श्रीनगरः उत्तराखंड में बारिश जमकर कहर बरपा रही है. प्रदेश के कई सड़कें बंद हैं तो नदी-नाले भी उफान पर हैं. कहीं भूस्खलन से मकान जमींदोज हो रहे हैं तो वहीं आपदा में कई लोगों की जान भी चली गई है. ऐसे हालातों के बीच सूबे के आपदा मंत्री का एक बेतुका बयान भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें आपदा मंत्री ऐसे ऐप की बात कर रहे हैं, जिसमें वे बारिश होने के समय और उसकी मात्रा को कंट्रोल कर सकते हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया में आपदा मंत्री धन सिंह रावत का एक बयान तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें वे बोलते हुए नजर आ रहे हैं कि ऐसा ऐप तैयार हो चुका है जो बारिश को कंट्रोल कर सकता है. इस ऐप को मंगवाने के लिए वे भारत सरकार की भी मदद मांगेंगे. अब मंत्री जी को कौन समझाए की ऐसा ऐप भारत में क्या पूरी दुनिया में अभी तक बना ही नहीं है. वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद लोग आपदा मंत्री धन रावत की जमकर चुटकी ले रहे हैं. ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों के साथ मिलकर जल्द ही एक ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने जा रहा है, जिससे किसी भी विशेष इलाके में भारी बारिश या फिर बादल फटने से पहले जानकारी मिल जाएगी. आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि इस एप्लीकेशन के विकसित होने के बाद हमारा अलर्ट तंत्र और अधिक मजबूत होगा.
वहीं, इसके अलावा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उनके द्वारा इस शोध को लेकर तीन विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस क्षेत्र में कितनी बारिश होने वाली है. इसकी जानकारी पहले ही मिल जाएगी, जिसके बाद सरकार उस क्षेत्र में पहले ही सारी तैयारियां कर दी जाएगी और आपदा प्रबंधन तंत्र और अधिक मजबूत होगा.
डॉप्लर रडार पर बोलते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि मुक्तेश्वर डॉप्लर रडार ने अपना काम करना शुरू कर दिया है और दूसरा एक सुरकंडा देवी में स्थापित किया जा रहा है, जो एक महीने के भीतर सुरकंडा देवी में इंस्टॉल हो जाएगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि एक और डॉप्लर रडार लैंसडाउन में स्थापित किया जाना है, जो जल्द ही स्थापित होगा.
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उत्तराखंड में आपदा से आफत: बता दें कि उत्तराखंड में मॉनसून चरम पर है. ऐसे में जमकर बारिश हो रही है. जिससे जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील अंतर्गत जुम्मा गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची है. जुम्मा गांव के जामुनी तोक में 5 और सिरौउड़यार तोक में 2 आवासीय भवन भी जमींदोज हो गए. मलबे में दबने वालों में 3 बच्चियां और 4 महिलाएं शामिल हैं.
इन सात लोगों में से 5 के शव बरामद कर लिए गए हैं. जबकि 2 लापता महिलाओं की खोजबीन जारी है. इसके अलावा प्रदेश में बारिश और लैंडस्लाइड से करीब 100 सड़कें बंद हैं. जिन्हें खोलने का काम जारी है. जबकि, हाईवे बंद होने से दूरस्थ इलाकों में राशन, सब्जियां आदि की सप्लाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में इनकी किल्लत के साथ दाम भी बढ़ने लगी है.