श्रीनगरः अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) में दोषियों पर कार्रवाई न होने पर ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन (All India DSO Students Organization) व महिला सांस्कृतिक संगठन का धरना प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी रहा. वहीं, पश्चिम बंगाल एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सांसद डॉ तरुण मंडल (Former MP of SUCI Communist Party Tarun Mandal) ने धरने को समर्थन दिया. उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने, आरोपियों का नार्को टेस्ट कराए जाने व परिजनों को न्याय दिलाए जाने की मांग की.
पूर्व सांसद डॉ तरुण मंडल ने कहा कि अंकिता भंडारी मामले के दोषियों पर कठोर कार्रवाई ना होना सरकार की विफलता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि दो महीने बाद भी पुलिस ने चार्जशीट तक दायर नहीं की. साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी मामले को नहीं ले जाया गया है. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है.
डॉ. मंडल ने कहा कि देश और प्रदेश में इस तरह के जघन्य अपराध होने से देश की संस्कृति खतरे में है. सभी संगठनों और लोगों को आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए और इस तरह के मामले में सशक्त कानून को बनाने की मांग करनी चाहिए. इससे सरकार दबाव में आकर इस प्रकार के मामलों में त्वरित कार्रवाई करेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किए जाने की मांग की है.
देहरादून में NSUI छात्र संगठन का प्रदर्शनः देहरादून में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आज अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम का खुलासा किए जाने और चार्जशीट की मांग को लेकर पुलिस मुख्यालय घेराव का ऐलान किया था. लेकिन पुलिस ने एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी समेत अन्य कार्यकर्ताओं को पहले ही हिरासत में ले लिया. पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए छात्र नेताओं को नेहरू कॉलोनी पुलिस चौकी लाया गया.
इसके बाद एनएसयूआई के अन्य कार्यकर्ता भी नेहरू कॉलोनी चौकी पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वहीं धरना दिया. छात्रों ने धरने के दौरान डीजीपी के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी की जगह सीबीआई जांच कराने की मांग की. साथ ही वीआईपी की जानकारी सार्वजनिक किए जाने की मांग की.
ये है पूरा मामला: बता दें कि 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.
पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिसॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिसॉर्ट से बाहर ले गया और ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.
पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी जेल में बंद है.