कोटद्वार: वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने पूर्व में कोटद्वार में श्रम विभाग का दफ्तर खुलवाया था. उस समय कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में हजारों लोगों के श्रमिक कार्ड बनाये गये थे. दर्जनों महिलाओं को सिलाई की ट्रेनिंग दी गई थी. जिसमें महिलाओं को 5 हजार रुपये मानदेय देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन महिलाओं को अभी तक मानदेय नहीं दिया गया है. जिससे महिलाओं में उत्तराखंड भवन एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ रोष है.
बता दें कि मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाएं श्रम विभाग के दफ्तर के बाहर अपना मानदेय लेने के आईं थीं. लेकिन घंटों धूप में खड़े रहने के बाद भी श्रम विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने अपने दफ्तर के दरवाजे तक खोलने की जहमत नहीं उठाई. जिससे महिलाएं में श्रम विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला.
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महिलाओं का कहना है कि श्रम विभाग ने कई महिलाओं को सिलाई की ट्रेनिंग दी और साथ में 5 हजार रुपये मानदेय देने का आश्वासन भी दिया. लेकिन न तो अभी तक श्रमिकों के कार्ड मिले हैं और ना ही मानदेय ही दिया गया. आवेदन करने वाली महिला अशरफ का कहना है कि लड़की के शादी के कागजात जमा किए थे. कागजात जमा किये हुए एक साल हो गया, हमारा कार्ड भी रजिस्टर्ड है लेकिन अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है.
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वहीं, शिवानी ने बताया कि महिलाओं के श्रम कार्ड बने हैं, सिलाई केंद्र में सिलाई की ट्रेनिंग ली थी, जिसका 5 हजार रुपये मानदेय मिलना था लेकिन अभी तक नहीं मिला. पूर्व में श्रम विभाग के कई बच्चों की फीस देने का वादा किया था, लेकिन उन बच्चों की स्कूल की फीस नहीं आई है, श्रमिकों के कार्ड का रजिस्ट्रेशन और रिन्यूवल नहीं किये जा रहे हैं. जिससे काफी परेशानी हो रही है.
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दरअसल, प्रदेश सरकार श्रम विभाग के माध्यम से श्रमिक परिवारों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाने और उसका लाभ देने का दावा कर रही है. लेकिन कोटद्वार क्षेत्र के श्रमिकों को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं श्रमिकों की समस्याओं को लेकर अधिकारी भी गंभीर नहीं दिख रहे हैं.