श्रीनगर: पौड़ी जिले की गग्वाड़स्युं घाटी की निर्माणाधीन त्वाली झील में जल संग्रहड़ से पहले उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, एक बार फिर ल्वाली झील की साइड का स्थलीय निरीक्षण करेगी. यहां प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. जिसके तहत 200 से 210 मीटर की पांच झीलें एक दूसरे से जुड़ते हुए त्वाली से पुन्डोरी गांव की तलहटी तक बनाई जा रही हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने 12 साल पहले गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी से सटे हुए क्षेत्र रंदीगाड़ में त्वाली झील बनाने की घोषणा की थी. उस समय ये झील तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था, लेकिन इस झील का निर्माण आगे नहीं बढ़ सका. क्षेत्र के लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए मौजूदा प्रदेश सरकार ने डेढ़ वर्ष पहले झील निर्माण के लिए लगभग 7 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया, जिसके बाद झील निर्माण का काम शुरू हुआ. वहीं, सिंचाई विभाग ने सिविल काम लगभग पूरा भी कर दिया है.
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उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक प्रो. एमपीएस बिष्ट का कहना है कि झील का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यूसैक ने सिंचाई विभाग को कैचमेंट एरिया का भी प्लान दिया है, जो कि दूसरे चरण में होगा. अब एक बार फिर यूसैक की टीम निर्माणाधीन झील के निर्माण कार्य की प्रगति को देखेगी. झील में वाटर स्पोर्ट्स और कैम्पिंग की योजना भी बनाई जा रही है. इसे देखते हुए भी क्षेत्र का अध्ययन किया जा रहा है.