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पौड़ी में जलसंकट की आहट, गर्मी से पहले सूखने लगे जल स्रोत - पौड़ी में पानी की किल्लत

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों अभी से जल संकट की चिंता सताने लगी है. पौड़ी जिले में करीब 9 ब्लॉकों में गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल की किल्लत हो सकती है, जिससे बड़ी आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

Water sources
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Published : Mar 26, 2022, 12:58 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गर्मी ने अभी तक ठीक से दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन जल स्रोत सूखने लगे हैं. वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए आगामी दिनों में पौड़ी जिले के 9 ब्लॉकों में पेयजल का संकट गहरा सकता है. इन ब्लॉकों में 53 योजनाओं से 97 गांवों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है.

जल संस्थान की मानें तो इन 53 योजनाओं में सर्वाधिक प्रभावित योजनाएं कल्जीखाल ब्लॉक की है. जिन गांवों को पेयजल संकट का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ सकता है, उनमें एकेश्वर गांव और कोट ब्लॉक है. जल संस्थान पौड़ी के अधिशासी अभियंता एस के राय के मुताबिक सर्दियों में इस बार अपेक्षाकृत कम बरसात होने की वजह से 53 योजनाओं के पेयजल स्रोत सूखने की कगार पर आ पहुंचे हैं. ऐसे में इन योजनाओं से जुड़े करीब 97 गांवों में पेयजल संकट गहरा सकता है.
पढ़ें- उत्तराखंड ने रचा इतिहास, प्रदेश की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने ली शपथ

इन योजनाओं से सर्वाधिक प्रभावित ब्लॉक कल्जीखाल है, जबकि सबसे अधिक प्रभावित गांव एकेश्वर ब्लॉक के हैं. कल्जीखाल ब्लॉक की 14 योजनाओं पर स्रोत सूखने के चलते पानी कम होने लगा है. वहीं एकेश्वर ब्लॉक के 19 गांवों के लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है.

विभाग के अनुसार कल्जीखाल ब्लॉक में योजनाएं के 14 तो 15 गांव इससे प्रभावित हो सकते हैं. कोट की 9 योजनाओं से 15 गांव, खिर्सू की 6 योजनाओं से 6 गांव, एकेश्वर की 6 योजनाओं से सर्वाधिक 19 गांव, पोखड़ा की 4 योजनाओं से 9 गांव, पौड़ी व पाबौ की 5-5 योजनाओं से 7-7 गांव, बीरोंखाल की 2 योजनाओं से 14 गांव और थलीसैंण ब्लॉक की 2 योजनाओं से 4 गांव प्रभावित होंगे.
पढ़ें- हरीश रावत ने धामी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने की बताई वजह, लगातार हो रही थी आलोचना

क्या कहते हैं अधिकारी: जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके रॉय ने बताया कि इन योजनाओं के स्रोत में पानी कम होने के चलते आपूर्ति प्रभावित होगी. हालांकि पेयजल संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी तैयार की जा रही है. हैंडपंपों को दुरुस्त करने के अवाला प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के भी प्रयास किये जा रहे हैं.

पौड़ी: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गर्मी ने अभी तक ठीक से दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन जल स्रोत सूखने लगे हैं. वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए आगामी दिनों में पौड़ी जिले के 9 ब्लॉकों में पेयजल का संकट गहरा सकता है. इन ब्लॉकों में 53 योजनाओं से 97 गांवों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है.

जल संस्थान की मानें तो इन 53 योजनाओं में सर्वाधिक प्रभावित योजनाएं कल्जीखाल ब्लॉक की है. जिन गांवों को पेयजल संकट का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ सकता है, उनमें एकेश्वर गांव और कोट ब्लॉक है. जल संस्थान पौड़ी के अधिशासी अभियंता एस के राय के मुताबिक सर्दियों में इस बार अपेक्षाकृत कम बरसात होने की वजह से 53 योजनाओं के पेयजल स्रोत सूखने की कगार पर आ पहुंचे हैं. ऐसे में इन योजनाओं से जुड़े करीब 97 गांवों में पेयजल संकट गहरा सकता है.
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इन योजनाओं से सर्वाधिक प्रभावित ब्लॉक कल्जीखाल है, जबकि सबसे अधिक प्रभावित गांव एकेश्वर ब्लॉक के हैं. कल्जीखाल ब्लॉक की 14 योजनाओं पर स्रोत सूखने के चलते पानी कम होने लगा है. वहीं एकेश्वर ब्लॉक के 19 गांवों के लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है.

विभाग के अनुसार कल्जीखाल ब्लॉक में योजनाएं के 14 तो 15 गांव इससे प्रभावित हो सकते हैं. कोट की 9 योजनाओं से 15 गांव, खिर्सू की 6 योजनाओं से 6 गांव, एकेश्वर की 6 योजनाओं से सर्वाधिक 19 गांव, पोखड़ा की 4 योजनाओं से 9 गांव, पौड़ी व पाबौ की 5-5 योजनाओं से 7-7 गांव, बीरोंखाल की 2 योजनाओं से 14 गांव और थलीसैंण ब्लॉक की 2 योजनाओं से 4 गांव प्रभावित होंगे.
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क्या कहते हैं अधिकारी: जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके रॉय ने बताया कि इन योजनाओं के स्रोत में पानी कम होने के चलते आपूर्ति प्रभावित होगी. हालांकि पेयजल संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी तैयार की जा रही है. हैंडपंपों को दुरुस्त करने के अवाला प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के भी प्रयास किये जा रहे हैं.

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