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प्राकृतिक जल स्रोत बचाने के लिए सड़कों पर उतरे ग्रामीण, आत्मदाह की दी चेतावनी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंड से सटे बंदूण गांव के लिए पीएमजीएसवाई के तहत सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसकी कटिंग प्राकृतिक जल स्रोत के ऊपर से की जा रही है. ऐसे में ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोत के सूखने के डर से विरोध में उतर आए हैं.

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Published : Jan 21, 2020, 5:09 PM IST

pauri news
बंदूण गांव

पौड़ीः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गृह क्षेत्र के बंदूण गांव के लोगों ने प्राकृतिक जल स्रोत को बचाने के लिए पैदल रैली निकाली. इस दौरान ग्रामीणों ने तहसील परिसर पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. साथ ही शासन-प्रशासन से सड़क निर्माण के दौरान प्राकृतिक जल स्रोत को बचाने की मांग की. उनका कहना है कि सड़क का निर्माण उनके जल स्रोत के ऊपर से किया जा रहा है. जिससे उनके जल स्रोत का अस्तित्व खतरे में आ गया है.

दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंड से सटे बंदूण गांव के लिए पीएमजीएसवाई के तहत सड़क का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी कटिंग प्राकृतिक जल स्रोत के ऊपर से की जा रही है. ऐसे में ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोत के सूखने के डर से विरोध में उतर गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के चलते उनका प्राकृतिक स्रोत समाप्त हो जाएगा. जिससे करीब 800 से 900 की आबादी को पानी के संकट से जुझना पड़ेगा.

प्राकृतिक जल स्रोत बचाने को लेकर सड़कों पर उतरे ग्रामीण.

ये भी पढ़ेंः धनोल्टी-मसूरी मार्ग पर बर्फबारी से बढ़ी लोगों की मुश्किलें, रेंग रहे वाहन

उनकी मांग है कि सड़क को जल स्रोत के नीचे से ले जाया जाए. जिससे प्राकृतिक स्रोत समाप्त ना हो. उन्होंने कहा कि जल स्रोत से ही ग्रामीणों को पानी मिल पाता है. साथ ही इसी से ही अपनी खेती बाड़ी करते हैं. ऐसे में शासन प्रशासन सड़क का निर्माण दूसरी ओर से करें. बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो ग्रामीण आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे.

वही, मामले पर सतपुली के तहसीलदार सुरेश डबराल का कहना है कि ग्रामीणों की ओर से मांग की जा रही है कि सड़क का निर्माण पानी के स्रोत के नीचे से किया जाए. जिससे प्राकृतिक जल स्रोत बचा रहे. साथ ही कहा कि ग्रामीणों ने उन्हें एक मांग पत्र सौंपा है. उनके मांग पत्र को जिलाधिकारी के पास भेजा जा रहा है. अब आगे की कार्रवाई जिलाधिकारी स्तर पर की जाएगी.

पौड़ीः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गृह क्षेत्र के बंदूण गांव के लोगों ने प्राकृतिक जल स्रोत को बचाने के लिए पैदल रैली निकाली. इस दौरान ग्रामीणों ने तहसील परिसर पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. साथ ही शासन-प्रशासन से सड़क निर्माण के दौरान प्राकृतिक जल स्रोत को बचाने की मांग की. उनका कहना है कि सड़क का निर्माण उनके जल स्रोत के ऊपर से किया जा रहा है. जिससे उनके जल स्रोत का अस्तित्व खतरे में आ गया है.

दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंड से सटे बंदूण गांव के लिए पीएमजीएसवाई के तहत सड़क का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी कटिंग प्राकृतिक जल स्रोत के ऊपर से की जा रही है. ऐसे में ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोत के सूखने के डर से विरोध में उतर गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के चलते उनका प्राकृतिक स्रोत समाप्त हो जाएगा. जिससे करीब 800 से 900 की आबादी को पानी के संकट से जुझना पड़ेगा.

प्राकृतिक जल स्रोत बचाने को लेकर सड़कों पर उतरे ग्रामीण.

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उनकी मांग है कि सड़क को जल स्रोत के नीचे से ले जाया जाए. जिससे प्राकृतिक स्रोत समाप्त ना हो. उन्होंने कहा कि जल स्रोत से ही ग्रामीणों को पानी मिल पाता है. साथ ही इसी से ही अपनी खेती बाड़ी करते हैं. ऐसे में शासन प्रशासन सड़क का निर्माण दूसरी ओर से करें. बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो ग्रामीण आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे.

वही, मामले पर सतपुली के तहसीलदार सुरेश डबराल का कहना है कि ग्रामीणों की ओर से मांग की जा रही है कि सड़क का निर्माण पानी के स्रोत के नीचे से किया जाए. जिससे प्राकृतिक जल स्रोत बचा रहे. साथ ही कहा कि ग्रामीणों ने उन्हें एक मांग पत्र सौंपा है. उनके मांग पत्र को जिलाधिकारी के पास भेजा जा रहा है. अब आगे की कार्रवाई जिलाधिकारी स्तर पर की जाएगी.

Intro:प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैण्ड से सटे बंदूण गांव के ग्रामीणों ने आज अपने प्राकृतिक जल स्रोत को बचाने के लिए पैदल रैली निकालकर तहसील परिसर तक पहुंचे तहसील परिसर मैं जिला प्रशासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि उनके गांव के समीप हो रहे सड़क निर्माण के चलते उनका प्राकृतिक स्रोत समाप्त हो जाएगा जिससे कि करीब 800 से 900 ग्रामीणों में पानी का संकट गहरा ना शुरू हो जाएगा। उनकी मांग है कि सड़क को जल स्रोत के नीचे से ले जाया जाए ताकि प्राकृतिक स्रोत समाप्त ना हो। उन्होंने बताया कि पूरे ग्रामीण आज अपने गांव में रहकर इसी पानी के भरोसे अपनी खेती का काम करते हैं और इसी के माध्यम से उनका रोजगार सकता है यदि जिला प्रशासन और सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वह आत्मदाह तक करने को मजबूर हो जाएंगे।


Body:ग्रामीणों का कहना है कि वह आज ग्राम सभा बंदूण के सभी ग्रामीण पैदल रैली निकालकर तहसील परिसर पहुंचे हैं उनकी मात्र यही मांग है कि उनके गांव का एकमात्र प्राकृतिक जल स्रोत जिससे कि करीबन 900 परिवार अपना जीवन यापन करते हैं पीएमजीएसवाई विभाग की ओर से यहां पर सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है और सड़क को प्राकृतिक जल स्रोत के ऊपर से ले जाया जा रहा है जिससे कि उनका प्राकृतिक जल स्रोत खराब व समाप्त हो जाएगा उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि इस सड़क का निर्माण प्राकृतिक जल स्रोत के नीचे से किया जाए ताकि विकास के साथ साथ ग्रामीणों का पानी का सहारा समाप्त ना हो। ग्रामीण लंबे समय से जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस सड़क का रुख मोड़ दिया जाए यदि जिला प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो वह सभी लोग आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे उन्होंने बताया कि इस जल स्रोत की मदद से उनका जीवन यापन हो रहा है साथ ही उनकी खेती और मवेशी भी इसी पानी के भरोसे हैं यदि पानी ही समाप्त हो जाएगा तो उनका जीने का आधार भी समाप्त हो जाएगा।
बाइट-सुशील रावत (ग्रामीण)
बाइट-विक्रम सिंह (ग्रामीण)
बाइट मोनिका (ग्रामीण)






Conclusion:सतपुली के तहसीलदार ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से मांग की जा रही है कि सड़क का निर्माण जो किया जा रहा है उसको पानी के स्रोत के नीचे से किया जाए ताकि उनका प्राकृतिक जल स्रोत बना रहे और बताया कि उनके मांग पत्र को जिलाधिकारी महोदय को भेजा जा रहा है और आगे की कार्यवाही भी जिलाधिकारी स्तर पर की जानी है।
बाइट-सुरेश डबराल(तहसीलदार सतपुली)
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