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कोरोना इफेक्ट: पलायन कर चुके लोग कर रहे गांवों का रुख, ग्रामीणों ने रखी ये शर्त

काफी पहले रोजगार की तलाश में उत्तराखंड से पलायन कर चुके ग्रामीण अब कोरोना वायरस के डर से गांव की ओर लौट रहे हैं. हालांकि ग्रामीणों ऐसे प्रवासियों को सहारा देने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है. जिसमें उन्होंने प्रवासी लोगों को कोरोना का टेस्ट कराकर गांव आने को कहा है.

पौड़ी
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Published : Mar 31, 2020, 4:52 PM IST

Updated : Apr 1, 2020, 10:52 AM IST

पौड़ी: उत्तराखंड बनने के बाद पहाड़ों में लगातार हुए पलायन का एहसास आज प्रवासी लोगों को होने लगा है. लॉकडाउन के बाद बाहरी प्रदेशों में रहने वाले लोग अपने गांव का रुख कर रहे हैं. पौड़ी जिले की बात करें तो लॉकडाउन के बाद करीब दस हजार से अधिक लोग जिले में पहुंचे हैं.

पलायन कर चुके लोग कर रहे गांवों का रुख.

वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कि इस महामारी के दौरान अपने गांव वापस तो आना चाहते थे, लेकिन उनके गांव में घर टूटे होने के चलते वे गांव वापस लौटकर नहीं आ पाए. हालांकि ग्रामीणों ऐसे प्रवासियों को सहारा देने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है. जिसमें उन्होंने प्रवासी लोगों को कोरोना का टेस्ट कराकर गांव आने को कहा है. ताकि इस तरह की बीमारी से अन्य लोग संक्रमित न हो सके.

पढ़ें-'संकटमोचक' की भूमिका में उत्तराखंड पुलिस, ग्राउंड जीरो से स्पेशल रिपोर्ट

ग्रामीण भास्कर बहुगुणा ने बताया कि जिन लोगों ने कई साल पहले अपना गांव छोड़ दिया था आज वह कोरोना वायरस से बचने से गांव का रूख कर रहे हैं. वहीं प्रवासी इंदु उनियाल ने कहा कि वह समय-समय पर अपने गांव आते हैं और छुट्टियों मनाने गांव आते हैं. इस महामारी के दौरान भी वह पहले ही अपने स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद अपने गांव वापस आ गए थे. यदि कोई अन्य व्यक्ति भी गांव आना चाहता है तो वे परीक्षण करवाकर आ सकता है. उन्होंने कहा कि और इस महामारी में वे उनके लिए सारी व्यवस्थाएं कर सकते हैं.

पौड़ी: उत्तराखंड बनने के बाद पहाड़ों में लगातार हुए पलायन का एहसास आज प्रवासी लोगों को होने लगा है. लॉकडाउन के बाद बाहरी प्रदेशों में रहने वाले लोग अपने गांव का रुख कर रहे हैं. पौड़ी जिले की बात करें तो लॉकडाउन के बाद करीब दस हजार से अधिक लोग जिले में पहुंचे हैं.

पलायन कर चुके लोग कर रहे गांवों का रुख.

वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कि इस महामारी के दौरान अपने गांव वापस तो आना चाहते थे, लेकिन उनके गांव में घर टूटे होने के चलते वे गांव वापस लौटकर नहीं आ पाए. हालांकि ग्रामीणों ऐसे प्रवासियों को सहारा देने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है. जिसमें उन्होंने प्रवासी लोगों को कोरोना का टेस्ट कराकर गांव आने को कहा है. ताकि इस तरह की बीमारी से अन्य लोग संक्रमित न हो सके.

पढ़ें-'संकटमोचक' की भूमिका में उत्तराखंड पुलिस, ग्राउंड जीरो से स्पेशल रिपोर्ट

ग्रामीण भास्कर बहुगुणा ने बताया कि जिन लोगों ने कई साल पहले अपना गांव छोड़ दिया था आज वह कोरोना वायरस से बचने से गांव का रूख कर रहे हैं. वहीं प्रवासी इंदु उनियाल ने कहा कि वह समय-समय पर अपने गांव आते हैं और छुट्टियों मनाने गांव आते हैं. इस महामारी के दौरान भी वह पहले ही अपने स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद अपने गांव वापस आ गए थे. यदि कोई अन्य व्यक्ति भी गांव आना चाहता है तो वे परीक्षण करवाकर आ सकता है. उन्होंने कहा कि और इस महामारी में वे उनके लिए सारी व्यवस्थाएं कर सकते हैं.

Last Updated : Apr 1, 2020, 10:52 AM IST
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