श्रीनगर: गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप शोध संस्थान में कृषकों को औषधीय पौधारोपण की वैज्ञानिक जानकारी देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में किसानों को औषधीय पादपों की खेती की जानकारी दी गई. साथ ही किसानों की समस्याओं को भी सुना गया. कार्यशाला में किसानों द्वारा उठाई गई समस्याओं को शोध संस्थान द्वारा केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
कार्यशाला में किसानों को मूल खेती के बदले औषधीय खेती करने के लिए प्रेरित किया गया. जिसमें पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, उत्तरकाशी और टिहरी से सैंकड़ों की संख्या में किसान श्रीनगर पहुंचे. कार्यशाला में किसानों को कुटकी, मासी, चिरायता और ब्राह्मी जैसे औषधीयों पौधों की की खेती के बारे में अहम जानकारी दी गई.
ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ः सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, महिला अधिकारों की दी गई जानकारी
शोध संस्थान के वैज्ञानिक देवकांत पुरोहित ने बताया कि कार्यशाला में किसानों की समस्याओं को सुना जाएगा. अधिकांश किसानों की समस्या वितरण की है. किसानों को बाजार न मिलने के चलते दिक्कतें आती हैं. जिसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार को किसानों की समस्या को बताया जाएगा.
कार्यशाला में मौजूद घेस गांव के किसान मेजर श्याम चंद्र ने बताया कि वह पिछले 12 साल से कुटकी की खेती कर रहे हैं. 1500 रुपए किलो के हिसाब के कुटकी बेचते है. जिससे उनको काफी लाभ हुआ है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती से ज्यादा लाभ उन्हें औषधीय खेती से हुआ है.