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ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए वन भूमि का हस्तांतरण, भाबर क्षेत्र के लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी

कंचनपुरी हल्दूखाता व अन्य क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि अगर आबादी के नजदीक ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया गया तो आंदोलन किया जाएगा.

Nagar nigam kotdwar
नगर निगम कोटद्वार
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Published : Dec 3, 2021, 12:01 PM IST

कोटद्वार: नगर निगम कोटद्वार को कूड़ा निस्तारण के लिए भारत सरकार से भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिलने के बाद कंचनपुरी हल्दूखाता क्षेत्रवासियों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कंचनपुरी हल्दूखाता व अन्य क्षेत्रों के लोगों ने एक बैठक का आयोजन किया. जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि अगर आबादी के नजदीक ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया गया तो आंदोलन किया जाएगा.

नगर निगम को भले ही कूड़ा निस्तारण के लिए हल्दुखाता के समीप कंचनपुर में भूमि मिल गई हो लेकिन अवमुक्त भूमि पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनाने के लिए निगम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं, स्थानीय लोगों के विरोध के बाद आबादी के समीप ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए भूमि हस्तांतरण होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अब बैकफुट पर दिखाई देने लगे हैं.

पढ़ें- राजाजी टाइगर रिजर्व के गौहरी रेंज में ट्रांसफर नीति का उल्लंघन, सालों से एक ही जगह डटे कर्मचारी

स्थानीय लोगों का का आरोप है कि नगर निगम व स्थानीय जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से आबादी के बीच में ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया जा रहा है. ट्रंचिंग ग्राउंड की भूमि से 200 मीटर की दूरी पर पॉलीटेक्निक कॉलेज व एक प्राइवेट स्कूल मौजूद है. यह पूरा आबादी क्षेत्र है. वहीं, दूसरे छोर पर वन क्षेत्र व मालन नदी है. यह हाथी कोरिडोर क्षेत्र भी है. ऐसे में यहां पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनने से जंगली जानवर आबादी वाले इलाके में एकत्रित हो जाएंगे. जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

कोटद्वार: नगर निगम कोटद्वार को कूड़ा निस्तारण के लिए भारत सरकार से भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिलने के बाद कंचनपुरी हल्दूखाता क्षेत्रवासियों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कंचनपुरी हल्दूखाता व अन्य क्षेत्रों के लोगों ने एक बैठक का आयोजन किया. जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि अगर आबादी के नजदीक ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया गया तो आंदोलन किया जाएगा.

नगर निगम को भले ही कूड़ा निस्तारण के लिए हल्दुखाता के समीप कंचनपुर में भूमि मिल गई हो लेकिन अवमुक्त भूमि पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनाने के लिए निगम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं, स्थानीय लोगों के विरोध के बाद आबादी के समीप ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए भूमि हस्तांतरण होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अब बैकफुट पर दिखाई देने लगे हैं.

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स्थानीय लोगों का का आरोप है कि नगर निगम व स्थानीय जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से आबादी के बीच में ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया जा रहा है. ट्रंचिंग ग्राउंड की भूमि से 200 मीटर की दूरी पर पॉलीटेक्निक कॉलेज व एक प्राइवेट स्कूल मौजूद है. यह पूरा आबादी क्षेत्र है. वहीं, दूसरे छोर पर वन क्षेत्र व मालन नदी है. यह हाथी कोरिडोर क्षेत्र भी है. ऐसे में यहां पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनने से जंगली जानवर आबादी वाले इलाके में एकत्रित हो जाएंगे. जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

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