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ग्रामीणों ने रेलवे विभाग पर लगाया अनदेखी का आरोप, आंदोलन की दी चेतावनी

ग्रामीणों ने आरवीएनएल और जिला प्रशासन पर ग्रामीणों को ठगने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे परियोजना के कारण उनके पास खेती करने के लिए जमीन नहीं रही है.

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अनदेखी का आरोप.
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Published : Jan 14, 2020, 5:05 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 9:33 PM IST

श्रीनगर: चौरास क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने रेलवे विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों की मांग है कि श्रीनगर रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट नैथाणा होना चाहिए. साथ ही ग्रामीणों को रोजगार और परियोजना में भागीदारी की मांगों को रेलवे विभाग पूरा करे. ऐसा न करने पर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है.

ग्रामीणों ने आरवीएनएल और जिला प्रशासन पर ग्रामीणों को ठगने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे परियोजना के कारण उनके पास खेती करने के लिए जमीन नहीं रही है. आरवीएनएल सिर्फ दो पटवारियों के बीच भूमि को अधिग्रहित मान कर मुआवजा दे रहा है. जबकि, पटवारी के बाहर का रकबा अनुपयोगी हो गया है. ऐसे में भूमि को अधिग्रहित कर मुआवजा दिया जाए.

रामीणों ने रेलवे विभाग पर लगाया अनदेखी का आरोप.

ये भी पढ़ें: देवभूमि की संस्कृति और विरासत से रूबरू हुआ मैक्सिको का दल, खूबसूरत नजारे देख बोल उठे वाह

ग्रामीणों ने रेलवे स्टेशन का नाम श्रीनगर करने पर अपनी आपत्ति जताई है. ग्रामीणों का कहना है कि जब स्टेशन रानीहाट में बन रहा है तो उसका नाम भी रानीहाट रेलवे स्टेशन होना चाहिए. आंदोलनकरियों ने कहा कि पुनर्वास और पुनर्स्थापन मद के कार्य ग्रामीणों को दिए जाएं.

श्रीनगर: चौरास क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने रेलवे विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों की मांग है कि श्रीनगर रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट नैथाणा होना चाहिए. साथ ही ग्रामीणों को रोजगार और परियोजना में भागीदारी की मांगों को रेलवे विभाग पूरा करे. ऐसा न करने पर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है.

ग्रामीणों ने आरवीएनएल और जिला प्रशासन पर ग्रामीणों को ठगने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे परियोजना के कारण उनके पास खेती करने के लिए जमीन नहीं रही है. आरवीएनएल सिर्फ दो पटवारियों के बीच भूमि को अधिग्रहित मान कर मुआवजा दे रहा है. जबकि, पटवारी के बाहर का रकबा अनुपयोगी हो गया है. ऐसे में भूमि को अधिग्रहित कर मुआवजा दिया जाए.

रामीणों ने रेलवे विभाग पर लगाया अनदेखी का आरोप.

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ग्रामीणों ने रेलवे स्टेशन का नाम श्रीनगर करने पर अपनी आपत्ति जताई है. ग्रामीणों का कहना है कि जब स्टेशन रानीहाट में बन रहा है तो उसका नाम भी रानीहाट रेलवे स्टेशन होना चाहिए. आंदोलनकरियों ने कहा कि पुनर्वास और पुनर्स्थापन मद के कार्य ग्रामीणों को दिए जाएं.

Intro:श्रीनगर के चौरास छेत्र के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने रेलवे विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन सुरु कर दिया है।गग्रामीणों की मांग है कि श्रीनगर रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट नैथाणा होना चाहिए।साथी ही ग्रामीणों को रोजगार, परियोजना में भागीदारी ओर भत्तों की मांगों को रेलवे विभाग पूरा करे।ग्रामीणों ने आरवीएनएल ओर जिला प्रशासन पर ग्रामीणों को ठगने का आरोप लगाया है।Body:रेलवे के कार्य स्थल पर आंदोलन पर नैथाणा में ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन सुरु कर दिया है।इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे परियोजना के कारण उनके पास खेती लायक जमीन नही रह गयी है।आरवीएनएल सिर्फ दो पटवारियो के बीच भूमि को अधिग्रहित मान कर मुआबजा दे रहा है।जबकि पटवारी के बाहर का रकबा अनुपयोगी हो गया है।ऐसे में भूमि को अधिग्रहित कर मुआवजा दिया जाए।Conclusion:ग्रामीणों ने रेलवे स्टेशन का नाम श्रीनगर करने पर अपनी आपत्ति जाती है।ग्रामीणों का कहना है कि जब स्टेशन रानीहाट में बन रहै है तो उस का नाम भी रानी हाट रेलवे स्टेशन होना चाहिए।आंदोलनकरियो ने कहा कि पुनर्वास ओर पुनर्स्थापन मद के कार्य ग्रामीणों को दिए जाएं ऐसा ना करने पर ग्रामीणों ने अनिश्चित काल के आंदोलन की चेतावनी दी है।
Last Updated : Jan 14, 2020, 9:33 PM IST
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