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कैलाश मानसरोवर: इस बार चीन ने दी चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति, यात्रा पूरी कर लौटा 14वां दल

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का 14वां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है. वहीं, इस बार चीन द्वारा चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति देने से श्रद्धालुओं खुश नजर आए.

कैलाश मानसरोवर यात्रा.
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Published : Aug 23, 2019, 5:47 PM IST

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थयात्रियों का 14वां दल पिथौरागढ़ लौट आया है. 58 यात्रियों के इस दल में 13 महिला तीर्थयात्री भी शामिल हैं. पिथौरागढ़ पहुंचे 13 राज्यों के तीर्थयात्रियों का बुरांश के जूस से स्वागत किया गया. पिथौरागढ़ में लंच के बाद ये दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया. वहीं, इस बार चीन द्वारा चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति देने से श्रद्धालु खुश नजर आए.

बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थ यात्रा में से एक मानी जाती है. बावजूद इसके सभी तीर्थयात्री कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शन को खासे उत्साहित दिखे. वहीं, पिथौरागढ़ में लंच के बाद ये दल जागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गया. जहां रात्रि विश्राम कर शनिवार को ये दल दिल्ली के लिए रवाना होगा.

पढ़ें: देवभूमि में स्थित है राधा-श्रीकृष्ण का अनोखा मंदिर, रोचक है पौराणिक कथा

इस मौके पर तीर्थयात्रियों ने कहा कि मानसरोवर को जाते वक्त मौसम ने उनका पूरा साथ दिया, लेकिन वापसी के दौरान उन्हें जगह-जगह भूस्खलन देखने को मिला. सभी तीर्थयात्रियों ने रास्ते की चुनौतियों को पार कर सकुशल यात्रा सम्पन्न की.

वहीं, इस बार की चीन द्वारा चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति देने से श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है. कई यात्रियों ने इस बार चरण स्पर्श के दर्शन किए. साथ ही यात्रा के सफल संचालन के लिए श्रद्धालुओं ने एमवीएन, आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया.

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थयात्रियों का 14वां दल पिथौरागढ़ लौट आया है. 58 यात्रियों के इस दल में 13 महिला तीर्थयात्री भी शामिल हैं. पिथौरागढ़ पहुंचे 13 राज्यों के तीर्थयात्रियों का बुरांश के जूस से स्वागत किया गया. पिथौरागढ़ में लंच के बाद ये दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया. वहीं, इस बार चीन द्वारा चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति देने से श्रद्धालु खुश नजर आए.

बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थ यात्रा में से एक मानी जाती है. बावजूद इसके सभी तीर्थयात्री कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शन को खासे उत्साहित दिखे. वहीं, पिथौरागढ़ में लंच के बाद ये दल जागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गया. जहां रात्रि विश्राम कर शनिवार को ये दल दिल्ली के लिए रवाना होगा.

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इस मौके पर तीर्थयात्रियों ने कहा कि मानसरोवर को जाते वक्त मौसम ने उनका पूरा साथ दिया, लेकिन वापसी के दौरान उन्हें जगह-जगह भूस्खलन देखने को मिला. सभी तीर्थयात्रियों ने रास्ते की चुनौतियों को पार कर सकुशल यात्रा सम्पन्न की.

वहीं, इस बार की चीन द्वारा चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति देने से श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है. कई यात्रियों ने इस बार चरण स्पर्श के दर्शन किए. साथ ही यात्रा के सफल संचालन के लिए श्रद्धालुओं ने एमवीएन, आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया.

Intro:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थयात्रियों का 14 वां दल पिथौरागढ़ मुख्यालय लौट आया है। 58 यात्रियों के इस दल में 13 महिला तीर्थयात्री भी शामिल है। इस दल में 13 राज्यों के तीर्थयात्रियों ने मानसरोवर की परिक्रमा पूरी की। सभी तीर्थयात्री कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित है। विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थ यात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों में जोश की कोई कमी देखने को नही मिल रही।




Body:पिथौरागढ़ पहुंचे कैलाश मानसरोवर यात्रियों का बुरांश के जूस के साथ स्वागत किया गया। पिथौरागढ़ में लंच के बाद ये दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया है। आज जागेश्वर धाम में रात्रिविश्राम कर कल ये दल दिल्ली के लिए रवाना होगा। इस मौके पर तीर्थयात्रियों ने कहा कि मानसरोवर को जाते वक्त मौसम ने उनका पूरा साथ दिया। मगर वापसी के दौरान उन्हे जगह-जगह भूस्खलन देखने को मिला। मगर सभी तीर्थयात्रियों ने रास्ते की चुनौतियों को पार कर सकुशल यात्रा सम्पन्न की। वहीं इस बार की चीन द्वारा चरण स्पर्श के दर्शन की अनुमति देने से श्रद्धालुओं में खुसी का माहौल देखने को मिला। कई यात्रियों ने इस बार चरण स्पर्श के दर्शन किये। साथ ही यात्रा के सफल संचालन के लिए श्रद्धालुओं ने केएमवीएन, आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया।

Byte: जीवन मानकर, कैलाश मानसरोवर यात्री (कर्नाटक)



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