Published : Mar 30, 2020, 7:20 PM IST

पिथौरागढ़: भारत नेपाल बॉर्डर पर एक बार फिर अफरा तफरी का माहौल है. लॉकडाउन के सातवें दिन पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में करीब 500 से अधिक नेपाली मजदूर फंसे हुए हैं. वहीं भारत और नेपाल दोनों तरफ से पुल बंद होने के कारण सभी नेपाली घर वापस नहीं जा पा रहे हैं. नेपाली मजदूरों ने धारचूला में नेपाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर पुल खोलने की मांग की है.

दरअसल, ये सभी मजदूर 14 अप्रैल को नेपाल में होने वाले विसुपति संक्रांति पर्व के लिए घर जाना चाहते हैं. नेपाली मान्यता है कि जो इस त्योहार के दिन अपने घर नहीं आते उन्हें मृत माना जाता है. वहीं नेपाली मजदूरों की घर-वापसी के लिए पिथौरागढ़ प्रशासन नेपाल सरकार से वार्ता कर रहा है. पिथौरागढ़ जिला प्रशासन का कहना है कि नेपाल सरकार ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 7 अप्रैल तक कर दी है.

सीमा पर फंसे नेपाली मजदूर.

धारचूला में सोमवार सुबह नेपाली मजदूरों का भारी जमावड़ा देखने को मिला. ये नेपाली मजदूर पिथौरागढ़ जिले के विभिन्न हिस्सों से कई किलोमीटर पैदल चलकर धारचूला पहुंचे हैं. मजदूरों का कहना है कि वो नेपाल में होने वाले प्रसिद्ध पर्व विसुपति संक्रांति के लिए घर जाना चाहते हैं. मगर पुल बंद होने के कारण घर नहीं जा पा रहे हैं.

ये भी पढ़े: बड़ी खबरः यहां सूखे पत्ते खाने को मजबूर गुर्जर परिवार, घर तक पहुंचा ETV BHARAT

वहीं पिथौरागढ़ प्रशासन नेपाली मजदूरों की घर वापसी के लिए नेपाल सरकार और एसएसबी के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर रहा है. पुल नहीं खुलने तक नेपाली मजदूरों के सिर छुपाने के लिए स्कूल, मंदिर, धर्मशाला में रहने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही मजदूरों को खाने के पैकेट भी दिए गए है.

पिथौरागढ़: भारत नेपाल बॉर्डर पर एक बार फिर अफरा तफरी का माहौल है. लॉकडाउन के सातवें दिन पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में करीब 500 से अधिक नेपाली मजदूर फंसे हुए हैं. वहीं भारत और नेपाल दोनों तरफ से पुल बंद होने के कारण सभी नेपाली घर वापस नहीं जा पा रहे हैं. नेपाली मजदूरों ने धारचूला में नेपाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर पुल खोलने की मांग की है.

दरअसल, ये सभी मजदूर 14 अप्रैल को नेपाल में होने वाले विसुपति संक्रांति पर्व के लिए घर जाना चाहते हैं. नेपाली मान्यता है कि जो इस त्योहार के दिन अपने घर नहीं आते उन्हें मृत माना जाता है. वहीं नेपाली मजदूरों की घर-वापसी के लिए पिथौरागढ़ प्रशासन नेपाल सरकार से वार्ता कर रहा है. पिथौरागढ़ जिला प्रशासन का कहना है कि नेपाल सरकार ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 7 अप्रैल तक कर दी है.

सीमा पर फंसे नेपाली मजदूर.

धारचूला में सोमवार सुबह नेपाली मजदूरों का भारी जमावड़ा देखने को मिला. ये नेपाली मजदूर पिथौरागढ़ जिले के विभिन्न हिस्सों से कई किलोमीटर पैदल चलकर धारचूला पहुंचे हैं. मजदूरों का कहना है कि वो नेपाल में होने वाले प्रसिद्ध पर्व विसुपति संक्रांति के लिए घर जाना चाहते हैं. मगर पुल बंद होने के कारण घर नहीं जा पा रहे हैं.

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वहीं पिथौरागढ़ प्रशासन नेपाली मजदूरों की घर वापसी के लिए नेपाल सरकार और एसएसबी के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर रहा है. पुल नहीं खुलने तक नेपाली मजदूरों के सिर छुपाने के लिए स्कूल, मंदिर, धर्मशाला में रहने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही मजदूरों को खाने के पैकेट भी दिए गए है.

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