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पौड़ी: परंपरागत शिल्प कला के उत्थान की पहल, सरकारी इमारतों पर दिखेगी झलक

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के सरकारी कार्यालयों को अब उत्तराखंडी शैली से बनाया जाएगा. ताकि उत्तराखंड के भवनों के निर्माण की निर्माण शैली को बचाया जा सके.

uttarakhand culture
शैली की झलक
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Published : Sep 13, 2020, 12:58 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 2:18 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड की परंपरागत शिल्पकला के उत्थान और सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है.वहीं भवन और इनके कारीगरों के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से नई शुरुआत की जा रही है. जिसमें कि उत्तराखंड में बनने वाले सरकारी भवनों को उत्तराखंडी शिल्पकला शैली से बनाया जाएगा. ताकि उत्तराखंड के भवनों के निर्माण की निर्माण शैली को बचाया जा सके. जो कारीगर लंबे समय से इसी क्षेत्र में कार्य करते हैं, उनको भी आर्थिक संकट से उबारने के प्रयास चल रहे हैं.

परंपरागत शिल्प कला के उत्थान की पहल.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के सरकारी कार्यालयों को अब उत्तराखंडी शैली से बनाया जाएगा. जिससे लुप्त होती देवभूमि की शिल्पकला को संरक्षित किया जा सके. सीएम ने आगे कहा कि वर्तमान में गांवों में भवन निर्माण के लिए ईट का प्रयोग होने लगा है. जबकि पहले के समय से गांव में उत्तराखंडी संस्कृति से भवनों का निर्माण किया जाता था. जिसमें मिट्टी और पत्थर के प्रयोग से भव्य रूप दिया जाता था. वहीं स्थानीय कारीगरों को भी क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाता था.

पढ़ें: लक्सर तहसीलदार पर रिश्वत लेने का आरोप, उप जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

लेकिन बदलते समय के साथआज गांव हो या शहर सभी जगह ईट और सीमेंट का प्रयोग होने लगा है. जिससे हमारी संस्कृति भी लुप्त होती जा रही है. इसलिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं कि उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में बनने वाले सरकारी भवनों को उत्तराखंडी शैली का स्वरूप देकर निर्माण कराया जाए. जिससे स्थानीय कारीगरों को भी रोजगार से जोड़ा जाएगा. सरकार की इस पहल से संस्कृति का प्रचार-प्रसार होने के साथ ही संरक्षण भी होगा.

पौड़ी: उत्तराखंड की परंपरागत शिल्पकला के उत्थान और सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है.वहीं भवन और इनके कारीगरों के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से नई शुरुआत की जा रही है. जिसमें कि उत्तराखंड में बनने वाले सरकारी भवनों को उत्तराखंडी शिल्पकला शैली से बनाया जाएगा. ताकि उत्तराखंड के भवनों के निर्माण की निर्माण शैली को बचाया जा सके. जो कारीगर लंबे समय से इसी क्षेत्र में कार्य करते हैं, उनको भी आर्थिक संकट से उबारने के प्रयास चल रहे हैं.

परंपरागत शिल्प कला के उत्थान की पहल.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के सरकारी कार्यालयों को अब उत्तराखंडी शैली से बनाया जाएगा. जिससे लुप्त होती देवभूमि की शिल्पकला को संरक्षित किया जा सके. सीएम ने आगे कहा कि वर्तमान में गांवों में भवन निर्माण के लिए ईट का प्रयोग होने लगा है. जबकि पहले के समय से गांव में उत्तराखंडी संस्कृति से भवनों का निर्माण किया जाता था. जिसमें मिट्टी और पत्थर के प्रयोग से भव्य रूप दिया जाता था. वहीं स्थानीय कारीगरों को भी क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाता था.

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लेकिन बदलते समय के साथआज गांव हो या शहर सभी जगह ईट और सीमेंट का प्रयोग होने लगा है. जिससे हमारी संस्कृति भी लुप्त होती जा रही है. इसलिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं कि उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में बनने वाले सरकारी भवनों को उत्तराखंडी शैली का स्वरूप देकर निर्माण कराया जाए. जिससे स्थानीय कारीगरों को भी रोजगार से जोड़ा जाएगा. सरकार की इस पहल से संस्कृति का प्रचार-प्रसार होने के साथ ही संरक्षण भी होगा.

Last Updated : Sep 13, 2020, 2:18 PM IST
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