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कोटद्वारः आधुनिक मशीनों से खनन जारी, शोर से जंगली जानवर परेशान - अंधेरे में चल रहा खनन

कोटद्वार के तहसील क्षेत्र में इन दिनों रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज का कार्य किया जा रहा है. जिसके चलते पूरी रात जंगली जानवर परेशान हो रहे हैं.

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मशीनों से खनन जारी.
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Published : Jun 24, 2020, 5:01 PM IST

कोटद्वार: इन दिनों तहसील क्षेत्र में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज का कार्य किया जा रहा है. जिससे कि बरसात में बाढ़ जैसी हालातों से बचा जा सके. वहीं कलालघाटी चौकी क्षेत्र में पड़ने वाली सिगडड़ी स्रोत नदी में रिवर ट्रेनिंग का कार्य देर रात किया जा रहा है.

बता दें कि राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ लालढांग रेंज में पढ़ने वाली सिगडड़ी स्रोत नदी में जंगली जानवर रात में भारी संख्या में पानी की तलाश में घूमते रहते हैं. ऐसे में भारी भरकम पोकलैंड मशीनें देर रात नदियों में शोरगुल मचाती हैं. रिवर ट्रेनिंग नीति के नियमों के मुताबिक सूर्यास्त के बाद नदियों में कोई भी आधुनिक मशीन से खनन नहीं किया जाएगा. वहीं सिगडड़ी स्रोत नदी में रात के अंधेरे में भी आधुनिक मशीन पोकलैंड से खनन किया जा रहा है. जिसके चलते पूरी रात जंगली जानवर परेशान हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को मशीनों के शोर से दिक्कतें हो रही हैं.

मशीनों से खनन जारी.

यह भी पढ़ें: आयुष मंत्रालय की 'कोरोनिल' पर रोक के बाद पतंजलि का जवाब, अब इस बात का किया दावा

वहीं वन विभाग भी इन जानवरों की सुध नहीं ले रहा है. उपजिलाधिकारी को जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने पुलिस टीम भेजकर मौके से दो डंफर सीज कराए. वहीं पुलिस की टीम को नदी में भारी भरकम पोकलैंड मशीनें नजर नहीं आईं. पूरे मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार प्रदीप राय ने बताया कि रिवर ट्रेनिंग के तहत खनन किया जा रहा है. रात के समय हो रहे खनन को रोकने की जिम्मेदारी राजस्व और पुलिस विभाग की है. इसके लिए सभी चौकी प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है.

कोटद्वार: इन दिनों तहसील क्षेत्र में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज का कार्य किया जा रहा है. जिससे कि बरसात में बाढ़ जैसी हालातों से बचा जा सके. वहीं कलालघाटी चौकी क्षेत्र में पड़ने वाली सिगडड़ी स्रोत नदी में रिवर ट्रेनिंग का कार्य देर रात किया जा रहा है.

बता दें कि राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ लालढांग रेंज में पढ़ने वाली सिगडड़ी स्रोत नदी में जंगली जानवर रात में भारी संख्या में पानी की तलाश में घूमते रहते हैं. ऐसे में भारी भरकम पोकलैंड मशीनें देर रात नदियों में शोरगुल मचाती हैं. रिवर ट्रेनिंग नीति के नियमों के मुताबिक सूर्यास्त के बाद नदियों में कोई भी आधुनिक मशीन से खनन नहीं किया जाएगा. वहीं सिगडड़ी स्रोत नदी में रात के अंधेरे में भी आधुनिक मशीन पोकलैंड से खनन किया जा रहा है. जिसके चलते पूरी रात जंगली जानवर परेशान हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को मशीनों के शोर से दिक्कतें हो रही हैं.

मशीनों से खनन जारी.

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वहीं वन विभाग भी इन जानवरों की सुध नहीं ले रहा है. उपजिलाधिकारी को जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने पुलिस टीम भेजकर मौके से दो डंफर सीज कराए. वहीं पुलिस की टीम को नदी में भारी भरकम पोकलैंड मशीनें नजर नहीं आईं. पूरे मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार प्रदीप राय ने बताया कि रिवर ट्रेनिंग के तहत खनन किया जा रहा है. रात के समय हो रहे खनन को रोकने की जिम्मेदारी राजस्व और पुलिस विभाग की है. इसके लिए सभी चौकी प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है.

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