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Uttarakhand Election: इस सीट पर पिछले 21 सालों से महिलाओं का वर्चस्व, पुरुषों का नहीं खुल सका खाता - विजया बड़थ्वाल की यमकेश्वर सीट से हैट्रिक

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आज मतदान होना है, जिसके परिणाम 10 मार्च को आएंगे. इससे पहले आज हम आपको उत्तराखंड की एक ऐसी विधानसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां राज्य गठन के बाद अभीतक कोई पुरुष उम्मीदवार नहीं जीता है. इस सीट पर जहां पिछले 20 सालों से महिलाओं का वर्जस्व कायम है तो वहीं ये बीजेपी का गढ़ भी है.

Uttarakhand Election 2022
यमकेश्वर विधानसभा सीट
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Published : Jan 31, 2022, 5:03 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 7:21 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए आज मतदान होना है. वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक होगी. वोटों की गिनती और चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. इस चुनाव में उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर कुल 632 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपना-अपना भाग्‍य आजमा रहे हैं.

पिछले चार चुनावों की तरह उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भी राजनीतिक पार्टियों ने महिला को कोई खास तवज्जो नहीं दी है. हालांकि, उत्तराखंड में एक विधानसभा सीट (Yamkeshwar assembly seat) ऐसी है जहां राज्य गठन से बाद से ही महिलाओं का ही वर्चस्व रहा है. यहां पिछले 21 सालों से महिला प्रत्याशी ही जीतती आ रही है.

Uttarakhand Election 2022
यमकेश्वर विधानसभा सीट का सियासी गणित.

पौड़ी गढ़वाल जिले की यमकेश्वर विधानसभा सीट पर हमेशा महिला प्रत्याशियों के बीच ही कांटे की टक्कर हुई है. इस सीट पर पिछले चार चुनावों में महिला ही जीती है और वो भी बीजेपी की. इसी सीट पर कुल 90,638 मतदाता हैं, जिसमें से लगभग आधी (42,075) आबादी महिलाओं की है.

पढ़ें- सीएम धामी ने सरकार की गिनाईं उपलब्धियां, प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील

यमकेश्वर विधानसभा सीट पर एक नजर: साल 2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में 2002 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था. 2002 से 2012 तक यानी तीन बार यहां लगातार बीजेपी प्रत्याशी विजया बड़थ्वाल ने अपनी जीत दर्ज कराई.

विजया बड़थ्वाल की हैट्रिक: विजया बड़थ्वाल ने 2002 में कांग्रेस की सरोजिनी कैंतुरा को 1,447 वोटों से हराया था. वहीं 2007 में उन्होंने कांग्रेस की रेणु बिष्ट को 2,841 मतों से हराया और 2012 में फिर से जीत दर्ज की थी, इस बार वो 3541 वोट से जीती थीं. विजया बड़थ्वाल पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी और रमेश पोखरियाल निशंक की सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रही हैं. हालांकि 2017 में बीजेपी ने विजया बड़थ्वाल को टिकट नहीं दिया और उनकी जगह पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा. 2017 में यमकेश्वर विधानसभा सीट पर ऋतु खंडूड़ी ने अपनी जीत दर्ज की थी.

पढ़ें- UTTARAKHAND ELECTION 2022: सचिन बने राजकुमार के चुनावी 'पायलट', देहरादून में मांगे वोट

रेणु बिष्ट पर दांव: इस बार बीजेपी ने रेणु बिष्ट को मैदान में उतारा है. 2017 में रेणु बिष्ट निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी थीं. उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी रेणु बिष्ट दूसरे नंबर पर रही थीं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह रावत तीसरे नंबर पर रहे थे.

रेणु बिष्ट यदि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी जीत दर्ज करती हैं तो यमकेश्वर विधानसभा सीट की प्रतिष्ठा 'महिलाओं के गढ़' के रूप में बनी रहेगी. रेणु बिष्ट ने सामने कांग्रेस ने शैलेंद्र सिंह रावत को उतारा है.

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने महिलाओं को ज्यादा तवज्जों नहीं दी है. इस बार भी कांग्रेस ने 70 सीटों में से 5 तो बीजेपी ने मात्र 8 महिलाओं को ही टिकट दिए हैं. वहीं कैबिनेट में भी अभी तक महिलाओं की कोई खास भादीगारी देखने को नहीं मिली है. बीजेपी सरकार के कैबिनेट में मात्र एक महिला मंत्री रेखा आर्य को जगह दी गई थी. इससे पहले कांग्रेस की सरकार में भी केवल दिवंगत इंदिरा हृदयेश ही कैबिनेट में शामिल थीं. आज तक उत्तराखंड में कोई भी महिला मुख्यमंत्री नहीं बनी है.

देहरादून: उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए आज मतदान होना है. वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक होगी. वोटों की गिनती और चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. इस चुनाव में उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर कुल 632 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपना-अपना भाग्‍य आजमा रहे हैं.

पिछले चार चुनावों की तरह उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भी राजनीतिक पार्टियों ने महिला को कोई खास तवज्जो नहीं दी है. हालांकि, उत्तराखंड में एक विधानसभा सीट (Yamkeshwar assembly seat) ऐसी है जहां राज्य गठन से बाद से ही महिलाओं का ही वर्चस्व रहा है. यहां पिछले 21 सालों से महिला प्रत्याशी ही जीतती आ रही है.

Uttarakhand Election 2022
यमकेश्वर विधानसभा सीट का सियासी गणित.

पौड़ी गढ़वाल जिले की यमकेश्वर विधानसभा सीट पर हमेशा महिला प्रत्याशियों के बीच ही कांटे की टक्कर हुई है. इस सीट पर पिछले चार चुनावों में महिला ही जीती है और वो भी बीजेपी की. इसी सीट पर कुल 90,638 मतदाता हैं, जिसमें से लगभग आधी (42,075) आबादी महिलाओं की है.

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यमकेश्वर विधानसभा सीट पर एक नजर: साल 2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में 2002 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था. 2002 से 2012 तक यानी तीन बार यहां लगातार बीजेपी प्रत्याशी विजया बड़थ्वाल ने अपनी जीत दर्ज कराई.

विजया बड़थ्वाल की हैट्रिक: विजया बड़थ्वाल ने 2002 में कांग्रेस की सरोजिनी कैंतुरा को 1,447 वोटों से हराया था. वहीं 2007 में उन्होंने कांग्रेस की रेणु बिष्ट को 2,841 मतों से हराया और 2012 में फिर से जीत दर्ज की थी, इस बार वो 3541 वोट से जीती थीं. विजया बड़थ्वाल पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी और रमेश पोखरियाल निशंक की सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रही हैं. हालांकि 2017 में बीजेपी ने विजया बड़थ्वाल को टिकट नहीं दिया और उनकी जगह पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा. 2017 में यमकेश्वर विधानसभा सीट पर ऋतु खंडूड़ी ने अपनी जीत दर्ज की थी.

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रेणु बिष्ट पर दांव: इस बार बीजेपी ने रेणु बिष्ट को मैदान में उतारा है. 2017 में रेणु बिष्ट निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी थीं. उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी रेणु बिष्ट दूसरे नंबर पर रही थीं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह रावत तीसरे नंबर पर रहे थे.

रेणु बिष्ट यदि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी जीत दर्ज करती हैं तो यमकेश्वर विधानसभा सीट की प्रतिष्ठा 'महिलाओं के गढ़' के रूप में बनी रहेगी. रेणु बिष्ट ने सामने कांग्रेस ने शैलेंद्र सिंह रावत को उतारा है.

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने महिलाओं को ज्यादा तवज्जों नहीं दी है. इस बार भी कांग्रेस ने 70 सीटों में से 5 तो बीजेपी ने मात्र 8 महिलाओं को ही टिकट दिए हैं. वहीं कैबिनेट में भी अभी तक महिलाओं की कोई खास भादीगारी देखने को नहीं मिली है. बीजेपी सरकार के कैबिनेट में मात्र एक महिला मंत्री रेखा आर्य को जगह दी गई थी. इससे पहले कांग्रेस की सरकार में भी केवल दिवंगत इंदिरा हृदयेश ही कैबिनेट में शामिल थीं. आज तक उत्तराखंड में कोई भी महिला मुख्यमंत्री नहीं बनी है.

Last Updated : Feb 14, 2022, 7:21 AM IST
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