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श्रीनगर में सयुंक्त अस्पताल के नए भवन में कार्य शुरू

श्रीनगर सयुंक्त अस्पताल के पुराने भवन को प्रशासन धरोहर के रूप में संरक्षित करने की कार्य योजना बना रहा है. जल्द स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में डीपीआर और कार्ययोजना मांगी जाएगी.

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Published : Apr 2, 2021, 2:50 PM IST

श्रीनगर: नए बने सयुंक्त अस्पताल के भवन में कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है. लेकिन इन सब के बीच जिस भवन में पहले सयुंक्त अस्पताल चलता था. उस भवन को प्रशासन धरोहर के रूप में संरक्षित करने की कार्य योजना बना रहा है. जल्द स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में डीपीआर और कार्ययोजना मांगी जाएगी.

श्रीनगर में सयुंक्त अस्पताल के नए भवन में कार्य शुरू.

अंग्रेजों के समय में सयुंक्त अस्पताल के इस भवन को शुरूआत में डिस्पेंसरी के रूप में खोला गया था. तब इस अस्पताल में चार धाम सहित आस-पास और दूर-दराज के लोग इलाज के लिए आया करते थे. इस अस्पताल को अपग्रेड करते हुए सयुंक्त अस्पताल में बदला गया. इस अस्पताल को जनता की सेवा करते हुए 100 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. सरकार द्वारा लोगों की सहायता के लिए रेलवे की मदद से सयुंक्त अस्पताल की नई अत्याधुनिक बिल्डिंग बनाई है. जिसमें 52 बेडों की सुविधा है.

ये भी पढ़ेंः जखोली क्षेत्र पंचायत को मिलेगा दीनदयाल उपाध्याय सशक्तिकरण पुरस्कार

जिलाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि पुराने अस्पताल को धरोहर बनाए जाने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है. जल्द स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में डीपीआर मांगी जाएगी. डीपीआर के बाद पुराने अस्पताल को धरोहर बनाया जाएगा.

श्रीनगर: नए बने सयुंक्त अस्पताल के भवन में कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है. लेकिन इन सब के बीच जिस भवन में पहले सयुंक्त अस्पताल चलता था. उस भवन को प्रशासन धरोहर के रूप में संरक्षित करने की कार्य योजना बना रहा है. जल्द स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में डीपीआर और कार्ययोजना मांगी जाएगी.

श्रीनगर में सयुंक्त अस्पताल के नए भवन में कार्य शुरू.

अंग्रेजों के समय में सयुंक्त अस्पताल के इस भवन को शुरूआत में डिस्पेंसरी के रूप में खोला गया था. तब इस अस्पताल में चार धाम सहित आस-पास और दूर-दराज के लोग इलाज के लिए आया करते थे. इस अस्पताल को अपग्रेड करते हुए सयुंक्त अस्पताल में बदला गया. इस अस्पताल को जनता की सेवा करते हुए 100 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. सरकार द्वारा लोगों की सहायता के लिए रेलवे की मदद से सयुंक्त अस्पताल की नई अत्याधुनिक बिल्डिंग बनाई है. जिसमें 52 बेडों की सुविधा है.

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जिलाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि पुराने अस्पताल को धरोहर बनाए जाने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है. जल्द स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में डीपीआर मांगी जाएगी. डीपीआर के बाद पुराने अस्पताल को धरोहर बनाया जाएगा.

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