श्रीनगर: कीर्तिनगर ब्लॉक के रानीहाट और नैथाणा के ग्रामीण रानीहाट स्थित निर्माणधीन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे टनल के अंदर घुस गए. गुस्साए ग्रामीणों ने कार्यों को रुकवा दिया. दरअसल, ग्रामीण लंबे अरसे से रोजगार की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. उनका आरोप है कि प्रशासन और रेलवे विकास निगम हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन देता है कि रोजगार दिया जाएगा, लेकिन हर बार वादाखिलाफी होती है.
ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक विनोद कंडारी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक उनकी आवाज नहीं उठा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और रेलवे बाहरी लोगों को रोजगार दे रहा है. लेकिन स्थानीय लोगों को काम पर नहीं रखा जा रहा है, जबकि स्थानीय लोगों की जमीनों का बड़े पैमाने पर अधिग्रहण किया गया है.
रानीहाट की ग्राम प्रधान आशा देवी ने बताया कि उनके गांव की सारी सिंचित भूमि का अधिग्रहण रेलवे विकास निगम द्वारा किया गया है. रेलवे ने कहा था अस्थायी रूप से ग्रामीणों को रोजगार दिया जायेगा. लेकिन, हकीकत बिल्कुल उलट है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के पास खेती के लिए भूमि भी नहीं बची हैं. उन्होंने कहा कि जबतक प्रशासन उन्हें रोजगार नहीं देगा, तबतक वे रेलवे टनल के अंदर ही आंदोलन करेंगे.
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वहीं, नैथाणा गांव की रोशनी रुडोला ने बताया कि उन्हें ओर ग्रामीणों को हर बार आश्वासन दिया जाता है कि रोजगार दिया जाएगा. कुछ सप्ताह पूर्व ग्रामीणों को 50 दिन की ट्रेनिंग भी दी गयी. ग्रामीण अन्य राज्यों से रोजगार छोड़ कर आए, लेकिन अब उन्हें रोजगार नहीं दिया गया.
वहीं, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक को ग्रामीणों की बात को रेलवे विकास निगम के समक्ष रखनी थी. लेकिन वो आज तक स्थानीय लोगों की बात सुनने तक नहीं आए. जिससे स्थानीय लोगों में विधायक के खिलाफ रोष व्याप्त है. जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव 2022 में भुगतना पड़ेगा.
इससे पहले भी ग्रामीणों ने रोजगार की मांग को लेकर अपना आंदोलन रोक दिया था, लेकिन अब हालात बदलने के बाद एक बार फिर रानीहाट नैथाणा के ग्रामीणो ने रेलवे विकास निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दूसरी तरफ देवप्रयाग के सौंड़ के ग्रामीणों के आंदोलन को आज पांच दिन हो गए है. सौड़ के ग्रामीण भी रेलवे विकास निगम के खिलाफ आंदोलनरत है. यहां के ग्रामीण मुआवजा ना मिलने और रोजगार की मांग को लेकर अपना विरोध जाहिर कर रहे है.