कोटद्वार: लंगूरगाड़ नदी पर 25 लाख की लागत से एक पुल निर्माण किया जा रहा है, जिसका विरोध जुवा, भैड़गांव व बंगला के ग्रामीणों द्वारा पिछले 16 दिनों से किया जा रहा है. ग्रामीण लंगूरगाड़ नदी के तट पर 16 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि शासन-प्रशासन लंगूरगाड़ नदी पर एक रिजॉर्ट को फायदा पहुंचाने के लिए मोटर पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है.
बता दें, जुवा,भैडगांव व बंगला के ग्रामीण पिछले 15 साल से गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए पुल की मांग करते आ रहे हैं. ऐसे में लोक निर्माण विभाग खंड दुगड्डा के द्वारा जिला योजना के तहत हनुमंती के समीप अमखोली गांव के नाम 25 लाख रुपए की लागत से लंगूरगाड़ नदी पर मोटर पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल सिर्फ एक रिजॉर्ट को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है.
ग्रामीणों का आरोप है कि ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों के लिए जिला योजना के तहत 25 लाख रुपए की लागत से लंगूरगाड़ नदी पर पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा है और जिस जगह पर पुल निर्माण कार्य किया जा रहा है, उस जगह पर ना कोई सड़क है और ना ही कोई गांव. यह पुल सिर्फ नदी किनारे बने एक रिजॉर्ट को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है.
वहीं, समिति के अध्यक्ष मनोज कंडवाल ने कहा कि उस होटल को बने अभी दो साल नहीं हुए और उसके लिए ग्राम अमखोली के नाम से लाखों रुपए का पुल स्वीकृत कर दिया लेकिन जहां सैकड़ों लोग 15 साल से पुल की मांग कर रहे हैं. वहां, पुल का निर्माण नहीं करवाया जा रहा है.
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आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद वर्मा का कहना है कि भाजपा सरकार हर समय बैक डोर एंट्री करती है जबकि 7 से 10 गांव लगातार विगत 15 सालों से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं लेकिन सरकार के द्वारा वहां पुल निर्माण नही करवाया जा रहा है, जहां पुल निर्माण की मांग नहीं है सड़क नही है. वहां, सरकार अपने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए पुल निर्माण करवा रही है.
इस पर लोक निर्माण खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह का कहना है कि जिला योजना के तहत 25 लाख रुपए की लागत से लंगूरगाड़ नदी पर मोटर पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. ग्राम प्रधान के प्रस्ताव पर ही पुल निर्माण कार्य किया जा रहा है, जब पुल निर्माण से आगे सड़क की बात अधिशासी अभियंता से पूछी गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली.